




महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के फिल्म उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। मुंबई की फिल्म सिटी की तर्ज पर अब नासिक जिले के इगतपुरी में एक नई फिल्म सिटी बनाई जाएगी। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दे दी गई है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उद्योग मंत्री उदय सामंत सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
नई फिल्म सिटी के लिए महाराष्ट्र सरकार ने इगतपुरी तहसील में भूमि आवंटन को मंजूरी दे दी है। यह फिल्म सिटी मुंबई से लगभग 150 किलोमीटर दूर बनाई जाएगी। माना जा रहा है कि यह परियोजना राज्य के फिल्म और मनोरंजन उद्योग के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।
अजित पवार ने बैठक में कहा कि महाराष्ट्र देश की फिल्म राजधानी रहा है और मुंबई की फिल्म सिटी ने दशकों से भारतीय सिनेमा को विश्व पटल पर पहचान दिलाई है। अब समय है कि राज्य के अन्य क्षेत्रों को भी इस विकास की धारा से जोड़ा जाए। इगतपुरी की प्राकृतिक सुंदरता, हरियाली और शांत वातावरण फिल्म शूटिंग के लिए आदर्श स्थान है।
सूत्रों के अनुसार, इगतपुरी फिल्म सिटी में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ शूटिंग स्टूडियो, आउटडोर सेट्स, एडिटिंग जोन, वीएफएक्स लैब्स, और पोस्ट-प्रोडक्शन यूनिट्स बनाए जाएंगे। इसके अलावा, यहां फिल्म अकादमी, प्रशिक्षण केंद्र, और पर्यटन सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। सरकार का उद्देश्य है कि यह प्रोजेक्ट न केवल फिल्म उद्योग को बढ़ावा दे बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोले।
महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि इस फिल्म सिटी के बनने से राज्य में फिल्म निर्माण का बोझ केवल मुंबई तक सीमित नहीं रहेगा। इगतपुरी, अपनी भौगोलिक स्थिति और हिल स्टेशन जैसे मौसम के कारण, पहले से ही कई फिल्म निर्माताओं की पसंदीदा लोकेशन रही है। अब इस इलाके में फिल्म सिटी बनने से शूटिंग की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।
देवेंद्र फडणवीस ने इस मौके पर कहा कि महाराष्ट्र की सरकार फिल्म उद्योग को हर संभव सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुंबई की फिल्म सिटी अब विस्तार की जरूरत महसूस कर रही थी, और इगतपुरी इसका एक उत्कृष्ट विकल्प साबित होगा।
इगतपुरी फिल्म सिटी के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विचार किया जा रहा है। इससे परियोजना में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो सकेगा। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना की लागत हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
फिल्म उद्योग के कई जानकारों और प्रोड्यूसर्स ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि मुंबई में बढ़ती जगह की कमी और शूटिंग परमिशन की जटिलताओं को देखते हुए, इगतपुरी फिल्म सिटी एक बड़ी राहत साबित होगी। साथ ही, इस क्षेत्र की प्राकृतिक पृष्ठभूमि फिल्मों को अधिक वास्तविकता और सौंदर्य प्रदान करेगी।
फिल्म सिटी की स्थापना से न केवल फिल्म और टीवी शो की शूटिंग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए भी बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा। पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल कंटेंट की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है, और नई फिल्म सिटी इस बढ़ते उद्योग के लिए आदर्श प्लेटफॉर्म बनेगी।
सरकार ने यह भी कहा है कि इस परियोजना में पर्यावरणीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इगतपुरी का इलाका हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसलिए, फिल्म सिटी को इको-फ्रेंडली डिज़ाइन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के सिद्धांतों पर विकसित किया जाएगा।
महाराष्ट्र फिल्म, थिएटर और कल्चर विभाग के अनुसार, राज्य में फिल्म उद्योग करीब 30 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। इगतपुरी में नई फिल्म सिटी बनने से यह संख्या और बढ़ेगी। आसपास के क्षेत्रों में होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी और अन्य सहायक सेवाओं की मांग में भी वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
जानकारों का मानना है कि आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फिल्म उत्पादन केंद्र बन सकता है। इस दिशा में इगतपुरी फिल्म सिटी एक निर्णायक कदम साबित होगा।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि फिल्म सिटी के लिए डिजाइन और निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की जा रही है, जो मुंबई फिल्म सिटी के अनुभव को आधार बनाकर नई परियोजना की रूपरेखा तय करेगी।
कुल मिलाकर, इगतपुरी फिल्म सिटी न केवल महाराष्ट्र के मनोरंजन उद्योग के विस्तार का प्रतीक होगी, बल्कि यह राज्य के पर्यटन और रोजगार क्षेत्र के लिए भी वरदान साबित हो सकती है। मुंबई की चमक अब नासिक के पहाड़ों में भी गूंजेगी, और यह कदम महाराष्ट्र को भारतीय सिनेमा की नई राजधानी बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार करेगा।