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बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने फिर एक बार अपनी छवि को सद्गुण और उदारता की मिसाल के रूप में पेश किया है। नितेश तिवारी की आगामी महाकाव्य फिल्म ‘रामायण’ में विभीषण का किरदार निभाने वाले विवेक ओबेरॉय ने फिल्म के लिए मिलने वाली अपनी फीस ₹4000 करोड़ को दान कर दिया है। इस फैसले ने फिल्म इंडस्ट्री में सभी का ध्यान आकर्षित किया और उनकी सराहना हो रही है।
फिल्म ‘रामायण’ का निर्देशन नितेश तिवारी कर रहे हैं, जिन्होंने पहले भी समाज और परिवार पर आधारित कई हिट फिल्मों का निर्माण किया है। यह फिल्म भारतीय पौराणिक कथाओं पर आधारित महाकाव्य फिल्म होगी, जो दिवाली 2026-27 के मौके पर रिलीज होगी। फिल्म की कहानी में रावण, राम, लक्ष्मण, सीता और विभीषण जैसे प्रमुख किरदारों की भूमिका को आधुनिक और आकर्षक ढंग से पेश किया जाएगा।
विवेक ओबेरॉय ने फिल्म में विभीषण की भूमिका निभाई है। विभीषण, जो रावण के छोटे भाई और धर्मप्रिय पात्र के रूप में जाने जाते हैं, उनके किरदार को विवेक ने अपनी प्रतिभा और अनुशासन से जीवंत किया है। विवेक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “रामायण हमारे भारतीय संस्कृति और धर्म की गहरी पहचान है। मैं चाहता था कि इस फिल्म में मेरा योगदान केवल अभिनय तक सीमित न रहे। इसलिए मैंने अपनी फीस दान करने का निर्णय लिया। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं इस फिल्म का हिस्सा हूं और इसका समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।”
फिल्म के निर्माता और निर्देशक नितेश तिवारी ने विवेक ओबेरॉय के इस कदम की सराहना करते हुए कहा, “विवेक ने न केवल अपनी कला से फिल्म को सम्मान दिया है, बल्कि अपने दान से समाज में एक मिसाल भी पेश की है। यह फिल्म केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक शिक्षा का भी संदेश देगी। उनकी उदारता सभी के लिए प्रेरणादायक है।”
फिल्म की पूरी टीम इस बात को लेकर उत्साहित है कि इस परियोजना में विवेक ओबेरॉय जैसे अनुभवी कलाकार का योगदान है। फिल्म के निर्माण में भारतीय पौराणिक कथाओं की सटीकता और आधुनिक तकनीकी प्रभाव का संतुलन बनाया जा रहा है। विशेष प्रभावों (VFX), साउंड डिज़ाइन और प्रोडक्शन वैल्यू के मामले में इसे बॉलीवुड की सबसे महंगी और उच्च-स्तरीय परियोजना माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर विवेक के इस कदम की चर्चा तेजी से फैल रही है। उनके प्रशंसक और फिल्म प्रेमी इस बात पर गर्व कर रहे हैं कि उनका पसंदीदा अभिनेता न केवल अभिनय बल्कि समाज सेवा के मामले में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कई यूजर्स ने ट्वीट किया कि यह कदम साबित करता है कि बॉलीवुड में भी संवेदनशील और सामाजिक रूप से जागरूक कलाकार मौजूद हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि विवेक का यह दान न केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक संदेश है कि सफलता और प्रसिद्धि का उपयोग सकारात्मक बदलाव लाने में किया जा सकता है। इससे फिल्म की उम्मीद और बढ़ गई है और दर्शक उत्सुक हैं कि दिवाली 2026-27 में रिलीज होने वाली यह महाकाव्य फिल्म उनके अनुभव को किस तरह से बदलती है।
फिल्म में विभीषण के किरदार के अलावा, राम, लक्ष्मण, रावण और सीता जैसे पात्र भी अत्यंत भव्य और आकर्षक रूप में दिखाई देंगे। विवेक के दान का उपयोग फिल्म के प्री-प्रोडक्शन, सेट डिज़ाइन और VFX तकनीक को और बेहतर बनाने में किया जाएगा, जिससे फिल्म का दृश्य अनुभव और भी प्रभावशाली बनेगा।
इस कदम ने न केवल विवेक ओबेरॉय की छवि को और मजबूत किया है, बल्कि बॉलीवुड में कलाकारों की सामाजिक जिम्मेदारी और उदारता को भी उजागर किया है। फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कलाकारों की उपस्थिति दर्शकों और युवा कलाकारों दोनों के लिए प्रेरणादायक साबित हो रही है।
अंततः, विवेक ओबेरॉय का यह कदम यह संदेश देता है कि सफलता केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति के संवर्धन के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। फिल्म ‘रामायण’ केवल एक महाकाव्य फिल्म नहीं रहेगी, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी बनेगी।








