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    दिवाली से पहले सोने का रिकॉर्ड तोड़ उछाल, चीन की खरीदारी और गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट से बढ़ी चिंता

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    दिवाली और धनतेरस से ठीक पहले देश में सोने की कीमतें नए शिखर पर पहुंच गई हैं। निवेशकों और ग्राहकों के लिए यह त्योहार का मौसम थोड़ा महंगा साबित हो रहा है, क्योंकि सोने की दरें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं। इस साल सोना अब तक 41 बार ऑल-टाइम हाई को छू चुका है, जिससे बाजार में एक नई हलचल पैदा हो गई है।

    मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना ₹1.20 लाख के पार पहुंच गया। सुबह 10 बजे तक सोने की कीमतें ₹568 की बढ़त के साथ ₹1,20,817 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थीं। पिछले कारोबारी सत्र में यह ₹1,20,249 रुपये पर बंद हुआ था और आज का शुरुआती स्तर ₹1,20,350 रुपये रहा। शुरुआती कारोबार में यह ₹1,20,879 रुपये तक ऊपर गया, जो अब तक का एक नया रिकॉर्ड है।

    इस तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण चीन का लगातार सोना खरीदना बताया जा रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के केंद्रीय बैंक ने लगातार 11वें महीने अपने सोने के भंडार में इजाफा किया है। सितंबर के अंत तक चीन के पास कुल 74.06 मिलियन फाइन ट्रॉय औंस सोना था, जो अगस्त में 74.02 मिलियन औंस था। चीन की यह लगातार खरीदारी वैश्विक बाजारों में मांग बढ़ा रही है, जिससे दामों में तेज उछाल देखा जा रहा है।

    अंतरराष्ट्रीय निवेश बैंक गोल्डमैन सैश ने अपनी ताजा रिपोर्ट में सोने की कीमतों के लिए नया अनुमान जारी किया है। बैंक का कहना है कि दिसंबर 2026 तक सोने की कीमतें $4,900 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। वर्तमान में सोना पहली बार $4,000 प्रति औंस के पार चला गया है, जो अब तक का ऐतिहासिक स्तर है। गोल्डमैन सैश के विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी आने वाले महीनों में सोने को और ऊंचा ले जा सकते हैं।

    वर्तमान आर्थिक परिस्थिति में निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहां अनिश्चितता और ब्याज दरों को लेकर चिंता बढ़ी है, वहीं सोना स्थिरता का प्रतीक बनकर उभरा है। भारत में त्योहारी सीजन के चलते ज्वेलरी डिमांड में भी तेजी आई है, जिसने घरेलू बाजार में भावों को और ऊपर धकेल दिया है।

    भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है, वहां त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी का विशेष महत्व होता है। दिवाली और धनतेरस जैसे अवसरों पर लोग पारंपरिक रूप से सोना खरीदते हैं। इस बार की कीमतों ने कई खरीदारों को चौंका दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ोतरी अस्थायी हो सकती है और बाजार में हल्की स्थिरता दिवाली के बाद लौट सकती है।

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर इंडेक्स में गिरावट और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता भी सोने के भावों को सहारा दे रही है। अमेरिका में ब्याज दरों के स्थिर रहने की संभावना ने निवेशकों को फिर से गोल्ड मार्केट की ओर आकर्षित किया है। वहीं भारत में महंगाई के दबाव और वैश्विक मांग के चलते सोने की कीमतों में सुधार की गुंजाइश फिलहाल बहुत कम नजर आ रही है।

    वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोना निवेशकों के पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बना रहेगा। गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार, अगर वैश्विक राजनीतिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है, तो सोना नए रिकॉर्ड बना सकता है।

    हालांकि, कुछ विश्लेषक चेतावनी देते हैं कि कीमतें इतनी ऊंचाई पर लंबे समय तक नहीं टिकेंगी। जैसे ही चीन अपनी खरीद धीमी करेगा या अंतरराष्ट्रीय बाजार स्थिर होगा, तब सुधार की संभावना बन सकती है।

    दिवाली से पहले सोने की यह तेजी उपभोक्ताओं के लिए भले ही चिंता की बात हो, लेकिन निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी है। वैश्विक बाजारों में चीन की भूमिका और गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले समय में सोने की दिशा ऊपर की ओर ही रहेगी। इसलिए धनतेरस पर खरीदारी करने से पहले निवेशकों को बाजार के रुझान पर बारीकी से नजर रखनी होगी।

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