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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 के महिला विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका को हराकर इतिहास रच दिया है। पहली बार यह टीम विश्व कप खिताब जीतने में सफल हुई और पूरे देश में इस उपलब्धि का जश्न मनाया गया। लेकिन इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही एक पुराना विवाद भी फिर से सुर्खियों में आ गया है।
पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन का एक पुराना बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने महिला क्रिकेट को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की थीं। उनका यह बयान उस समय सुर्खियों में आया था जब महिला क्रिकेट को लेकर उनकी आलोचना और दृष्टिकोण पर सवाल उठ रहे थे। अब जब भारतीय महिला टीम ने विश्व कप जीतकर इतिहास रचा है, तब उनके पुराने कमेंट्स को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।
एन. श्रीनिवासन का कथित बयान महिला खिलाड़ियों की क्षमता और खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता नजर आता है। हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि यह बयान पुराने दृष्टिकोण और समय की मानसिकता का हिस्सा था, लेकिन आज की महिला टीम की उपलब्धियों को देखते हुए यह टिप्पणी पूरी तरह गलत साबित हुई है।
भारतीय महिला टीम की कप्तान स्मृति मंधाना और प्रमुख खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर खिताब जीतने में अहम भूमिका निभाई। टीम ने सेमीफाइनल और फाइनल मैचों में उच्च स्तरीय खेल दिखाया और विपक्षी टीम को हराकर प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की। इस जीत ने देश भर में महिला क्रिकेट के प्रति नई जागरूकता और उत्साह पैदा किया है।
सोशल मीडिया पर एन. श्रीनिवासन के बयान को लेकर व्यापक बहस हो रही है। कई उपयोगकर्ताओं ने लिखा कि उनके पुराने कमेंट्स महिला क्रिकेट को कमतर आंकने वाले नजरिए का प्रतीक हैं, जबकि कुछ लोगों ने इसे पुराने दौर की सोच करार देते हुए कहा कि अब स्थिति बदल चुकी है। देश की महिला टीम ने साबित कर दिया कि उनके पास कौशल, मेहनत और समर्पण किसी से कम नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरल बयान ने महिला क्रिकेट के महत्व और उसकी सफलता को और उजागर किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर इस तरह के पुराने विवादित बयानों का पुनः वायरल होना कई बार सकारात्मक संदेश भी देता है, क्योंकि इससे खिलाड़ियों की उपलब्धियों की महत्ता और भी बढ़ जाती है।
बीसीसीआई के प्रवक्ता ने कहा, “महिला क्रिकेट की इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही हमारा ध्यान खिलाड़ियों के कौशल और खेल के विकास पर है। पुराने बयान सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहे हैं, यह अलग बात है, लेकिन अब खेल के स्तर और उपलब्धियों को ही महत्व देना चाहिए।”
विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह सफलता न केवल खेल के स्तर को बढ़ावा देती है, बल्कि महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी है। उनके द्वारा दिखाया गया समर्पण, रणनीति और एकजुटता पुरुषों के मुकाबले किसी भी स्तर पर कम नहीं है। इस जीत ने साबित कर दिया कि महिला क्रिकेट अब सिर्फ पुरुष क्रिकेट की सहायक श्रेणी नहीं है, बल्कि खुद में एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी खेल बन चुका है।
एन. श्रीनिवासन के पुराने बयान के वायरल होने के बाद कई युवा क्रिकेट प्रेमियों और महिला खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना है कि यह जीत समाज और खेल जगत में लिंग समानता और महिलाओं की क्षमता के महत्व को उजागर करती है।
कुल मिलाकर, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह जीत सिर्फ एक खेल उपलब्धि नहीं है। यह महिला सशक्तिकरण, मेहनत और उत्कृष्टता का प्रतीक है। एन. श्रीनिवासन के पुराने विवादित बयान को भले ही सोशल मीडिया पर दोबारा तवज्जो मिली हो, लेकिन महिला टीम ने अपने खेल और खिताब के माध्यम से साबित कर दिया कि उनके योगदान और सफलता किसी भी पुराने दृष्टिकोण से कम नहीं हैं।
इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही महिला क्रिकेट को नए आयाम और मान्यता मिली है। देशभर में युवा महिला खिलाड़ी अब अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रेरित हैं और आने वाले वर्षों में भारतीय महिला क्रिकेट की सफलता की नई कहानियाँ देखने को मिलेंगी।








