




जहानाबाद के कृष्णापुरी कॉलोनी के वार्ड नंबर छह में रहने वाले लोगों ने नगर परिषद और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ “रोड नहीं तो वोट नहीं” का ऐलान किया है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि मोहल्ले की गलियों में साल भर से नाली का पानी बह रहा है और यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। गंदे पानी के बीच लोगों को आने-जाने में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और संक्रामक बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
स्थानीय लोग कई बार इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस निराशा के कारण मोहल्लेवासियों ने पीजी रोड और कॉलोनी की गलियों में वोट बहिष्कार का बैनर लगाकर अपनी नाराजगी जाहिर की। साथ ही बैनर के पास उन्होंने शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी भी की।
स्थानीय नागरिक नागेंद्र कुमार, राजवर्धन कुमार, मनोज कुमार और सहजा शर्मा ने बताया कि गलियों में जलजमाव की समस्या समाधान को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने भी समस्या का समाधान नहीं किया। इसके बाद लोगों ने यह निर्णय लिया कि जब तक सड़क और नालियों की समस्या का समाधान नहीं होता, वे आगामी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे।
हालांकि एक माह पहले नगर परिषद ने 15 लाख रुपये की लागत से कॉलोनी के उत्तरी भाग में नाली का निर्माण कराया था, लेकिन रेलवे लाइन किनारे नाली के पानी के निकास मार्ग को ऊंचा कर दिया गया। इससे पानी निकलने के बजाय उल्टा लौटकर गलियों में जमा हो रहा है। लाखों की राशि खर्च होने के बावजूद समस्या और बढ़ गई है।
स्थानीय निवासी वाल्मीकि शर्मा ने बताया कि रेलवे लाइन किनारे नाली ऊंचा कर दी गई है, लेकिन बगल की सड़क की पीसीसी नहीं की गई, जिससे घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। जलजमाव की यह समस्या न केवल दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर रही है।
मोहल्ले के लोग बताते हैं कि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से उनका जीवन कठिन होता जा रहा है। जलजमाव और नाली की बदतर स्थिति के कारण पैदल और वाहन चलाना कठिन हो गया है। बच्चों के स्कूल जाने और बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल में भी समस्याएं आ रही हैं।
स्थानीय लोगों ने यह साफ संदेश दिया है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे वोट का बहिष्कार करेंगे। यह कदम यह दर्शाता है कि नागरिक अपने अधिकारों और मूलभूत सुविधाओं के लिए कितना गंभीर हैं। मोहल्लेवासियों का कहना है कि यह आंदोलन न केवल कॉलोनी तक सीमित है, बल्कि अन्य वार्डों में भी जागरूकता फैलाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के स्थानीय विरोध प्रदर्शन शासन और प्रशासन के लिए चेतावनी हैं। नागरिक अपने अधिकारों और जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए सतत संघर्ष कर रहे हैं। जलजमाव और नाली की समस्याओं को नजरअंदाज करना भविष्य में बड़े सामाजिक और स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है।
नगर परिषद और संबंधित अधिकारी अब इस मामले पर ध्यान दें और जल्द से जल्द कॉलोनी की गलियों में जल निकासी और सड़क निर्माण का काम शुरू करें। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वह आंदोलन को और व्यापक रूप देंगे और अन्य वार्डों के साथ मिलकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
कुल मिलाकर, कृष्णापुरी कॉलोनी के वार्ड छह के लोग अपनी समस्या के समाधान के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं। “रोड नहीं तो वोट नहीं” का बैनर और नारेबाजी शासन प्रशासन के लिए चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। यह घटना यह स्पष्ट करती है कि नागरिक अपने मूलभूत अधिकारों और सुविधाओं के लिए कितने संवेदनशील और जागरूक हैं।