




मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली मेट्रो में अब एक और बड़ा अध्याय जुड़ने जा रहा है। मुंबई मेट्रो लाइन 3 (Metro Line 3) का अंतिम फेज यानी विज्ञान संग्रहालय से कफ परेड तक का हिस्सा 8 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। इस फेज के शुरू होने से सीएसएमटी, चर्चगेट, और कफ परेड जैसे प्रमुख इलाकों तक सीधी मेट्रो सुविधा मिलेगी। इससे यात्रियों का समय तो बचेगा ही, साथ ही दक्षिण मुंबई के ट्रैफिक दबाव में भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
मुंबई मेट्रो लाइन 3 को “एक्वा लाइन” के नाम से जाना जाता है। यह शहर की पहली भूमिगत मेट्रो लाइन है, जो उत्तर-दक्षिण दिशा में कोलाबा से बांद्रा और सीप्ज़ तक फैली हुई है। इस मेट्रो लाइन की कुल लंबाई 33.5 किलोमीटर है और इसमें 26 स्टेशन बनाए गए हैं। यह मेट्रो लाइन मुंबई के कई महत्वपूर्ण व्यावसायिक, शैक्षणिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ती है।
अंतिम फेज का उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मौजूदगी में होने की संभावना है। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) ने बताया है कि यह फेज विज्ञान संग्रहालय, हाजी अली, चर्चगेट, सीएसएमटी और कफ परेड जैसे अहम स्टेशनों को जोड़ेगा।
यह मार्ग विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा जो रोजाना साउथ मुंबई में काम या पढ़ाई के लिए यात्रा करते हैं। फिलहाल, इन इलाकों में लोकल ट्रेन और सड़क परिवहन पर अत्यधिक दबाव है। लेकिन मेट्रो लाइन 3 के शुरू होने से यात्रा का समय करीब 30-40 मिनट तक घटने का अनुमान है।
मुंबई मेट्रो लाइन 3 का यह फेज तकनीकी रूप से भी बेहद उन्नत है। यहां सभी स्टेशन भूमिगत बनाए गए हैं और आधुनिक सुरक्षा प्रणाली से लैस हैं। मेट्रो के हर कोच में एयर कंडीशनिंग, ऑटोमेटिक डोर सिस्टम और रियल टाइम रूट डिस्प्ले जैसी सुविधाएं दी गई हैं। इससे यात्रियों को न केवल आरामदायक बल्कि सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
एमएमआरसी (MMRC) के अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना मुंबई के परिवहन ढांचे को पूरी तरह बदल देगी। अब उत्तर से दक्षिण मुंबई तक की यात्रा मेट्रो से सिर्फ एक घंटे में पूरी हो सकेगी। पहले जहां बांद्रा से कफ परेड तक पहुंचने में डेढ़ घंटे से अधिक समय लगता था, वहीं अब यह दूरी करीब 55 मिनट में तय हो जाएगी।
इस परियोजना का निर्माण कई वर्षों से चल रहा था। मेट्रो लाइन 3 को तीन हिस्सों में बांटकर विकसित किया गया — पहला फेज सीप्ज़ से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC), दूसरा फेज BKC से हाजी अली और तीसरा फेज हाजी अली से कफ परेड तक का है। अंतिम फेज के पूरा होने के बाद यह पूरी लाइन आम जनता के लिए खुल जाएगी।
इस लाइन के निर्माण से मुंबई के पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रैफिक कम होने से प्रदूषण में कमी आएगी और ईंधन की बचत होगी। इसके अलावा, मेट्रो के भूमिगत स्टेशन शहर के ऐतिहासिक और व्यावसायिक इलाकों के सौंदर्य को भी बनाए रखेंगे।
मुंबई मेट्रो लाइन 3 के तहत बनाए गए कुछ प्रमुख स्टेशन जैसे सीएसएमटी, चर्चगेट और कफ परेड, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह मेट्रो पर्यटकों और ऑफिस जाने वाले लोगों दोनों के लिए बड़ी सुविधा प्रदान करेगी।
मेट्रो के संचालन के लिए अधिकारियों ने पहले ही सुरक्षा जांच और ट्रायल रन पूरे कर लिए हैं। ट्रायल के दौरान मेट्रो ट्रेनों की गति, ब्रेक सिस्टम, स्टेशन लोडिंग और यात्री निकासी की प्रक्रिया की विस्तृत जांच की गई। रिपोर्ट के अनुसार, सभी सिस्टम सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि मेट्रो लाइन 3 मुंबई को एक नई गति और पहचान देगी। उन्होंने बताया कि मुंबई में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने में मेट्रो परियोजनाएं बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में मुंबई के अधिकांश हिस्से मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस पूरी लाइन से रोजाना 10 लाख से अधिक यात्री सफर करेंगे। इससे लोकल ट्रेन और बसों पर बोझ भी काफी हद तक कम होगा।
कुल मिलाकर, मुंबई मेट्रो लाइन 3 का यह अंतिम फेज मुंबईवासियों के लिए एक ऐतिहासिक उपहार साबित होगा। विज्ञान संग्रहालय से लेकर कफ परेड तक का यह रूट न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएगा।