• Create News
  • Nominate Now

    ‘लाडकी बहिन’ योजना बनी सरकार के गले की फांस, महाराष्ट्र के मंत्री का बड़ा बयान – दूसरी योजनाओं के लिए नहीं बचा फंड

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    महाराष्ट्र की बहुचर्चित ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, अब राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। हाल ही में महाराष्ट्र के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने स्वीकार किया है कि इस योजना के चलते राज्य की अन्य सरकारी योजनाओं के फंड पर गंभीर असर पड़ा है।

    उन्होंने कहा कि सरकार के लगभग सभी विभाग फंड की भारी कमी से जूझ रहे हैं। यह पहला मौका है जब किसी मंत्री ने सार्वजनिक रूप से माना है कि लाडकी बहिन योजना की वजह से विकास योजनाओं की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है।

    छगन भुजबल ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना से राज्य के बजट पर काफी दबाव पड़ा है। हर विभाग को सीमित संसाधनों में काम करना पड़ रहा है। कई प्रोजेक्ट्स की फाइलें मंजूरी के इंतजार में पड़ी हैं क्योंकि फंड उपलब्ध नहीं है।”

    उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के विकास कार्यों, सड़क परियोजनाओं, सिंचाई और कृषि सुधार योजनाओं को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। भुजबल ने स्वीकार किया कि वित्त विभाग को लगातार यह चुनौती झेलनी पड़ रही है कि सीमित बजट में किन योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए।

    ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ महाराष्ट्र सरकार की प्रमुख सामाजिक योजना है, जिसके तहत 21 से 60 वर्ष की महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

    इस योजना के तहत अब तक करोड़ों महिलाएं पंजीकृत हो चुकी हैं। हालांकि, इतने बड़े स्तर पर योजना लागू करने से राज्य सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ा है।

    सूत्रों के अनुसार, योजना के तहत प्रतिमाह हजारों करोड़ रुपये का खर्च आता है। यही वजह है कि राज्य के अन्य विभागों को अपने प्रोजेक्ट्स के लिए अपेक्षित फंड नहीं मिल पा रहे हैं।

    कई विभागों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि फंड में सुधार नहीं हुआ तो वे आने वाले महीनों में नई योजनाओं की शुरुआत नहीं कर पाएंगे। भुजबल ने माना कि यह स्थिति अब धीरे-धीरे सभी मंत्रालयों के सामने एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।

    इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए ‘लाडकी बहिन’ योजना शुरू की, लेकिन इसके लिए कोई ठोस आर्थिक रणनीति नहीं बनाई।

    कांग्रेस नेता ने कहा, “महिलाओं के सशक्तिकरण का हम समर्थन करते हैं, लेकिन इस योजना ने राज्य की वित्तीय स्थिति को कमजोर कर दिया है। जब शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसी योजनाओं के लिए फंड नहीं बचेगा, तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।”

    सरकारी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही राज्य के बजट आवंटन की समीक्षा की जाएगी। वित्त विभाग की टीम को इस बात का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया है कि योजना को जारी रखते हुए किस तरह दूसरे विभागों की योजनाओं को पुनर्जीवित किया जा सके।

    भुजबल ने भी अपने बयान में कहा कि “सरकार महिलाओं के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन हमें आर्थिक संतुलन बनाना भी जरूरी है। हमें यह देखना होगा कि विकास की गति कहीं रुक न जाए।”

    आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्य ने जल्द ही वित्तीय पुनर्संरचना नहीं की, तो भविष्य में और योजनाएं भी प्रभावित होंगी। एक अर्थशास्त्री ने कहा, “राज्य का सामाजिक व्यय लगातार बढ़ रहा है, जबकि राजस्व वृद्धि सीमित है। ऐसे में दीर्घकालिक आर्थिक योजनाओं को खतरा हो सकता है।”

    उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करना चाहिए ताकि एक साथ बजट पर बोझ न पड़े।

    भुजबल के इस बयान के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार को अपने बजट संतुलन को लेकर पुनर्विचार करना होगा। जहां ‘लाडकी बहिन’ योजना ने महिलाओं में उम्मीद की नई किरण जगाई है, वहीं अब यह योजना राज्य के वित्तीय प्रबंधन के लिए एक बड़ी कसौटी बन गई है।

    आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र सरकार किस तरह इस वित्तीय संकट से निपटती है और क्या वह सभी योजनाओं को एक साथ आगे बढ़ा पाएगी।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    चुनावों से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव — कई राज्यों में बदले ‘रणनीतिक योद्धा’, वार रूम की कमान नए नेताओं को

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति को नया आकार देने की दिशा…

    Continue reading
    प्रधानमंत्री मोदी ने रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा—वंचितों और शोषितों के कल्याण के प्रतीक थे

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *