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नासिक सिविल अस्पताल ने तंबाकू मुक्त स्वास्थ्य संस्थान बनाने की दिशा में एक अनूठी पहल की है। अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर हाल ही में स्थापित ‘तंबाकू छोड़ो बॉक्स’ ने मरीजों, उनके परिजनों और स्टाफ को यह संदेश दिया है कि अस्पताल परिसर में तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन व ले जाना प्रतिबंधित है। इस पहल का उद्देश्य सिर्फ अस्पताल को स्वच्छ बनाना नहीं है, बल्कि तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है।
जिले के सिविल सर्जन चारुदत्त शिंदे ने बताया कि सभी आगंतुकों और मरीजों के परिचारकों की जांच की जाएगी और अगर किसी के पास तंबाकू उत्पाद पाए गए तो उन्हें बॉक्स में जमा करना अनिवार्य होगा। साथ ही, जो व्यक्ति तंबाकू का सेवन कर चुका हो, उसे तुरंत मुंह धोने की सलाह दी जाएगी। इस व्यवस्था से अस्पताल परिसर में स्वच्छता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा रही है।
पेडियाट्रिशियन डॉ. अविनाश गोरे ने बताया कि बॉक्स की शुरुआत के कुछ ही दिनों में लगभग 38 किलो तंबाकू और तंबाकू से जुड़े उत्पाद इसमें जमा किए जा चुके हैं। इन उत्पादों को सुरक्षित तरीके से निपटाया जा रहा है। उनका कहना है कि इस पहल से न केवल परिसर की सफाई में सुधार हुआ है बल्कि आगंतुकों और मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा में भी मदद मिली है।
यह पहल Cigarettes and Other Tobacco Products Act, 2003 (COTPA) के अनुपालन में भी महत्वपूर्ण कदम है। COTPA के तहत सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों का सेवन व ले जाना प्रतिबंधित है। अस्पताल ने इस कानून का पालन करते हुए परिसर को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तंबाकू का सेवन नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। तंबाकू से कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। नासिक सिविल अस्पताल की यह पहल न केवल इन रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करेगी, बल्कि मरीजों और आगंतुकों के बीच तंबाकू‑मुक्त जीवनशैली के लिए प्रेरणा भी बनेगी।
अस्पताल प्रशासन ने भविष्य में और कदम उठाने की योजना बनाई है। आने वाले महीनों में परिसर में ‘तंबाकू सेवन निषेध’ के संकेत बोर्ड, जागरूकता पोस्टर और तंबाकू छोड़ने के लिए काउंसलिंग सुविधा भी शुरू की जाएगी। साथ ही नियमित निरीक्षण किया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति तंबाकू उत्पाद लेकर परिसर में प्रवेश न कर सके।
समाज और मीडिया ने इस पहल की सराहना की है। कई सामाजिक कार्यकर्ता इसे स्वास्थ्य जागरूकता और स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने अन्य सरकारी और निजी संस्थाओं को भी इस मॉडल को अपनाने की प्रेरणा दी है, ताकि पूरे नासिक जिले में तंबाकू‑मुक्त स्वास्थ्य संस्थाओं की श्रृंखला विकसित हो सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल न केवल अस्पतालों में, बल्कि स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर भी अपनाई जानी चाहिए। तंबाकू के उपयोग को रोकने के साथ-साथ यह स्वस्थ जीवनशैली के प्रति लोगों में सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित करेगा।
कुल मिलाकर, नासिक सिविल अस्पताल का यह कदम एक छोटा लेकिन प्रभावशाली उदाहरण है कि किस तरह स्वास्थ्य संस्थान सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सकते हैं। यह पहल आने वाले समय में न केवल जिले में बल्कि पूरे राज्य में स्वास्थ्य और तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में मिसाल साबित हो सकती है।








