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अयोध्या में आगामी 14 कोसी परिक्रमा के चलते शहर में यातायात व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह प्रतिबंध 29 अक्टूबर रात 10 बजे से लेकर 31 अक्टूबर की मध्यरात्रि तक लागू रहेगा।
पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अयोध्या शहर में 13 प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया है ताकि परिक्रमा में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। प्रशासन ने आम जनता और वाहन चालकों से अपील की है कि यात्रा पर निकलने से पहले ट्रैफिक रूट की जानकारी अवश्य ले लें, अन्यथा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
14 कोसी परिक्रमा का महत्व
14 कोसी परिक्रमा अयोध्या का सबसे प्राचीन धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है। यह परिक्रमा भगवान श्रीराम की नगरी के चारों ओर की जाती है और इसका धार्मिक महत्व अत्यंत बड़ा है। कार्तिक मास में होने वाली इस परिक्रमा में देशभर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं।
श्रद्धालु लगभग 42 किलोमीटर (14 कोस) का पैदल सफर तय करते हुए भगवान राम की पवित्र भूमि का चक्कर लगाते हैं। इस दौरान शहर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था को संभालना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है।
प्रशासन की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
इस बार भीड़ और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखते हुए अयोध्या पुलिस ने पहले से ही विस्तृत तैयारी कर ली है। डीएम नितीश कुमार और एसएसपी राजकरन नय्यर के नेतृत्व में संयुक्त समीक्षा बैठक में तय किया गया कि भारी वाहन शहर में नहीं घुस सकेंगे।
प्रशासन ने बताया कि परिक्रमा मार्ग और आसपास के क्षेत्रों में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी, ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड और पीएसी जवान तैनात रहेंगे। साथ ही, भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जाएगी।
किन मार्गों पर लागू होगा ट्रैफिक डायवर्जन
ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी रूट प्लान के अनुसार, अयोध्या में आने-जाने वाले 13 प्रमुख मार्गों पर डायवर्जन किया गया है। बाहरी जिलों से आने वाले भारी वाहन जैसे ट्रक, ट्रेलर और बसें अयोध्या बायपास से ही डायवर्ट कर दी जाएंगी।
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लखनऊ से आने वाले वाहनों को हैदरगंज बायपास से होकर अयोध्या शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
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सुल्तानपुर की दिशा से आने वाले वाहन दरियाबाद या गोसाईंगंज मार्ग से डायवर्ट होंगे।
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गोंडा और बस्ती रूट से आने वाले वाहनों को भी अयोध्या प्रवेश से पहले रोका जाएगा।
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फैजाबाद-अयोध्या मुख्य मार्ग पर सिर्फ छोटे वाहन और पैदल यात्री ही जा सकेंगे।
प्रशासन का कहना है कि इन रूट डायवर्जन का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचना है।
बस और ट्रेन यात्रियों के लिए सुझाव
रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के आसपास भीड़ की संभावना को देखते हुए पुलिस ने अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था की है। स्टेशन से मंदिर क्षेत्र तक शटल ई-रिक्शा और मिनी बस सेवा चलाई जाएगी ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके।
प्रशासन ने अपील की है कि श्रद्धालु निजी वाहन की बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। इसके साथ ही, परिक्रमा मार्ग पर किसी प्रकार की प्लास्टिक सामग्री, ऊंचे लाउडस्पीकर या डीजे सिस्टम के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है।
स्थानीय लोगों को मिलेगी राहत
हालांकि भारी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा, लेकिन अयोध्या और फैजाबाद के स्थानीय निवासियों के छोटे निजी वाहन, दोपहिया और आपातकालीन सेवाएं जैसे एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को अनुमति दी जाएगी। स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि अनावश्यक यात्रा से बचें ताकि भीड़ नियंत्रण में सहयोग मिल सके।
भक्तों की बढ़ती संख्या और प्रशासन की चुनौती
इस बार परिक्रमा में अनुमानित 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य के चलते इस बार भक्तों की संख्या और भी अधिक हो सकती है। बढ़ती भीड़ के कारण प्रशासन ने अस्थायी टॉयलेट, मेडिकल कैंप और भोजन वितरण केंद्र भी स्थापित किए हैं।
डीएम अयोध्या ने बताया —
“हमारा लक्ष्य है कि कोई भी श्रद्धालु परेशान न हो। ट्रैफिक और सुरक्षा दोनों मोर्चों पर पूरी तैयारी की गई है। सभी मार्गों पर CCTV निगरानी होगी और कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेगा।”
यात्रियों के लिए जरूरी सलाह
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परिक्रमा के दौरान छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ यात्रा करने वालों को भीड़ से बचकर चलने की सलाह दी गई है।
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किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
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अपना मोबाइल फोन और जरूरी दस्तावेज सुरक्षित रखें।
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पानी और हल्का भोजन अपने साथ रखें क्योंकि परिक्रमा मार्ग लंबा और भीड़भाड़ वाला होता है।
अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रशासनिक सतर्कता और व्यवस्था की बड़ी परीक्षा भी बन जाती है। इस बार ट्रैफिक डायवर्जन और भारी वाहनों पर रोक से उम्मीद है कि श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के भगवान श्रीराम की नगरी का दर्शन कर सकेंगे।








