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    अदानी ग्रुप की डिफेंस यूनिट पर टैक्स चोरी का आरोप, मिसाइल पुर्जों के आयात शुल्क को लेकर जांच तेज

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    देश के सबसे बड़े औद्योगिक समूहों में से एक, अदानी ग्रुप एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला उसकी रक्षा इकाई से जुड़ा है, जिस पर टैक्स चोरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि कंपनी ने मिसाइल और ड्रोन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पुर्जों पर आयात शुल्क बचाने के लिए गलत तरीके अपनाए। इस आरोप की जांच अब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) कर रहा है।

    अदानी एंटरप्राइजेज की यह डिफेंस यूनिट देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। लेकिन अब इस विवाद ने सरकार और उद्योग जगत दोनों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

    डीआरआई की जांच में क्या है मामला?

    सूत्रों के अनुसार, डीआरआई ने पाया कि अदानी एंटरप्राइजेज की रक्षा शाखा ने आयातित पुर्जों के मूल्य में गड़बड़ी की। यह पुर्जे मिसाइल सिस्टम और ड्रोन निर्माण में उपयोग किए जाते हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि कंपनी ने कुछ आयातों को ‘डिफेंस कैटेगरी’ के अंतर्गत दिखाकर कस्टम ड्यूटी से छूट हासिल की।

    डीआरआई अधिकारियों ने कंपनी से संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं और यह जांच रहे हैं कि क्या यह छूट वैध थी या नहीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

    अदानी ग्रुप की सफाई

    हालांकि, अदानी ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि “हम सभी नियमों का पालन करते हैं और सरकार की सभी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। हमारी डिफेंस यूनिट ने आयात और निर्माण से संबंधित सभी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता रखी है।”

    कंपनी का कहना है कि यह जांच एक “सामान्य प्रक्रिया” है, जो किसी भी रक्षा परियोजना के लिए नियमित रूप से की जाती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी डिफेंस यूनिट भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।

    सरकार की सख्ती और उद्योग पर असर

    सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय दोनों ने डीआरआई से रिपोर्ट मांगी है। भारत में रक्षा निर्माण को लेकर हाल के वर्षों में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को तेजी मिली है। ऐसे में किसी बड़ी कंपनी पर टैक्स चोरी का आरोप उद्योग जगत के लिए चिंता का विषय है।

    अगर जांच में गड़बड़ी साबित होती है, तो यह न केवल अदानी ग्रुप की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि विदेशी रक्षा निवेशकों के विश्वास पर भी असर डाल सकता है।

    अदानी ग्रुप की डिफेंस यूनिट का महत्व

    अदानी एंटरप्राइजेज की डिफेंस शाखा भारत में मिसाइल, ड्रोन, और अन्य रक्षा उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह यूनिट भारतीय सेना के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिनमें सर्विलांस ड्रोन, मिसाइल सिस्टम, और रडार तकनीक शामिल हैं।

    अदानी डिफेंस ने हाल के वर्षों में कई विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी भी की है। इसका उद्देश्य भारत में अत्याधुनिक रक्षा तकनीक लाना और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना है।

    क्या बढ़ेगी जांच की आंच?

    विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आने वाले समय में और भी व्यापक हो सकता है। डीआरआई के पास अन्य रक्षा निर्माण कंपनियों की भी जानकारी है, जो समान श्रेणी में आयात कर रही हैं। अगर इस जांच में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का मामला सामने आता है, तो यह पूरे रक्षा उद्योग पर बड़ा असर डाल सकता है।

    वहीं, राजनीतिक स्तर पर भी इस मामले ने हलचल मचा दी है। विपक्ष ने सरकार से पारदर्शी जांच की मांग की है और कहा है कि “सरकार को अपने करीबी उद्योगपतियों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए, अगर वे कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।”

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