इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता रानाडे फडणवीस ने अपना नया भजन ‘कोई बोले राम-राम’ रिलीज किया, जिसने संगीत प्रेमियों के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी खूब चर्चा बटोरी। इस भजन की खासियत यह है कि इसमें पारंपरिक भारतीय भक्ति संगीत और आधुनिक संगीत का सुंदर संगम देखने को मिलता है।
इस भजन को सुनने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसने सबको चौंका दिया। उन्होंने अपने X हैंडल पर पोस्ट किया कि “शब्द सुनकर बहुत अच्छा लगा।” दिग्विजय सिंह की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और यह राजनीतिक और सांस्कृतिक दुनिया में चर्चा का विषय बन गया।
अमृता फडणवीस को पहले भी उनके संगीत और भजन प्रस्तुतियों के लिए जाना जाता रहा है। वे न केवल सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहती हैं, बल्कि अपने संगीत के माध्यम से लोगों तक शांति और भक्ति का संदेश भी पहुंचाती हैं। उनका यह भजन ‘कोई बोले राम-राम’ विशेष रूप से लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इसमें सुर, ताल और शब्दों का अद्भुत मेल है।
दिग्विजय सिंह की तारीफ यह दर्शाती है कि राजनीति की सीमाओं के बावजूद संगीत और कला की सराहना किसी भी व्यक्ति के लिए संभव है। उनके इस पोस्ट ने राजनीतिक भिन्नताओं के बीच एक सकारात्मक संदेश दिया कि कला और संगीत सभी के दिलों को जोड़ सकते हैं।
भजन में अमृता फडणवीस ने पारंपरिक भक्ति गीतों के शब्दों को आधुनिक संगीत के साथ जोड़कर एक ऐसा अनुभव दिया है जो सुनने वालों को आध्यात्मिक शांति और आनंद देता है। उनके गीत में भगवान राम के प्रति भक्ति, श्रद्धा और प्रेम का भाव स्पष्ट रूप से झलकता है।
सोशल मीडिया पर फैंस और संगीत प्रेमियों ने भी दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कई लोगों ने लिखा कि यह दिखाता है कि कला और संगीत किसी भी राजनीतिक मतभेद से ऊपर हैं। साथ ही अमृता फडणवीस के संगीत को लेकर उनकी सराहना ने उनके प्रशंसकों और दर्शकों को भी उत्साहित कर दिया।
अमृता फडणवीस ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उनका उद्देश्य संगीत के माध्यम से लोगों तक भक्ति और सकारात्मक संदेश पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि उनका यह भजन हर व्यक्ति को प्रेम, श्रद्धा और आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
दिग्विजय सिंह का यह पोस्ट यह भी साबित करता है कि राजनीतिक विरोधाभासों के बावजूद कला और संगीत का सम्मान किया जा सकता है। उनके शब्दों ने सोशल मीडिया पर एक उदाहरण स्थापित किया कि किसी भी क्षेत्र के व्यक्ति की कला और प्रतिभा को सराहना देना चाहिए।
भजन ‘कोई बोले राम-राम’ को अमृता फडणवीस ने न केवल अपने पारंपरिक संगीत प्रेमियों के लिए तैयार किया है, बल्कि यह युवा पीढ़ी में भी लोकप्रिय हो रहा है। उनके संगीत की सरलता, स्पष्टता और भक्ति भाव ने इसे हर आयु वर्ग के लोगों के लिए आनंददायक बना दिया है।
इस भजन के लॉन्च के बाद, सोशल मीडिया पर कई संगीत समीक्षकों और सेलिब्रिटीज़ ने भी इसे सराहा। दिग्विजय सिंह की तारीफ ने इसे और अधिक सुर्खियों में ला दिया। उनकी प्रतिक्रिया ने साबित कर दिया कि संगीत और कला किसी भी राजनीतिक या सामाजिक अंतर से ऊपर है और सभी को इसे सराहना चाहिए।








