• Create News
  • Nominate Now

    ‘इंडियन स्टेट से लड़ाई’ बयान पर राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ीं, यूपी की कोर्ट में सुनवाई पूरी — 7 नवंबर को आएगा फैसला

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक विवादित बयान को लेकर राजनीतिक और कानूनी हलचल तेज हो गई है। उन्होंने इस साल 15 जनवरी 2025 को दिल्ली स्थित कांग्रेस के नए दफ्तर के उद्घाटन समारोह में कहा था कि “हमारी लड़ाई भाजपा या आरएसएस से नहीं, बल्कि इंडियन स्टेट (भारतीय राज व्यवस्था) से है।” इस बयान के बाद उन पर देश की व्यवस्था को अपमानित करने का आरोप लगाया गया था। अब इस मामले में उत्तर प्रदेश की एक अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है और 7 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा।

    यह मामला हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता द्वारा दायर किया गया था। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को “भारत की संवैधानिक संस्थाओं और शासन प्रणाली का अपमान” बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। सिमरन गुप्ता का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान न केवल देश की राजनीतिक संस्थाओं के खिलाफ था, बल्कि इससे आम नागरिकों के मन में सरकारी संस्थाओं के प्रति अविश्वास फैलाने की कोशिश की गई।

    मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की एक अदालत में चल रहा है। सोमवार को इस पर सुनवाई पूरी हुई, जहां अभियोजन पक्ष और राहुल गांधी के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और अगली सुनवाई की तारीख 7 नवंबर तय की है।

    राहुल गांधी की ओर से पेश वकील ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल ने किसी भी संस्थान या संवैधानिक व्यवस्था का अपमान नहीं किया है। उनका बयान लोकतंत्र की सच्ची भावना में दिया गया था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने “इंडियन स्टेट” शब्द का इस्तेमाल राजनीतिक तंत्र की कार्यप्रणाली के संदर्भ में किया था, न कि संविधान या भारत सरकार को नीचा दिखाने के लिए।

    दूसरी ओर, याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता ने तर्क दिया कि राहुल गांधी का यह बयान जनता में भ्रम और असंतोष फैलाने वाला है। उन्होंने कहा कि “एक वरिष्ठ नेता और सांसद के तौर पर राहुल गांधी को ऐसे शब्दों का चयन करना चाहिए जो देश की एकता और सम्मान को ठेस न पहुंचाए। उनके बयान से यह संदेश गया कि भारत की संस्थाएं उनके विरोध में हैं, जो गलत है।”

    सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। कई राजनीतिक कार्यकर्ता और मीडिया प्रतिनिधि भी कोर्ट के बाहर मौजूद थे। राहुल गांधी खुद इस सुनवाई में उपस्थित नहीं थे, लेकिन उनके वकीलों ने पूरे मामले में उनका पक्ष रखा।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला केवल कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील है। एक ओर कांग्रेस इसे राहुल गांधी की “राजनीतिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” बता रही है, तो दूसरी ओर भाजपा इसे “संविधान और राज्य के खिलाफ बयान” करार दे रही है।

    कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे विवाद पर बचाव करते हुए कहा है कि राहुल गांधी का बयान लोकतांत्रिक संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता को लेकर था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “राहुल गांधी ने हमेशा भारत की संस्थाओं को मजबूत करने की बात की है। उनका बयान राज्य की व्यवस्था के खिलाफ नहीं, बल्कि उस व्यवस्था में मौजूद खामियों पर था, जिसे भाजपा सरकार ने कमजोर किया है।”

    वहीं भाजपा ने इस बयान को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि “राहुल गांधी लगातार भारत की संस्थाओं को निशाना बनाते हैं। पहले उन्होंने संसद और सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी की थी, अब ‘इंडियन स्टेट’ पर सवाल उठाकर उन्होंने देश की व्यवस्था पर हमला बोला है।”

    सुल्तानपुर की अदालत का फैसला अब सभी की निगाहों में है। अगर कोर्ट इस बयान को संविधान या शासन व्यवस्था के अपमान के दायरे में मानती है, तो राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई संभव है। वहीं, अगर कोर्ट इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत सही ठहराती है, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है।

    यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब कांग्रेस आने वाले महीनों में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। राहुल गांधी खुद “भारत जोड़ो न्याय यात्रा” जैसे अभियानों के माध्यम से जनता से सीधे संवाद करने में जुटे हैं। ऐसे में यह केस उनके राजनीतिक कार्यक्रमों पर असर डाल सकता है।

    7 नवंबर को आने वाला यह फैसला न केवल राहुल गांधी के लिए बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी अहम साबित हो सकता है। यह तय करेगा कि राजनीतिक अभिव्यक्ति और संस्थागत आलोचना के बीच की सीमा कहां खींची जाए।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    ‘The Family Man’ सीजन 3: मनोज बाजपेयी लौटे अपने सबसे खतरनाक मिशन के साथ, लॉक हुई रिलीज़ डेट

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। मनोज बाजपेयी की चर्चित वेब सीरीज़ ‘The Family Man’ अपने तीसरे सीजन के साथ फिर लौट रही है। अमेज़न प्राइम…

    Continue reading
    राज्य ने पेशेवर छात्रों के लिए पांच दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। राज्य सरकार ने अपने शैक्षणिक और कौशल विकास पहल के तहत पेशेवर छात्रों के लिए पांच दिवसीय विशेष कौशल विकास…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *