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नासिक। महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव शहर में रविवार रात एक मामूली झगड़े ने बड़ा रूप ले लिया। बच्चों के बीच हुए आपसी विवाद ने देखते ही देखते दो समुदायों के बीच तनाव का माहौल पैदा कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि इलाके में पथराव और फायरिंग तक हो गई। इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं, जबकि पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए भारी बल तैनात किया है।
घटना मालेगांव के अहमदनगर रोड स्थित पुराने बाजार इलाके की बताई जा रही है, जहां दो परिवारों के बच्चों के बीच किसी छोटे से मुद्दे को लेकर कहासुनी हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह विवाद पहले तो केवल कुछ बच्चों के बीच धक्का-मुक्की तक सीमित था, लेकिन जल्द ही बड़े लोग भी इसमें शामिल हो गए। दोनों पक्षों के बीच बहस बढ़ी और देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि रात करीब 9:30 बजे के आसपास माहौल अचानक बिगड़ गया। पथराव के दौरान कई दुकानों और वाहनों को नुकसान हुआ। कुछ शरारती तत्वों ने हवा में फायरिंग भी की, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इलाके में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए।
पुलिस को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, तत्काल कई थानों से बल बुलाया गया। मालेगांव शहर पुलिस, SRPF (स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स) और क्राइम ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंचीं। एसपी नासिक ग्रामीण श्री संदीप देशमुख ने स्थिति का जायजा लिया और देर रात तक फ्लैग मार्च किया गया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बच्चों के बीच हुआ यह झगड़ा “गलतफहमी” के कारण हुआ था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज भी किया और 15 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।
एसपी देशमुख ने बताया —
“स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने इलाके में इंटरनेट सेवा पर निगरानी रखी है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।”
घटना के बाद से ही पूरे मालेगांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। मुख्य चौक, बाजार क्षेत्र और संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
स्थानीय प्रशासन ने सुबह से ही इलाके में धारा 144 लागू कर दी है, जिससे चार से अधिक लोगों के एक साथ जुटने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्कूल और बाजार एहतियातन बंद रखे गए हैं।
इस बीच, मालेगांव नगर निगम और स्थानीय नेताओं ने शांति की अपील की है। शहर के कुछ वरिष्ठ नागरिकों ने दोनों समुदायों के लोगों के साथ बैठक कर माहौल शांत करने का प्रयास किया। सामाजिक कार्यकर्ता इमरान शेख ने कहा,
“मालेगांव की पहचान अमन और भाईचारे से है। कुछ लोगों की हरकतों से शहर की छवि खराब नहीं होने दी जाएगी।”
वहीं, इस घटना को लेकर राज्य सरकार भी सतर्क हो गई है। गृह मंत्रालय ने नासिक पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य के गृह मंत्री ने कहा कि “ऐसे मामलों में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई फेक वीडियो और पुराने क्लिप्स वायरल हो रहे हैं, जिन्हें पुलिस ने फर्जी बताया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अपुष्ट जानकारी पर विश्वास न करें।
वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन पुलिस बल अभी भी इलाके में तैनात है ताकि किसी भी संभावित घटना को रोका जा सके। मालेगांव जैसे संवेदनशील क्षेत्र में यह घटना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि छोटी सी चिंगारी भी सामूहिक हिंसा का रूप ले सकती है, अगर अफवाहें और भावनाएं अनियंत्रित छोड़ दी जाएं। प्रशासन ने कहा है कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।








