




असम में हाल ही में हुई सिंगर जुबिन गर्ग की मौत ने राज्य में व्यापक चिंता और तनाव पैदा कर दिया है। इस मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ा रुख अपनाया है और कहा कि जो लोग लोगों को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कुछ असामाजिक तत्व राज्य को अस्थिर करने और असम को नेपाल बनाने की साजिश रच रहे हैं।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि जुबिन गर्ग की मौत का किसी भी प्रकार से राजनीतिक या सामाजिक मुद्दे में परिवर्तन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना को भुनाने और लोगों को भड़काने वाले तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि राज्य की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ शक्तिशाली और असामाजिक समूह राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके अनुसार, इनका उद्देश्य असम की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को कमजोर करना और असम को अलग करने का प्रयास करना है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार इस साजिश को किसी भी हालत में सफल नहीं होने देगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि जुबिन गर्ग की मौत ने राज्य में संवेदनशील माहौल बना दिया है। कई सामाजिक समूह और राजनीतिक संगठन इस मामले को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे में सीएम का बयान यह सुनिश्चित करता है कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की सामाजिक या राजनीतिक अशांति को बर्दाश्त नहीं करेगी।
सीएम ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे किसी भी असामाजिक गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए लोगों को भड़काने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई होगी। उनका मानना है कि अशांति फैलाने वाले तत्व राज्य की स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
जुबिन गर्ग की मौत के बाद सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर अफवाहें फैल रही थीं। कुछ लोग इस घटना का राजनीतिकरण कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अफवाहों और झूठी जानकारी के कारण सामाजिक तनाव और हिंसा फैल सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और राज्य में शांति बनाए रखें।
हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी कहा कि असम की सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक समरसता को बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि किसी भी प्रकार के भड़काऊ संदेश या गतिविधियों में शामिल न हों। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य में किसी भी प्रकार की सामाजिक अशांति को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि सरकार समानता और सामाजिक स्थिरता के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस और प्रशासन के सहयोग से राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में किसी प्रकार की कोताही नहीं होगी।
जुबिन गर्ग के परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुखद घटना को राजनीतिक या असामाजिक एजेंडा में बदलने का प्रयास न किया जाए। उनका कहना था कि जनता को संयम और समझदारी दिखानी चाहिए।
राज्य के कई हिस्सों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य संचार माध्यमों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी असामाजिक तत्व राज्य में अशांति फैलाने में सफल न हो।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी स्पष्ट किया कि असम को किसी भी तरह से नेपाल बनाने की साजिश को मंजूरी नहीं दी जाएगी। उनका कहना था कि असम भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसके सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को कोई भी कमजोर नहीं कर सकता।
विशेषज्ञों के अनुसार, जुबिन गर्ग की मौत के बाद सरकार की सतर्कता और सीएम का स्पष्ट रुख राज्य की सामाजिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। इस बयान से यह संदेश गया कि असम में किसी भी प्रकार की अशांति और साजिश को नकारने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
जुबिन गर्ग की मौत के बाद असम में उठी संवेदनशीलता और सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कड़ा रुख यह दिखाता है कि राज्य सरकार सुरक्षा और सामाजिक समरसता को प्राथमिकता देती है। भड़काने वाले तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जनता के संयम की अपील से यह स्पष्ट हो गया कि असम को अस्थिर करने वाले किसी भी प्रयास को विफल कर दिया जाएगा।