




भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को एक बार फिर निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। लगातार चौथे कारोबारी सत्र में बाजार ने मजबूती दिखाई और सेंसेक्स ने 81,926.75 के नए स्तर पर बंद होकर एक और कीर्तिमान बना दिया। वहीं, निफ्टी भी 25,108.30 पर पहुंच गया, जो इस साल का एक बड़ा आंकड़ा माना जा रहा है।
दिनभर के कारोबार में निवेशकों की खरीदारी जारी रही। विशेष रूप से बैंकिंग, आईटी, ऑटो और धातु शेयरों में बढ़त देखने को मिली। वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों में सुधार की उम्मीद ने निवेशकों का मनोबल ऊंचा बनाए रखा।
मुंबई के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 136.63 अंक यानी 0.17% बढ़कर 81,926.75 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 30.65 अंक यानी 0.12% की बढ़त के साथ 25,108.30 पर बंद हुआ। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी मजबूती दर्ज की गई, जिससे बाजार में व्यापक तेजी का माहौल बना रहा।
विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार खरीदारी और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की हिस्सेदारी ने बाजार को स्थिरता प्रदान की है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में राहत की उम्मीद और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी भारतीय बाजार को सपोर्ट किया है।
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा बढ़त बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में देखने को मिली। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी ने सेंसेक्स को ऊपर बनाए रखा। दूसरी ओर, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर में हल्की मुनाफावसूली देखने को मिली।
निवेशकों का कहना है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार में और मजबूती देखने को मिल सकती है। त्योहारी सीजन के शुरू होने से पहले उपभोक्ता मांग में इजाफा और कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजे बाजार की चाल को और तेज कर सकते हैं।
वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सेंसेक्स और निफ्टी के मौजूदा स्तर पर निवेशकों को थोड़ी सावधानी भी बरतनी चाहिए। बाजार में तेजी के बावजूद, वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों पर नजर रखना जरूरी है। अमेरिका और यूरोप में महंगाई के आंकड़े और चीन की आर्थिक स्थिति का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है।
दिलचस्प बात यह रही कि सोमवार के कारोबार में निवेशकों की कुल संपत्ति में लगभग ₹1.2 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। मार्केट कैपिटलाइजेशन अब ₹440 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जो भारतीय शेयर बाजार के लिए एक और उपलब्धि है।
घरेलू मोर्चे पर, औद्योगिक उत्पादन (IIP) और मुद्रास्फीति के आंकड़े इस सप्ताह आने वाले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आंकड़े उम्मीदों के अनुरूप रहे, तो बाजार में और तेजी देखने को मिलेगी।
बीते कुछ महीनों में भारतीय शेयर बाजार ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। सेंसेक्स ने 82,000 के स्तर को छूने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है, जबकि निफ्टी के लिए 25,500 अगला लक्ष्य माना जा रहा है।
इस निरंतर मजबूती के पीछे भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति, विदेशी निवेशकों का भरोसा और सरकार की प्रगतिशील नीतियां हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास दर 7% से अधिक बनी हुई है, जो वैश्विक स्तर पर भी एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
कुल मिलाकर, शेयर बाजार में इस समय सकारात्मक रुझान बना हुआ है। निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर माना जा रहा है, हालांकि विशेषज्ञ दीर्घकालिक निवेश रणनीति अपनाने की सलाह दे रहे हैं।
भारत का स्टॉक मार्केट फिलहाल मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है, और सेंसेक्स-निफ्टी की यह उड़ान निवेशकों के भरोसे और देश की आर्थिक ताकत की कहानी कह रही है।