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उत्तर प्रदेश इस समय चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव में है। राज्य के कई जिलों में लगातार रिमझिम बारिश और तेज हवाओं का दौर जारी है, जिससे मौसम में अचानक ठंडक बढ़ गई है। लोगों ने ठिठुरन महसूस की और किसानों के लिए चिंता का माहौल बन गया है।
राज्य के मटर, मसूर और तिलहन जैसी रबी फसलों की बुवाई इस समय चल रही थी। इसके साथ ही धान की कटाई भी उन्नत अवस्था में थी। किसानों का कहना है कि लगातार बारिश और तेज हवाओं से उनकी फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यदि भविष्य में मौसम इसी तरह बना रहा, तो धान गिरने या बीज अंकुरित न होने का खतरा बन सकता है।
किसान रामसिंह यादव ने बताया,
“हमने मेहनत से फसल बोई है। लेकिन तूफान और तेज बारिश से धान और मटर की फसल खतरे में है। यदि यह मौसम लंबे समय तक बना रहा, तो नुकसान होना तय है।”
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और उत्तरी जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है। हवा की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच सकती है। इसके कारण आमजन को आने वाले दिनों में बारिश और हवा से बचाव की सलाह दी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव से फसलों और खेती पर असर पड़ना सामान्य है, लेकिन किसानों को सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि धान और मटर जैसी फसलें जिन्हें अभी काटा जाना बाकी है, उन्हें अगर मजबूत बांधों या सहारा देने के इंतजाम नहीं किए गए, तो नुकसान संभव है।
स्थानीय प्रशासन ने भी किसानों को चेतावनी जारी की है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए फसल संरक्षण उपाय अपनाएं। इसके अलावा, राज्य में जलभराव और नाले-नालियों की सफाई के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि तेज बारिश से घरों और खेतों को नुकसान न पहुंचे।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार ने बताया,
“रबी फसल की बुवाई के समय मौसम का ऐसा अचानक बदलाव फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर डाल सकता है। किसान जलभराव और तेज हवा से फसलों को सुरक्षित रखने के लिए त्वरित उपाय करें। इसके लिए स्थानीय कृषि अधिकारियों से मदद भी ली जा सकती है।”
उल्लेखनीय है कि तूफान मोंथा भारतीय मौसम विभाग द्वारा घोषित चक्रवाती सिस्टम का हिस्सा है। इसका असर उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में भी देखा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार अगले 48 से 72 घंटों तक राज्य में बारिश और तेज हवाओं का दौर जारी रह सकता है।
किसानों के अलावा आम लोगों के लिए भी मौसम चुनौतीपूर्ण बन गया है। तेज हवाओं और बारिश से लोगों को सड़क और परिवहन के साधनों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन ने वाहन चालकों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
वहीं, किसानों ने यह भी कहा कि मौसम विभाग की ओर से सटीक और समय पर पूर्वानुमान उन्हें बचाव के लिए मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि फसल सुरक्षा के लिए मार्गदर्शन और स्थानीय सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए।
इस तरह, चक्रवाती तूफान मोंथा का असर उत्तर प्रदेश में तेजी से महसूस किया जा रहा है। तेज हवाओं और रिमझिम बारिश ने मौसम को ठंडा कर दिया है, वहीं किसानों की चिंता बढ़ा दी है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य में फसलों की सुरक्षा और आम जन जीवन पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए प्रशासन और मौसम विभाग किस तरह कदम उठाते हैं।








