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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ईस्टर्न टेक्नोलॉजी और इन्वेस्टमेंट काउंसिल (ESTIC) को औपचारिक रूप से लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये के फंड की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य निजी निवेश को बढ़ावा देना और देश की आर्थिक वृद्धि को तेज़ करना है। इस पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा और उद्योगों के विकास में सहयोग मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि भारत में निवेश के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं और सरकार ने इसे प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह फंड केवल बड़ी कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए भी उपलब्ध होगा, जिससे रोजगार सृजन और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
ईडीटीआईसी फंड के तहत निवेशकों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और बाजार तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसका लक्ष्य भारतीय उद्योगों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करना और देश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना है।
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह फंड भारत में निजी निवेश को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि भारत सरकार पूरी तरह से पारदर्शिता और निवेश सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश में निवेश करने के लिए यह सही समय है, और ईडीटीआईसी इसके लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फंड से भारत की अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। निजी निवेश में वृद्धि से उत्पादन, रोजगार और तकनीकी विकास को बल मिलेगा। इससे देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और निवेशकों को आकर्षक अवसर मिलेंगे।
ईडीटीआईसी के तहत शुरू किए गए फंड का उद्देश्य केवल पूंजी प्रवाह बढ़ाना नहीं है, बल्कि उद्योगों में नवाचार और आधुनिक तकनीक को भी प्रोत्साहित करना है। इससे भारतीय कंपनियाँ वैश्विक बाजारों में मजबूत स्थिति बनाने में सक्षम होंगी।
सरकार ने यह भी कहा कि फंड के क्रियान्वयन में निजी निवेशकों, उद्योग विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं का सहयोग लिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि फंड का उपयोग प्रभावी और पारदर्शी तरीके से किया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कदम भारत को निवेश और उद्योग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने उद्योगपतियों और निवेशकों से आग्रह किया कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान दें।
विशेषज्ञों के अनुसार, 1 लाख करोड़ रुपये का यह फंड भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा। इससे न केवल निवेश में वृद्धि होगी, बल्कि तकनीकी नवाचार और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा। भारत को वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक प्रमुख स्थल के रूप में स्थापित करने में यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा।
ईडीटीआईसी और फंड लॉन्च के बाद आने वाले महीनों में कई निवेश परियोजनाओं की शुरुआत होने की संभावना है। इससे भारत में उद्योगों की वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों में सुधार देखने को मिलेगा।
इस पहल से यह स्पष्ट है कि भारत सरकार निजी निवेश को बढ़ावा देने और देश को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम से निवेशक और उद्योग जगत दोनों ही उत्साहित हैं और भविष्य में नई परियोजनाओं और नवाचार की उम्मीद की जा रही है।








