




आज बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 को भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना वायदा (Gold Futures) सुबह के सत्र में 100 रुपये की हल्की बढ़त के साथ ₹73,850 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी (Silver Futures) ₹91,200 प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी सरकारी शटडाउन की आशंका, डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय ब्याज दरों में बदलाव के संकेतों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। इससे सोने की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है, जबकि चांदी की मांग में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड (Spot Gold) $2,383 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि स्पॉट सिल्वर (Spot Silver) $29.28 प्रति औंस पर स्थिर बनी हुई थी। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में हल्की गिरावट के बावजूद निवेशकों का ध्यान अब फेडरल रिजर्व की आगामी नीति बैठकों की ओर है।
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के शुरुआती संकेतों और राजनीतिक अनिश्चितता के कारण निवेशक सेफ-हेवन एसेट्स यानी सोना और चांदी की ओर झुक रहे हैं। भारत में त्योहारी सीजन के कारण भी डोमेस्टिक डिमांड मजबूत बनी हुई है।
दशहरा और दिवाली के नजदीक आने से ज्वेलरी सेक्टर में सोने की खरीदारी बढ़ने की संभावना है। ट्रेडर्स का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी नहीं होती है, तो घरेलू बाजार में ₹75,000 प्रति 10 ग्राम तक का स्तर देखने को मिल सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाने के संकेतों ने भी निवेशकों को सकारात्मक रुझान दिया है। इससे दीर्घकाल में सोने की कीमतों में स्थिर बढ़त की संभावना बनी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को अभी लंबी अवधि के लिए सोने में निवेश करना फायदेमंद रहेगा। वर्तमान समय में ₹73,500–₹73,800 प्रति 10 ग्राम के दायरे में खरीदारी के अवसर मिल सकते हैं।
एमसीएक्स एनालिस्ट्स के अनुसार, अगर डॉलर इंडेक्स 104 के नीचे बना रहता है, तो आने वाले दिनों में सोने की कीमतें ₹74,500 तक जा सकती हैं। वहीं, अगर डॉलर मजबूत होता है तो कीमतें ₹73,200 के स्तर तक फिसल सकती हैं।
चांदी के लिए ₹90,000 का स्तर मजबूत सपोर्ट जोन बताया जा रहा है, जबकि ₹92,000 पर रेजिस्टेंस बन सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी राजनीतिक अस्थिरता और सरकारी शटडाउन की अटकलों ने वैश्विक बाजारों में हलचल बढ़ाई है। इस स्थिति में सोना एक ‘सेफ हेवन’ विकल्प के रूप में फिर से उभर रहा है।
वहीं, चीन की आर्थिक सुस्ती और यूरोप में मुद्रास्फीति की स्थिति ने भी कीमती धातुओं की कीमतों को समर्थन दिया है। बाजार जानकारों के अनुसार, अगर भू-राजनीतिक तनाव या आर्थिक मंदी के संकेत और गहराते हैं, तो सोने की कीमतें $2,450 प्रति औंस तक बढ़ सकती हैं।
8 अक्टूबर 2025 को सोने और चांदी के दामों में सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिरता और घरेलू त्योहारी मांग के कारण निकट भविष्य में सोने की कीमतें ₹74,000–₹75,000 प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकती हैं।