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साउथ सिनेमा के मेगास्टार चिरंजीवी इन दिनों एक बेहद गंभीर और संवेदनशील मुद्दे का सामना कर रहे हैं। डीपफेक तकनीक के ज़रिए उनके चेहरे और आवाज़ का इस्तेमाल करते हुए कुछ लोगों ने अश्लील वीडियो बनाए और उन्हें पोर्नोग्राफिक वेबसाइट्स पर अपलोड कर दिया। इस घटना के बाद अभिनेता ने हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें न केवल उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही हैं, बल्कि उनके परिवार और प्रशंसकों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंचा रही हैं।
चिरंजीवी ने सोशल मीडिया पर भी इस घटना के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “मैं गहराई से आहत हूं। किसी की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल समाज के लिए खतरनाक है। यह न केवल नैतिक अपराध है, बल्कि कानूनन भी दंडनीय है। मैं चाहता हूं कि पुलिस और सरकार ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि कोई भी व्यक्ति इस तरह की गंदी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।”
सूत्रों के मुताबिक, चिरंजीवी ने पुलिस को बताया कि कई वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके नाम से बनाए गए डीपफेक वीडियो तेजी से फैल रहे हैं। इन वीडियोज में उनके चेहरे को किसी अन्य व्यक्ति के शरीर पर मॉर्फ किया गया है और उन्हें अश्लील सामग्री के रूप में प्रसारित किया जा रहा है। इस वजह से अभिनेता और उनके परिवार को भावनात्मक रूप से भारी आघात पहुंचा है।
डीपफेक टेक्नोलॉजी, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके वीडियो या ऑडियो में किसी व्यक्ति की समानता को कॉपी कर सकती है, हाल के वर्षों में मनोरंजन उद्योग के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है। यह तकनीक जहां एक ओर फिल्मों और विजुअल इफेक्ट्स में क्रांति ला रही है, वहीं दूसरी ओर इसका गलत इस्तेमाल सेलिब्रिटीज़, राजनेताओं और आम नागरिकों की छवि को धूमिल करने के लिए हो रहा है।
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। हैदराबाद साइबर क्राइम सेल ने कई वेबसाइट्स को नोटिस जारी किया है और वीडियो को हटाने तथा दोषियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री साझा करना या बनाना आईटी एक्ट और आईपीसी की कई धाराओं के तहत अपराध है, जिसमें सख्त सजा का प्रावधान है।
इस घटना ने न केवल फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर दिया है, बल्कि डीपफेक कंटेंट पर कड़े कानूनों की जरूरत को भी उजागर कर दिया है। कई साउथ और बॉलीवुड कलाकारों ने चिरंजीवी के समर्थन में आवाज उठाई है। एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु ने लिखा, “आज चिरंजीवी सर के साथ जो हुआ, कल किसी के साथ भी हो सकता है। सरकार को अब डीपफेक कंटेंट के खिलाफ ठोस कदम उठाने होंगे।”
अभिनेता रजनीकांत ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गरिमा का नहीं, बल्कि पूरे समाज की डिजिटल सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने कहा कि AI का उपयोग केवल तकनीकी प्रगति के लिए होना चाहिए, न कि किसी की प्रतिष्ठा नष्ट करने के लिए।
रिपोर्ट्स के अनुसार, चिरंजीवी ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल अब राजनीतिक और व्यक्तिगत बदनाम करने के हथियार के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि सरकार और साइबर एजेंसियां मिलकर ऐसे मामलों के लिए सख्त कानून और फास्ट-ट्रैक ट्रायल की व्यवस्था करें।
गौरतलब है कि चिरंजीवी पहले भी सोशल मीडिया पर डीपफेक तकनीक के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक कर चुके हैं। उन्होंने कुछ महीने पहले एक इंटरव्यू में कहा था, “AI और डीपफेक जैसी तकनीकें दोधारी तलवार हैं। इन्हें अगर सही दिशा में न मोड़ा गया, तो यह समाज के लिए विनाशकारी साबित हो सकती हैं।”
वहीं साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि डीपफेक वीडियो की पहचान करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। नए AI टूल्स इतनी यथार्थता (realism) के साथ वीडियो तैयार कर रहे हैं कि असली और नकली में फर्क कर पाना लगभग नामुमकिन हो गया है। ऐसे में आम जनता को भी डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) के प्रति जागरूक होना जरूरी है ताकि वे किसी भी संदिग्ध कंटेंट को तुरंत रिपोर्ट कर सकें।
सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह डीपफेक कंटेंट और फर्जी AI मीडिया पर निगरानी के लिए नए दिशानिर्देश तैयार कर रही है। इस घटना के बाद उम्मीद है कि इन नियमों को और सख्ती से लागू किया जाएगा।
इस पूरे प्रकरण ने न केवल चिरंजीवी जैसे सुपरस्टार को झकझोरा है, बल्कि आम जनता के बीच भी AI के गलत इस्तेमाल को लेकर भय और चिंता पैदा की है। यह मामला इस बात का सशक्त उदाहरण है कि तकनीक जितनी शक्तिशाली होती जा रही है, उसके जिम्मेदार उपयोग की आवश्यकता भी उतनी ही बढ़ गई है।








