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जम्मू-कश्मीर की वादियों में क्रिकेट का रोमांच तब ठंडा पड़ गया जब हाल ही में शुरू हुई टी20 लीग विवादों के भंवर में फंस गई। 25 अक्टूबर को बड़े उत्साह और चमक-दमक के साथ शुरू हुई इस लीग का नजारा किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट से कम नहीं था। उद्घाटन समारोह में आतिशबाजी, संगीत और क्रिकेट की धूम मचाई गई थी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद यह लीग धोखाधड़ी और अव्यवस्था की मिसाल बन गई।
जानकारी के मुताबिक, इस टी20 लीग में क्रिस गेल, ड्वेन स्मिथ, कोरी एंडरसन जैसे विदेशी खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया था। आयोजकों ने दावा किया था कि यह टूर्नामेंट श्रीनगर के लिए ऐतिहासिक साबित होगा और इससे स्थानीय क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिलेगी। परंतु, 2 नवंबर की रात सब कुछ बदल गया।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, टूर्नामेंट के आयोजक अचानक श्रीनगर छोड़कर फरार हो गए। खिलाड़ियों और स्टाफ को होटल में ठहराया गया था, लेकिन सुबह उठते ही उन्हें पता चला कि आयोजकों ने न तो होटल का भुगतान किया और न ही खिलाड़ियों के मैच फीस का कोई इंतजाम किया था।
विदेशी खिलाड़ियों में से कई ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई। वेस्टइंडीज के स्टार बल्लेबाज क्रिस गेल ने अपने आधिकारिक अकाउंट पर लिखा,
“हम यहां खेलने आए थे, लेकिन अब हम होटल के कमरे में फंसे हुए हैं। कोई आयोजन समिति नहीं, कोई जानकारी नहीं — ये हमारे साथ मज़ाक है।”
इस पोस्ट के बाद मामला तेजी से वायरल हो गया और क्रिकेट जगत में हलचल मच गई। श्रीनगर पुलिस को इसकी जानकारी दी गई, जिसके बाद जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आयोजकों पर धोखाधड़ी और अनुबंध उल्लंघन के आरोपों की जांच की जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, लीग के आयोजक एक नई खेल संस्था के नाम पर रजिस्टर्ड थे, जिन्होंने खिलाड़ियों को भारी रकम का वादा किया था। टूर्नामेंट की तैयारियों में करोड़ों रुपये खर्च होने की बात सामने आई थी, लेकिन वित्तीय अनियमितताओं और मैनेजमेंट की कमी ने पूरे आयोजन को विवादों में डाल दिया।
टूर्नामेंट में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों में भी आक्रोश देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर के ऑलराउंडर आकिब नबी ने कहा,
“हमने सोचा था कि यह कश्मीर क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय होगा, लेकिन यह एक धोखा साबित हुआ। विदेशी खिलाड़ियों के सामने भारत की छवि को नुकसान पहुंचा है।”
होटल प्रबंधन ने भी स्थिति स्पष्ट की कि आयोजकों ने बुकिंग के लिए अग्रिम भुगतान तो किया, लेकिन बाकी बिल चुकाए बिना फरार हो गए। अब होटल प्रशासन खिलाड़ियों से भुगतान की मांग कर रहा है, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए हैं।
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न सिर्फ एक टूर्नामेंट की विफलता है बल्कि भारत में निजी क्रिकेट लीगों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। हाल के वर्षों में कई राज्यों में छोटे स्तर की टी20 लीग शुरू की गईं, लेकिन अधिकतर में वित्तीय गड़बड़ियों और पारदर्शिता की कमी देखने को मिली है।
इस घटना के बाद भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। बोर्ड से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई का इस लीग से कोई संबंध नहीं है और वह खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है।
वहीं, क्रिकेट प्रेमियों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि कैसे विदेशी खिलाड़ियों को आकर्षित करने के नाम पर ऐसे टूर्नामेंटों के पीछे व्यावसायिक धोखाधड़ी का जाल फैलाया जा रहा है।
क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि अगर समय रहते ऐसे आयोजनों पर नियंत्रण नहीं रखा गया, तो यह भारतीय क्रिकेट की साख पर बुरा असर डाल सकता है।
वर्तमान में श्रीनगर पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस टीमों को दिल्ली और मुंबई में उनके ठिकानों पर भेजा गया है, जबकि विदेशी खिलाड़ियों को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।
क्रिकेट की दुनिया में यह घटना एक चेतावनी बनकर सामने आई है — कि शोहरत और चकाचौंध के बीच भी पारदर्शिता और भरोसे का अभाव किसी भी खेल आयोजन को धराशायी कर सकता है।








