




मध्यप्रदेश में बच्चों की मौतों से जुड़े कोल्ड्रिफ कफ सिरप विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि तमिलनाडु के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (TNFDA) ने उस निर्माता कंपनी के खिलाफ बुनियादी नियमों को लागू करने में सक्रिय लापरवाही बरती है। इसका परिणाम यह हुआ कि दोषी उत्पाद बनाने वाला संस्थान बिना मजबूत निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण के काम करता रहा।
जांच रिपोर्टों के अनुसार, कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली Sresan Pharma पर यह आरोप है कि उसने GMP (Good Manufacturing Practices) के मानकों का पालन नहीं किया। उसके उत्पादन उपकरण, कच्चे माल की जांच प्रक्रिया, स्वच्छता मानक और उत्पादन सूचीकरण में कमियाँ पाई गईं। लेकिन TNFDA ने इन खामियों के बावजूद कार्रवाई नहीं की या उन्हें समय रहते सीडीएससीओ (CDSCO) को रिपोर्ट नहीं किया।
एक स्रोत ने बताया कि Sresan Pharma का नाम कभी CDSCO की केंद्रीय सूची में दर्ज नहीं था। इसलिए उसकी ऑडिटिंग और नियंत्रण प्रक्रिया लगभग ‘नज़रअंदाज़’ स्थिति में थी। TNFDA द्वारा उसे CDSCO की ‘Sugam’ पोर्टल पर पंजीकृत किए जाने की व्यवस्था अनदेखी की गई, जिससे उसके उत्पादों की केंद्रीकृत निगरानी नहीं हो सकी।
एक और महत्वपूर्ण खुलासा यह है कि TNFDA ने अक्टूबर 1-2 को Sresan Pharma की निरीक्षण की, लेकिन इस निरीक्षण की सूचना CDSCO को साझा नहीं की गई। इस अनसाझा निरीक्षण और परिणाम की सूचना देर शाम सार्वजनिक की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि सिरप में 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) मिला, जबकि कानूनी सीमा केवल 0.1% है।
इन चूकों के कारण, मध्यप्रदेश और अन्य प्रभावित राज्यों में कई बच्चों ने कुपोषण और अन्य लक्षण दिखने के बाद गुर्दा अशक्ति (kidney failure) का सामना किया और उनकी मृत्यु हो गई।
मध्यप्रदेश सरकार ने अब Coldrif सिरप की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है और सभी स्टॉक को जब्त कराया है। जांच एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित बौचरों, वितरण नेटवर्क और बिक्री चैनलों की तह तक जाएँ।
Sresan Pharma के मालिक एस. रंगनाथन को गिरफ्तार कर 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। उन पर दोष सिद्ध होने पर दुष्कर्म, दवा मिलावट और हत्या तक के मुकदमे चलने की संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बीच तीन कफ सिरप—Coldrif, Respifresh TR और ReLife—को विषाक्त (toxic) घोषित किया है और इनका उपयोग तुरंत रोकने की सलाह दी है। COldrif की तुलना में Respifresh TR और ReLife में भी दरअसल DEG की मात्रा सीमित मिली है।
यह मामला भारत में दवा नियामक और स्वास्थ्य सुरक्षा की प्रणाली को एक बड़ी चुनौती के सामने खड़ा करता है। यह स्पष्ट हो गया है कि यदि राज्य नियामक और केंद्रीय संगठन एक दूसरे से समन्वय नहीं करें, तो दोषी कंपनियाँ लोगों की जान जोखिम में डाल सकती हैं।