




हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में इस समय बर्फबारी का अनोखा नज़ारा देखने को मिल रहा है। शिमला, मनाली, धर्मशाला और मंडी सहित राज्य के अधिकांश ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार तीसरे दिन भारी बर्फबारी जारी है। इस बर्फबारी ने न केवल प्रदेश की खूबसूरती को बढ़ा दिया है, बल्कि कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह बर्फबारी पिछले 50 वर्षों का रेकॉर्ड तोड़ चुकी है।
राजधानी शिमला में मंगलवार सुबह से ही घनी बर्फबारी हो रही है। शहर की पहाड़ियों और सड़कों पर बर्फ की मोटी परत जम गई है। इससे ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई वाहन बर्फ में फंसे हुए हैं। नगर निगम ने सड़क साफ करने के लिए मशीनें और जेसीबी तैनात की हैं, लेकिन बर्फ की मोटी परत हटाने में समय लग रहा है। स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों को ऊपरी इलाकों की यात्रा न करने की सलाह दी है।
मनाली में स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। लगातार बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा, सोलंग वैली और गुलाबा क्षेत्र पूरी तरह बर्फ से ढक गए हैं। कई पर्यटक जो यहां रोमांच का आनंद लेने पहुंचे थे, अब होटल और होमस्टे में फंसे हुए हैं। बिजली आपूर्ति भी कई जगह बाधित हो गई है, जिससे लोगों को ठंड में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए स्थानीय पुलिस, फायर सर्विस और आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया है।
धर्मशाला और कांगड़ा घाटी में भी बर्फबारी और बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। दिन का पारा 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि ऊपरी क्षेत्रों में यह माइनस में चला गया है। लगातार गिरते तापमान ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी ठंड का नया अनुभव दिया है।
मंडी जिले में भी बर्फबारी ने जनजीवन को प्रभावित किया है। कई ग्रामीण इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। स्कूलों में ठंड की छुट्टियां बढ़ाई जा सकती हैं, क्योंकि ठंड का असर बच्चों पर अधिक पड़ रहा है। प्रशासन ने सभी विभागों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के असर से यह बर्फबारी हो रही है। विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो दिनों तक हिमाचल के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी रहेगा। इसके बाद मौसम में सुधार की संभावना है। हालांकि, ठंड का असर अगले एक सप्ताह तक बना रहेगा।
स्थानीय होटल मालिकों का कहना है कि बर्फबारी ने जहां एक ओर परेशानियां बढ़ाई हैं, वहीं पर्यटन कारोबार के लिए यह खुशखबरी भी है। बड़ी संख्या में सैलानी शिमला और मनाली की ओर रुख कर रहे हैं। होटल और गेस्ट हाउस लगभग फुल हो चुके हैं। हालांकि, सड़क बंद होने और बिजली गुल रहने के कारण कई पर्यटकों को कठिनाई झेलनी पड़ रही है।
पर्यटकों में बर्फबारी को लेकर उत्साह चरम पर है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग स्नोमैन बना रहे हैं, सेल्फी ले रहे हैं और सोशल मीडिया पर हिमाचल की खूबसूरती साझा कर रहे हैं। दिल्ली और पंजाब से बड़ी संख्या में परिवार और कपल्स सप्ताहांत के लिए यहां पहुंचे हैं। लेकिन कई जगह प्रशासन ने सावधानी बरतने की अपील की है, क्योंकि बर्फ की फिसलन के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री ने राज्य के नागरिकों और पर्यटकों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर संभव मदद प्रदान करने के लिए तैयार है। वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोगों को सहायता मिल सके।
सड़क परिवहन निगम ने कई बस रूट अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। शिमला-मनाली, शिमला-कुल्लू और मंडी-कसोल मार्गों पर बसें नहीं चल रही हैं। हवाई उड़ानों पर भी बर्फबारी का असर पड़ा है, जिससे कई फ्लाइट्स देरी से चल रही हैं या रद्द करनी पड़ी हैं।
राज्य के पुराने निवासी बताते हैं कि इतनी भारी और लगातार बर्फबारी कई दशकों बाद देखने को मिली है। बुजुर्गों के अनुसार, 1970 के दशक में भी इसी तरह की बर्फबारी हुई थी, लेकिन इस बार का दृश्य और भी रोमांचक और खतरनाक दोनों है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब मौसम का पैटर्न बदल रहा है। कभी-कभी अत्यधिक गर्मी और कभी अत्यधिक ठंड जैसी घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश जैसी पहाड़ी जगहों पर इसका असर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है।
फिलहाल, हिमाचल के निवासी और पर्यटक दोनों बर्फ के इस सफेद जादू का आनंद ले रहे हैं, लेकिन साथ ही प्रशासन और स्थानीय एजेंसियां चौकसी बरत रही हैं ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।