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जयपुर। राजधानी जयपुर के सीकर रोड पर सोमवार को ऐसा भयानक सड़क हादसा हुआ जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। हरमाड़ा थाना क्षेत्र के लोहा मंडी इलाके में तेज रफ्तार से आ रहे एक भारी डंपर के ब्रेक अचानक फेल हो गए। नियंत्रण खोने के बाद डंपर ने आगे चल रही गाड़ियों को एक के बाद एक कुचल दिया। चंद सेकंड में सड़क पर चीख-पुकार मच गई और दर्जनों वाहन मलबे में तब्दील हो गए। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा दोपहर के समय हुआ जब सड़क पर वाहनों की आवाजाही सामान्य थी। तभी अचानक एक डंपर तेज रफ्तार से आते हुए पहले एक कार से टकराया, फिर पास चल रही बाइक, ऑटो और अन्य वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। डंपर ने करीब 300 मीटर तक वाहनों को रौंदते हुए सड़क के किनारे जाकर रुक पाया। कई वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, और कुछ तो पहचान में भी नहीं आ रहे थे।
घटना के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर घायलों को बाहर निकाला। किसी का हाथ-पैर कटा हुआ था, तो किसी की गर्दन से खून बह रहा था। सड़क पर बिखरे जूते-चप्पल, टूटी गाड़ियाँ और लहूलुहान लोग देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। एक चश्मदीद ने बताया, “हमने बस ब्रेक की आवाज सुनी और फिर कुछ समझने से पहले चारों ओर से चीखें आने लगीं। डंपर बेकाबू होकर वाहनों को रौंदता चला गया।”
सूचना मिलते ही हरमाड़ा थाना पुलिस, ट्रैफिक विभाग और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एंबुलेंस की मदद से घायलों को एसएमएस हॉस्पिटल और नजदीकी ट्रॉमा सेंटरों में भर्ती कराया गया। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि शुरुआती जांच में ब्रेक फेल होना हादसे का मुख्य कारण लग रहा है। हालांकि, वाहन की तकनीकी जांच के बाद ही स्पष्ट स्थिति सामने आएगी।
डंपर चालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया कि वाहन का ब्रेक अचानक काम करना बंद कर गया था। इस बात की पुष्टि के लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों के इलाज में कोई कमी न रहे। वहीं, ट्रैफिक विभाग को भी भारी वाहनों की फिटनेस जांच सख्ती से करने के आदेश दिए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।
स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि सीकर रोड पर आए दिन भारी वाहन तेज रफ्तार से दौड़ते हैं और पुलिस कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रहती है। कई नागरिक संगठनों ने मांग की है कि इस मार्ग पर भारी वाहनों के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही आवागमन की अनुमति दी जाए।
सोशल मीडिया पर हादसे के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें डंपर के चपेट में आते वाहन और सड़क पर फैले मलबे का भयावह दृश्य देखा जा सकता है। हालांकि, पुलिस ने अपील की है कि कोई भी वीडियो साझा न करे जिससे मृतकों और घायलों के परिवारों की भावनाएं आहत हों।
यह हादसा सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति हमारी लापरवाही का परिणाम है। आए दिन राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन भारी वाहनों की तकनीकी जांच और चालकों की ट्रेनिंग पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा।
जयपुर का यह हादसा पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है कि अगर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जारी रही, तो ऐसी घटनाएँ आम बन जाएँगी। ज़रूरत है सख्त कार्रवाई, समय पर वाहन परीक्षण और जनता में जागरूकता बढ़ाने की। फिलहाल, शहर मातम में डूबा है और हर कोई यही दुआ कर रहा है कि घायल लोग जल्द स्वस्थ हों और मृतकों के परिवारों को यह असहनीय दर्द सहने की शक्ति मिले।








