




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति में एक ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसकी तुलना किसी अन्य नेता से करना आसान नहीं। उन्होंने सरकार के मुखिया के रूप में 24 साल पूरे कर लिए हैं — 13 वर्ष गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और पिछले 11 वर्ष भारत के प्रधानमंत्री के रूप में। इस अद्भुत राजनीतिक यात्रा ने न केवल देश की दिशा बदली, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोदी के नेतृत्व की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने यह साबित कर दिया है कि नेतृत्व का असली अर्थ है — राष्ट्र की सेवा, जनहित में समर्पण और विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता। अमित शाह ने मोदी के ‘राष्ट्र प्रथम’ विचारधारा को भारतीय राजनीति की आत्मा बताया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को “विकसित भारत” की दिशा में अभूतपूर्व गति दी है।
नरेंद्र मोदी का राजनीतिक सफर 2001 में शुरू हुआ, जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उस समय राज्य भूकंप और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा था। लेकिन मोदी ने अपनी दूरदृष्टि और कड़ी मेहनत से गुजरात को विकास के पथ पर अग्रसर किया। उन्होंने औद्योगिक निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशासनिक सुधारों के जरिए ‘वाइब्रेंट गुजरात मॉडल’ तैयार किया, जो आगे चलकर पूरे देश के लिए प्रेरणा बना।
उनकी नीतियों का परिणाम यह हुआ कि गुजरात निवेश और औद्योगिक विकास का केंद्र बन गया। किसानों के लिए बिजली और सिंचाई की व्यवस्था में सुधार किया गया। सड़कें, जल प्रबंधन और औद्योगिक कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट्स ने गुजरात को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया।
साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तब भारत आर्थिक चुनौतियों और वैश्विक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में एक ऐसा नेतृत्व दिखाया जिसने शासन को ‘सेवा’ और ‘संकल्प’ का रूप दिया। उन्होंने “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस” का नारा दिया और प्रशासन में पारदर्शिता व दक्षता लाई।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दशक में जो परिवर्तन किए हैं, वे भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुए हैं। स्वच्छ भारत अभियान, जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, और हर घर जल जैसी योजनाओं ने आम नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा किया है।
राष्ट्र की सुरक्षा के मोर्चे पर भी मोदी का नेतृत्व निर्णायक रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदमों ने यह संदेश दिया कि भारत अब किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का निर्णय भी मोदी के राजनीतिक साहस का प्रमाण है, जिसने भारत के संवैधानिक एकीकरण को और मजबूत किया।
मोदी की विदेश नीति ने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को सशक्त किया। आज भारत G20, BRICS, और QUAD जैसे मंचों पर निर्णायक भूमिका निभा रहा है। उनके नेतृत्व में भारत ने न केवल अपनी आवाज बुलंद की है, बल्कि वैश्विक साझेदारियों में अग्रणी भूमिका भी निभाई है। अमित शाह ने कहा कि मोदी का “वसुधैव कुटुंबकम” का दृष्टिकोण भारत की सभ्यता और आधुनिक कूटनीति का संगम है।
आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में मोदी सरकार ने GST, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं से देश के उद्यमियों और युवाओं को नए अवसर दिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान ने घरेलू उत्पादन और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया।
अमित शाह ने कहा कि मोदी ने न केवल शासन को सरल बनाया बल्कि जनता के बीच भरोसे की नई भावना पैदा की। उनके नेतृत्व में आज भारत की जनता खुद को नीति निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा महसूस करती है। उन्होंने कहा कि मोदी की लोकप्रियता सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक भी है क्योंकि वह जनता के दिलों में बसते हैं।
नरेंद्र मोदी ने अपने 24 वर्षों के कार्यकाल में यह साबित किया है कि राजनीति केवल सत्ता नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है। उन्होंने सत्ता को साधन नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बनाया। उनके नेतृत्व में भारत ने नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और वैश्विक पहचान पाई है।
गुजरात से दिल्ली तक का सफर मोदी के विजन और दृढ़ निश्चय की कहानी है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी देश को आगे बढ़ाया और “नया भारत” का सपना साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाए।
अब जब नरेंद्र मोदी अपने शासन के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि उनका नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। अमित शाह के शब्दों में — “मोदी जी ने सिद्ध किया है कि अगर नेतृत्व में राष्ट्रप्रेम और जनता के प्रति समर्पण हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।”
यह 24 वर्षों की यात्रा सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के नवोदय की कहानी है — एक ऐसे भारत की, जो आत्मविश्वासी, सक्षम और विश्व का नेतृत्व करने को तैयार है।