




अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भारत में स्टार्टअप्स को लीड करने की जिम्मेदारी रागिनी दास को सौंपी है। यह खबर टेक उद्योग और स्टार्टअप कम्युनिटी में चर्चा का विषय बन गई है। रागिनी दास ने खुद इसकी पुष्टि की है और कहा कि यह उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी कहानी प्रेरणादायक है क्योंकि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में गूगल में इंटरव्यू दिया था, लेकिन फाइनल राउंड में सफलता नहीं पा सकीं।
रागिनी दास की यात्रा बेहद प्रेरणादायक मानी जा रही है। 2013 में उन्होंने गूगल में शामिल होने के लिए इंटरव्यू दिया था। उस समय उन्हें फाइनल राउंड तक तो पहुँचना मिला, लेकिन वे अंतिम चयन में पास नहीं हो पाईं। उस असफलता ने उन्हें निराश नहीं किया। इसके बजाय उन्होंने अपने करियर को और मजबूत बनाने के लिए मेहनत और अनुभव हासिल करना जारी रखा। आज वही कंपनी उन्हें भारत में स्टार्टअप्स की लीडरशिप सौंप रही है, यह उनके संघर्ष और समर्पण का परिणाम है।
रागिनी ने अपने करियर में विभिन्न स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों में काम किया। उन्होंने न केवल प्रोजेक्ट्स को सफल बनाया, बल्कि नई रणनीतियों और इनोवेशन के जरिए कंपनियों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका अनुभव और दृष्टिकोण उन्हें गूगल जैसी बड़ी कंपनी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने के लिए उपयुक्त बनाता है।
गूगल ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए रागिनी को चुना है। स्टार्टअप्स को लीड करना सिर्फ व्यावसायिक रणनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें नए आइडियाज, निवेशकों के साथ समन्वय और टेक्नोलॉजी इनोवेशन को आगे बढ़ाना शामिल है। रागिनी इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
रागिनी ने इस मौके पर कहा कि यह उनके लिए गर्व और जिम्मेदारी दोनों है। उन्होंने बताया कि उनके लिए यह यात्रा बहुत खास रही है, क्योंकि जहां से उनकी शुरुआत हुई थी, वहीं उन्हें अब अपनी मेहनत और अनुभव के आधार पर यह अवसर मिला है। उनका मानना है कि असफलताएं सफलता की सीढ़ी हैं और उन्हें हर असफलता ने कुछ नया सिखाया।
टेक इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, रागिनी की नियुक्ति से गूगल भारत में स्टार्टअप्स के लिए और अधिक सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगा। रागिनी की विशेषज्ञता और लीडरशिप में नए स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन मिलेगा और वे निवेशकों और वैश्विक प्लेटफॉर्म्स के साथ बेहतर तालमेल स्थापित कर सकेंगे।
स्टार्टअप्स और टेक उद्योग में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए भी यह नियुक्ति महत्वपूर्ण मानी जा रही है। रागिनी दास ने साबित किया कि महिला लीडरशिप और विशेषज्ञता किसी भी बड़े प्लेटफॉर्म पर नई ऊँचाइयों तक पहुंच सकती है। उनकी यह सफलता कहानी युवा पेशेवरों और विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रेरणास्पद है।
गूगल ने अपनी आधिकारिक घोषणा में कहा कि रागिनी दास की नियुक्ति से भारत में स्टार्टअप्स के विकास को नया मार्ग मिलेगा। उनका अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण गूगल के लिए भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को समझने और उसका समर्थन करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
रागिनी ने अपने करियर की शुरुआत से लेकर अब तक जो मेहनत और समर्पण दिखाया है, वह इस बात का प्रमाण है कि लगातार प्रयास और दृढ़ इच्छाशक्ति किसी भी व्यक्ति को अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकती है। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि असफलताओं के बावजूद निरंतर प्रयास करना और सीखते रहना ही सफलता की कुंजी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रागिनी की नियुक्ति गूगल इंडिया और भारत के स्टार्टअप्स के लिए नई उम्मीद और ऊर्जा लेकर आएगी। उनके नेतृत्व में छोटे और मंझले स्टार्टअप्स को वैश्विक मानकों पर पहुंचाने में मदद मिलेगी। उनका दृष्टिकोण नवाचार, तकनीकी विकास और व्यावसायिक रणनीतियों पर केंद्रित है।
कुल मिलाकर, रागिनी दास की यह नियुक्ति उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि है। यह कहानी यह भी दर्शाती है कि जहां से शुरुआत हुई, वहीं अनुभव और मेहनत के जरिए नई ऊँचाइयों तक पहुँचा जा सकता है। उनके इस सफर ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से सफलता दिलाई है, बल्कि युवा पेशेवरों और स्टार्टअप कम्युनिटी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना है।
रागिनी दास की गूगल में भारत स्टार्टअप्स लीडरशिप से जुड़ी यह यात्रा यह स्पष्ट करती है कि सफलता का रास्ता कभी भी सीधा नहीं होता, लेकिन निरंतर प्रयास, सीखने की ललक और सही मौके का लाभ उठाना सफलता सुनिश्चित कर सकता है। यह कहानी न केवल करियर की प्रेरणा देती है बल्कि यह भी दिखाती है कि असफलताएं असली सफलता की शुरुआत हो सकती हैं।