




नागपुर पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय के आसपास की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक सख्त आदेश जारी किया है। यह आदेश मुख्यालय के साथ-साथ आस-पास के मार्गों और स्थानीय आवासीय व व्यापारिक इलाकों पर 25 अगस्त 2025 से 23 अक्टूबर 2025 तक लागू रहेगा। इस दौरान उक्त क्षेत्र में फ़ोटोग्राफ़ी, वीडियोग्राफ़ी और ड्रोन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। आदेश के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करेगा, उस पर भारतीय न्यायिक संहिता की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
1. आदेश की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
RSS मुख्यालय नागपुर के महल इलाके में स्थित है, जो एक घनी आबादी और व्यापारिक गतिविधियों से भरा क्षेत्र है—यहां होटल, लॉज, कोचिंग संस्थाएँ और आवासीय भवन अनेक हैं। ऐसे माहौल में लोगों का आवागमन भारी और लगातार होता है। पुलिस अधिकारियों को चिंता है कि इस क्षेत्र में बिना अनुमति के फ़ोटोग्राफ़ी, वीडियोग्राफ़ी या ड्रोन की गतिविधियाँ संभावित सुरक्षा खतरे पैदा कर सकती हैं—विशेषकर जब क्षेत्र में लोग सतर्कता से कमजोर हो सकते हैं।
इस प्रकार, यह प्रतिबंध केवल चुनाव या विशेष आयोजन तक सीमित नहीं, बल्कि एक रूटीन सुरक्षा कदम के तहत लागू किया गया है, ताकि RSS परिसर और आसपास के इलाकों को संभव खतरों से सुरक्षित रखा जा सके।
2. आदेश की प्रावधान और कानूनी आधार
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क्रियावधि: 25 अगस्त 2025 से 23 अक्टूबर 2025 तक यह प्रतिबंध लागू रहेगा—कुल दो महीने का समयकाल, जिसके माध्यम से क्षेत्र की निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
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कानूनी आधार: आदेश पुलिस आयुक्त रविंदर सिंगल द्वारा जारी किया गया और नियमों के उल्लंघन पर धारा 223 (भारतीय न्यायिक संहिता) के तहत कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है। यह धारा अनधिकृत या अवांछित रिकॉर्डिंग से जुड़े मामलों में प्रयुक्त होती है।
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कवरेज क्षेत्र: सिर्फ RSS मुख्यालय ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े सड़कों और आसपास के व्यस्त आवासीय-व्यापारिक क्षेत्रों को भी इस प्रतिबंध में शामिल किया गया है, जिससे व्यापक सुरक्षा दृष्टिकोण पेश होता है।
3. स्थानीय प्रभाव—नागपुरवासियों और व्यवसायों पर असर
राश्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय के आसपास रहने वाले नागरिकों, व्यवसायों और यात्रियों को इस आदेश की सूचना पहले ही दे दी गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी बाधा न हो—सुरक्षा आश्वासन देने की योजना का एक हिस्सा है। साथ ही, पुलिस भी इस क्षेत्र की सक्रिय निगरानी करेगी ताकि कोई उल्लंघन न हो और प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
यद्यपि दैनिक जीवन पर इसका सीधा बड़ा प्रभाव नजर नहीं आ रहा, लेकिन विशेष अवसरों पर या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यहां आयोजन या फोटोग्राफ़ी करने की योजना बनाने वालों को वांछित परमिशन लेने की आवश्यकता होगी।
4. पूर्व संदर्भ: क्या यह नया कदम है?
इस प्रकार का प्रतिबंध नागपुर में पहले भी लागू किए गए हैं:
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जनवरी—मार्च 2024: पुलिस ने RSS मुख्यालय और आसपास के इलाकों में “नो-ड्रोन जोन” घोषित किया था। उस समय फ़ोटोग्राफ़ी और वीडियोग्राफ़ी पर भी प्रतिबंध था, और उल्लंघन करने वालों को धारा 188 (IPC) के तहत दंड का सामना करना पड़ा था।
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2022 में भी: यह प्रतिबंध उसी तरह जारी था, जिसमें RSS मुख्यालय को संभावित संदिग्ध गतिविधियों के मद्देनज़र सुरक्षित रखने के लिए लागू किया गया था।
यह दर्शाता है कि सुरक्षा दृष्टिकोण से यह कदम नए अभियान की तरह नहीं है, बल्कि समय-समय पर जारी एक स्थिर उपाय है—जो बदलते खतरों और परिवेश के अनुसार दोबारा लागू किया जाता है।
5. व्यापक सुरक्षा दृष्टिकोण और कानूनी नियंत्रण
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सुरक्षा रणनीति: यह प्रतिबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय जैसी संवेदनशील जगहों के लिए लागू एक रणनीतिक सुरक्षा उपाय है—जहां आतंकी हमले या आतंकवादी गतिविधियाँ संभावित होती हैं। ड्रोन या कैमरा रिकॉर्डिंग इस तरह की जगहों पर सूचना-संग्रहण का माध्यम बन सकता है।
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अनुपालन व्यवस्था: पुलिस द्वारा लोगों को इस निर्णय की जानकारी पहले ही दे दी गई है, साथ ही नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए क्षेत्र में निगरानी तैनात की गई है।
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सूचना सुरक्षा और ब्यूरोक्रेसी: यह कदम सूचना की अनधिकृत संभावना को सीमित करने का उद्देश्य रखता है—जिससे संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा बनी रहे।
6. निष्कर्ष
RSS मुख्यालय और आसपास के इलाकों में फ़ोटो, वीडियो और ड्रोन पर लागू यह प्रतिबंध नागपुर पुलिस द्वारा उठाया गया एक अहम और सावधानीपूर्ण सुरक्षा कदम है। यह आदेश दो महीने तक प्रभावी रहेगा और कानूनी रूप से सशक्त है—जो न केवल मुख्य संरचना बल्कि आसपास इलाके को भी संरक्षित रखना चाहता है।
साथ ही, यह कोई नया कदम नहीं, बल्कि समय-समय पर दोहराया जाने वाला एक सुरक्षा उपाय है। नागपुर पुलिस का उद्देश्य स्पष्ट रूप से संकेत करता है कि सार्वजनिक स्थल होने के बावजूद, राष्ट्रीय संस्थानों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए कानूनी और प्रशासनिक हस्तक्षेप आवश्यक हैं।
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