• Create News
  • Nominate Now

    लंबी चलेगी इस बार ठंड, मार्च तक टलेगा बसंत: ला-नीना इफेक्ट ने मौसम विज्ञानियों को किया अलर्ट

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    उत्तराखंड और उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस सर्दियों की शुरुआत पहले ही ठंड और बर्फबारी के साथ हुई है, और मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस बार ठंड असामान्य रूप से लंबी रहने वाली है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, ला-नीना इफेक्ट के कारण तापमान सामान्य से काफी नीचे रह सकता है और इस बार बसंत मार्च तक अपने पूरे प्रभाव के साथ नहीं दिखेगा।

    उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट आई है। वहीं मैदानी क्षेत्रों में भी गुलाबी ठंड महसूस की जा रही है, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी की तीव्रता को बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ठंड सामान्य से तेज और लंबे समय तक बनी रह सकती है।

    मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हिमालयी क्षेत्रों में तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया है। लगातार बर्फबारी और हवा की नमी के कारण निचले इलाकों में भी ठंड का असर बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में सर्द हवाओं और बारिश के साथ मौसम सुहावना तो बन गया है, लेकिन तापमान अब भी सामान्य से कम है।

    मौसम वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि ला-नीना प्रभाव का इस बार सर्दियों पर विशेष असर पड़ा है। ला-नीना की वजह से एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री तापमान सामान्य से कम रहता है, जिससे पश्चिमी विक्षोभ और पश्चिमी हवाओं की तीव्रता बढ़ जाती है। इसका असर सीधे भारत के उत्तरी हिस्सों पर पड़ता है, जिससे बर्फबारी और ठंड बढ़ती है।

    विशेषज्ञों ने बताया कि इस बार ठंड केवल पहाड़ी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगी। मैदानी क्षेत्रों में भी ठंड का असर सामान्य से अधिक रहेगा। जनवरी और फरवरी के महीने में उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री सेल्सियस कम रहने की संभावना है। ऐसे में किसानों, बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

    मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि इस बार बसंत का आगमन देरी से होगा। मार्च के पहले हफ्ते तक तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है, लेकिन पूर्ण रूप से गर्मी और बसंत का मौसम केवल मार्च के मध्य तक महसूस होगा। इस वजह से पेड़-पौधों और फसलों पर भी मौसम का प्रभाव देखा जा सकता है।

    हालांकि, बर्फबारी और ठंड के कारण पर्यटन स्थल और हिल स्टेशन इस सर्दियों में और भी आकर्षक बने हैं। मसूरी, नैनीताल, मनाली और मसूरी जैसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। पर्यटक बर्फबारी का मज़ा लेते हुए पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

    मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे सर्दी और बर्फबारी के कारण यात्रा और स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। ठंड में उचित कपड़े पहनना, रात में घर के अंदर तापमान बनाए रखना और विशेष रूप से बुजुर्गों व बच्चों की देखभाल करना जरूरी है। साथ ही, पहाड़ी इलाकों में अचानक बर्फबारी और तांबे की नमी से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए सुरक्षा निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की लंबी ठंड और लेट बसंत का असर कृषि पर भी दिखाई दे सकता है। फसलों में बर्फबारी और ठंड के चलते विकास की गति धीमी पड़ सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसल सुरक्षा उपाय अपनाएं और मौसम के अनुसार सिंचाई व अन्य कृषि कार्यों में बदलाव करें।

    कुल मिलाकर, इस बार उत्तराखंड और उत्तर भारत में सर्दी असामान्य रूप से लंबी और तीव्र रहने वाली है। ला-नीना इफेक्ट के कारण मार्च तक बसंत का मौसम पूरी तरह सक्रिय नहीं होगा। इससे पर्यावरण, कृषि, पर्यटन और दैनिक जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, सभी लोग ठंड और बर्फबारी के प्रति सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    चुनावों से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव — कई राज्यों में बदले ‘रणनीतिक योद्धा’, वार रूम की कमान नए नेताओं को

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति को नया आकार देने की दिशा…

    Continue reading
    प्रधानमंत्री मोदी ने रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा—वंचितों और शोषितों के कल्याण के प्रतीक थे

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *