• Create News
  • Nominate Now

    प्रधानमंत्री मोदी ने रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा—वंचितों और शोषितों के कल्याण के प्रतीक थे

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से पासवान के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे ऐसे नेता थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन वंचितों, शोषितों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने श्रद्धांजलि संदेश में लिखा, “रामविलास पासवान जी ने हमेशा गरीबों, दलितों और वंचितों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश में सामाजिक न्याय की राजनीति को नई दिशा दी। उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

    प्रधानमंत्री के इस संदेश के बाद, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने उनका धन्यवाद दिया। चिराग पासवान ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आपके खूबसूरत शब्दों के लिए धन्यवाद। आपने हमेशा मेरे पिता को जिस सम्मान से याद किया, वह हमारे परिवार के लिए गौरव की बात है।

    रामविलास पासवान का भारतीय राजनीति में नाम उस दौर से जुड़ा है जब उन्होंने युवा अवस्था में ही समाजवादी आंदोलन में अपनी पहचान बनाई थी। वे 1970 के दशक से सक्रिय राजनीति में आए और अपनी स्पष्ट विचारधारा, जनसरोकारों के प्रति समर्पण और विनम्र व्यक्तित्व के लिए जाने गए। उन्होंने केंद्र सरकारों में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला, जिनमें दूरसंचार, कोयला, श्रम, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय शामिल है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में यह भी कहा कि “पासवान जी ने हमेशा विकास के लिए काम किया और गरीबों को सशक्त बनाने के लिए नीतियां बनाईं। वे एक सच्चे जनसेवक थे जिनकी प्रेरणा आज भी लाखों लोगों के दिलों में जीवित है।

    रामविलास पासवान का राजनीतिक सफर असाधारण रहा। उन्होंने कई बार सांसद के रूप में जनता का प्रतिनिधित्व किया और देश के हर क्षेत्र के लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। उनके भाषणों में सदैव गरीबों, मजदूरों, दलितों और किसानों की आवाज गूंजती थी। यही वजह थी कि उन्हें “दलितों की आवाज” कहा जाने लगा।

    प्रधानमंत्री मोदी और रामविलास पासवान के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर गहरा संबंध रहा। मोदी सरकार में पासवान उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री थे। प्रधानमंत्री ने उन्हें हमेशा एक सच्चे सहयोगी और मित्र के रूप में याद किया है।

    रामविलास पासवान की मृत्यु वर्ष 2020 में हुई थी, लेकिन उनका राजनीतिक प्रभाव आज भी कायम है। उनके पुत्र चिराग पासवान ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपनी पार्टी को नए सिरे से संगठित किया है। बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) आज भी पासवान की विचारधारा पर आगे बढ़ रही है — “सबका साथ, सबका अधिकार।”

    चिराग पासवान ने अपने पिता की याद में लिखा कि “पापा ने हमेशा सिखाया कि राजनीति का मतलब केवल सत्ता नहीं, बल्कि सेवा है। वे चाहते थे कि समाज का हर वर्ग सम्मान और समान अवसर पाए।

    रामविलास पासवान को उनके समर्थक केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के योद्धा के रूप में याद करते हैं। उनकी राजनीति जाति, वर्ग या धर्म से परे थी। उन्होंने हमेशा उस समाज के लिए काम किया जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गया था। चाहे वह आरक्षण की बात हो, या गरीबों के हक की, पासवान हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखे।

    पुण्यतिथि के अवसर पर बिहार के कई हिस्सों में श्रद्धांजलि सभाएं और प्रार्थना कार्यक्रम आयोजित किए गए। पटना, हाजीपुर और समस्तीपुर में हजारों लोगों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। लोगों ने कहा कि पासवान जैसे नेता सदियों में एक बार जन्म लेते हैं, जिन्होंने “गरीबों के रामविलास” के रूप में पहचान बनाई।

    प्रधानमंत्री मोदी का यह ट्वीट न केवल उनके प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में पासवान जैसे नेताओं का योगदान आज भी प्रेरणास्रोत बना हुआ है।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रामविलास पासवान का जीवन सामाजिक समानता और न्याय की राजनीति का उदाहरण था। वे हमेशा सत्ता में रहने के बावजूद जमीनी हकीकत से जुड़े रहे। यही कारण था कि वे हर दौर में प्रासंगिक बने रहे और जनता का अटूट विश्वास हासिल करते रहे।

    आज उनकी पुण्यतिथि पर देश के कोने-कोने से श्रद्धांजलि संदेश मिल रहे हैं। नेताओं से लेकर आम जनता तक, सभी उन्हें श्रद्धा से याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि राजनीति में सेवा भाव और सामाजिक समर्पण ही सच्ची पहचान होती है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    चुनावों से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव — कई राज्यों में बदले ‘रणनीतिक योद्धा’, वार रूम की कमान नए नेताओं को

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति को नया आकार देने की दिशा…

    Continue reading
    जहानाबाद में प्रशासन ने दिखाई सख्ती, विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जीरो टॉलरेंस नीति पर काम जारी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को लेकर जहानाबाद जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। जिले में कानून…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *