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महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के जिला सहकारी बैंकों (DCCB) में रोजगार नीति को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। चुनावों से ठीक पहले यह निर्णय सार्वजनिक किया गया कि अब इन बैंकों में 70 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय उम्मीदवारों के लिए रिजर्व होंगी, जबकि शेष 30 प्रतिशत नौकरियां अन्य राज्यों और क्षेत्रों के उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध रहेंगी। यह निर्णय 31 डीसीसीबी पर लागू होगा।
सरकार का यह कदम स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया माना जा रहा है। फडणवीस सरकार ने स्पष्ट किया कि यह नीति स्थानीय प्रतिभा को प्राथमिकता देने और स्थानीय समुदायों में बैंकिंग सेवा को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में है।
राज्य के वित्त विभाग ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह नीति चुनावी मौसम को देखते हुए रोजगार के अवसरों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसके तहत राज्य के जिला सहकारी बैंकों में भर्तियों की प्रक्रिया अब इस नई नियमावली के अनुरूप होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, बल्कि बैंकिंग क्षेत्र में स्थानीय कर्मचारियों की भागीदारी और जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करेगा। स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति से बैंकिंग सेवाओं में क्षेत्रीय अनुभव और बेहतर समझ को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस निर्णय के अनुसार, जिला सहकारी बैंकों में भर्ती होने वाले ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के स्थानीय उम्मीदवार अब प्राथमिकता के साथ चयनित होंगे। यह पहल राज्य में ग्रामीण रोजगार और स्थानीय आर्थिक विकास में भी सहायक साबित होगी।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि बाकी 30 प्रतिशत नौकरियों के लिए अन्य राज्यों के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकेंगे, जिससे प्रतिस्पर्धा और योग्यतम उम्मीदवारों के चयन का संतुलन बना रहेगा। इस कदम से यह भी सुनिश्चित होगा कि बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता में कोई कमी न आए।
राजनीतिक विश्लेषक इसे फडणवीस सरकार का “मास्टरस्ट्रोक” भी मान रहे हैं। चुनावों से पहले युवाओं और स्थानीय मतदाताओं के बीच इस तरह की सकारात्मक पहल से सरकार और उसकी नीतियों की लोकप्रियता बढ़ सकती है। इसके अलावा, यह निर्णय राज्य के आर्थिक और सामाजिक संतुलन को भी बनाए रखने में सहायक होगा।
स्थानीय उम्मीदवारों के लिए यह अवसर रोजगार और करियर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत युवा अब राज्य के जिला सहकारी बैंकों में स्थायी रोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सख्त दिशानिर्देश और मॉनिटरिंग प्रणाली लागू करने का भी आदेश दिया है।
कुल मिलाकर, महाराष्ट्र सरकार द्वारा जिला सहकारी बैंकों में 70% नौकरियों को स्थानीय उम्मीदवारों के लिए रिजर्व करने का फैसला राज्य की बैंकिंग और रोजगार नीति में ऐतिहासिक बदलाव लाएगा। यह कदम न केवल युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करेगा, बल्कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
फडणवीस सरकार की इस पहल को अब देखना होगा कि आने वाले महीनों में इसके असर और लाभ किस तरह जनता और बैंकिंग क्षेत्र में दिखाई देते हैं। स्थानीय उम्मीदवारों के लिए यह नीति निश्चित रूप से रोजगार, विकास और अवसर की नई दिशा खोलेगी।








