




दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. (Facebook की पैरेंट कंपनी) ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरे टेक्नोलॉजी जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने न्यू मैक्सिको के रहने वाले एलेक्जेंडर वांग के स्टार्टअप में 14 अरब डॉलर (लगभग 1.16 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किया है।
इस भारी निवेश का उद्देश्य सिर्फ उनका स्टार्टअप खरीदना नहीं है, बल्कि वांग को मेटा से जोड़ना और कंपनी की AI रिसर्च को नई दिशा देना है।
कौन हैं एलेक्जेंडर वांग?
एलेक्जेंडर वांग का नाम टेक इंडस्ट्री के लिए नया नहीं है। वह स्केल एआई (Scale AI) नामक स्टार्टअप के संस्थापक और सीईओ हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में तेजी से उभरती कंपनियों में से एक है।
वांग का जन्म न्यू मैक्सिको, अमेरिका में हुआ था और उन्होंने बहुत कम उम्र में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में रुचि दिखानी शुरू कर दी थी। हाई स्कूल के दौरान ही उन्होंने MIT Math Olympiad में हिस्सा लिया था और अपनी गणितीय दक्षता के लिए पुरस्कार जीते थे।
बाद में उन्होंने MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से अध्ययन शुरू किया, लेकिन अपने स्टार्टअप के विज़न को पूरा करने के लिए पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।
कैसे शुरू हुआ Scale AI?
2016 में एलेक्जेंडर वांग ने अपनी सह-संस्थापक लूसी गुओ के साथ Scale AI की स्थापना की थी। इस कंपनी का उद्देश्य था— मशीन लर्निंग मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला डेटा उपलब्ध कराना।
आज स्केल एआई, OpenAI, Nvidia, Tesla, Amazon और U.S. Defense Department जैसी कंपनियों के साथ काम कर रही है। यह कंपनी AI ट्रेनिंग डेटा और ऑटोमेशन सॉल्यूशंस के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी मानी जाती है।
मार्क जुकरबर्ग की नजर क्यों पड़ी वांग पर?
मेटा पिछले कुछ वर्षों से अपनी AI रणनीति को लेकर लगातार निवेश कर रही है। जुकरबर्ग चाहते हैं कि मेटा न सिर्फ सोशल मीडिया कंपनी रहे, बल्कि AI और मेटावर्स तकनीक में भी अग्रणी भूमिका निभाए।
एलेक्जेंडर वांग की कंपनी Scale AI ने पिछले कुछ वर्षों में AI मॉडल्स को ट्रेनिंग देने के लिए असाधारण तकनीकी प्रगति दिखाई है। मेटा की AI टीम को उम्मीद है कि वांग के जुड़ने से मेटा की AI रिसर्च यूनिट को ChatGPT और Google DeepMind जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।
सूत्रों के मुताबिक, यह सौदा सिर्फ एक निवेश नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक गठबंधन है, जिसके तहत वांग मेटा की AI रिसर्च का नेतृत्व करेंगे।
14 अरब डॉलर का निवेश क्यों खास है?
यह निवेश मेटा के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत टेक अधिग्रहण माना जा रहा है। इतनी बड़ी राशि किसी भी व्यक्तिगत संस्थापक को हायर करने के लिए पहले कभी खर्च नहीं की गई थी।
इस डील के तहत वांग की कंपनी Scale AI अब मेटा की स्वामित्व वाली यूनिट बन जाएगी, लेकिन वांग को कंपनी के बोर्ड में एक स्वतंत्र स्थान मिलेगा।
टेक इंडस्ट्री के विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम मेटा के भविष्य को बदल सकता है। क्योंकि जिस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब दुनिया की अर्थव्यवस्था और उद्योगों को आकार दे रही है, ऐसे में AI एक्सपर्ट्स की अहमियत बढ़ती जा रही है।
वांग की सफलता की कहानी
एलेक्जेंडर वांग की कहानी प्रेरणादायक है। 25 साल की उम्र में ही उन्होंने खुद की कंपनी को यूनिकॉर्न बना दिया था। फोर्ब्स ने उन्हें “Forbes 30 Under 30” सूची में शामिल किया था।
उनका परिवार पहले न्यूक्लियर इंजीनियरिंग रिसर्च से जुड़ा हुआ था, और बचपन से ही वांग का माहौल वैज्ञानिक सोच वाला था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत Quora और Addepar जैसी टेक कंपनियों में इंटर्नशिप से की थी।
आज वह न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में AI के भविष्य को दिशा देने वाले युवा दिमागों में से एक माने जाते हैं।
मेटा की AI रेस में नया अध्याय
पिछले कुछ समय से मेटा को AI की दौड़ में OpenAI और Google जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही थी। ChatGPT और Gemini जैसे चैटबॉट्स ने टेक दुनिया में क्रांति ला दी है।
इसलिए मेटा अब अपने खुद के लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) और जनरेटिव AI टूल्स विकसित करने में तेजी ला रहा है। वांग की टीम के आने से मेटा की AI रणनीति को नया विजन और वैज्ञानिक नेतृत्व मिलने की उम्मीद है।
भविष्य की झलक: मेटा का AI साम्राज्य
जुकरबर्ग ने पहले ही संकेत दिया था कि आने वाले वर्षों में मेटा का फोकस सिर्फ सोशल नेटवर्किंग नहीं रहेगा, बल्कि AI, VR और मेटावर्स तकनीक का संगम होगा।
एलेक्जेंडर वांग का मेटा से जुड़ना इस रणनीति का हिस्सा है। अब मेटा AI आधारित प्रोजेक्ट्स जैसे AI-संचालित अवतार, भाषा अनुवाद प्रणाली, और 3D डिजिटल दुनिया पर तेजी से काम करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सौदा मेटा को “भविष्य की टेक क्रांति का अग्रदूत” बना सकता है।
एलेक्जेंडर वांग का मेटा से जुड़ना सिर्फ एक व्यावसायिक डील नहीं, बल्कि एक टेक्नोलॉजिकल अलायंस है। यह कदम बताता है कि मेटा अब आने वाले दशकों में AI को अपना मुख्य स्तंभ बनाने जा रहा है।
14 अरब डॉलर का निवेश एक ऐसा संकेत है जो दिखाता है कि मानव बुद्धि और मशीन लर्निंग का संगम ही भविष्य है — और इस भविष्य का नेतृत्व अब एलेक्जेंडर वांग जैसे युवा मस्तिष्कों के हाथों में होगा।