




1. विकास की दिशा में ठोस पहल
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने हाल ही में घोषणा की कि राज्य एक साहसिक और नवोन्मेषी विकास कहानी लिख रहा है, जिसका केंद्र नवाचार (innovation), निवेश (investment), और उद्यमिता (entrepreneurship) है। यह रणनीति राज्य को विशिष्ट आर्थिक और सामाजिक आयामों पर सशक्त कर रही है।
2. APIIP का विस्तार: स्टार्ट-अप्स को मिलेगा और अवसर
इस विकास का सटीक उदाहरण है अरुणाचल प्रदेश इनोवेशन एंड इन्वेस्टमेंट पार्क (APIIP) का विस्तार। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब यह उस वार्षिक क्षमता से अधिक स्टार्ट-अप्स को समायोजित करेगा जो पहले थी—50 स्टार्ट-अप्स प्रति वर्ष।
APIIP की स्थापना अगस्त 2020 में हुई थी और यह अब तक कृषि, आईटी, हस्तशिल्प, और पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 106 स्टार्ट-अप्स का समर्थन कर चुका है—जिनमें से 38% महिलाएं नेतृत्व कर रहीं हैं।
APIIP केवल एक इन्क्यूबेशन सेंटर नहीं है, बल्कि यह नवाचार (innovation), वित्तीय सहयोग (funding support), और उद्यमिता प्रशिक्षण (entrepreneurship training) का संगम है। यहाँ स्टार्ट-अप्स को आइडिया से लेकर प्रोटोटाइप और फिर मार्केट तक पहुँचने की पूरी यात्रा के लिए मार्गदर्शन मिलता है।
APIIP की अब तक की उपलब्धियाँ
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अगस्त 2020 में स्थापित हुए इस पार्क ने अब तक 106 स्टार्ट-अप्स को सहयोग दिया है।
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इनमें से लगभग 38% स्टार्ट-अप्स का नेतृत्व महिलाएँ कर रही हैं, जो इस पहल की समावेशी सोच को दर्शाता है।
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स्टार्ट-अप्स के दायरे में कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प, पर्यटन, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
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यहाँ काम करने वाले कई उद्यमियों ने स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए लो-कॉस्ट टेक्नोलॉजी और ग्रामीण नवाचार को अपनाया है।
इसके अलावा, APIIP अब देश का पहला राज्य-स्तरीय इनक्यूबेटर बन गया है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके स्टार्ट-अप्स का चयन करता है—यह नवाचार को समर्थन देने की स्पष्ट पहल है।
3. नई योजनाओं और पार्टनरशिप से मिलेगी नई शक्ति
मुख्यमंत्री ने “YES Arunachal – Youth Empowerment Sphere” लॉन्च किया—यह पहल युवाओं के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं को एकीकृत करेगी, जिससे उद्यमियों को समर्थन और मार्गदर्शन मिल सके। साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों के साथ सात MoUs पर हस्ताक्षर किए गए, ताकि मेंटरशिप कार्यक्रमों का नारा सच में बदल सके।
देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के दृष्टिकोण को देखते हुए, खांडू ने APIIP को इस मिशन का एक महत्वपूर्ण अंग बताया।
4. उद्योग और स्टार्ट-अप एक साथ: विकास की नयी तस्वीर
APIIP का विस्तार न केवल स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि व्यापक तौर पर राज्य में निवेश को आकर्षित करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। इससे अन्य क्षेत्रों जैसे नवोन्मेषी उद्योग, कृषि आधारित परियोजनाएँ और डिजिटल सेवाओं में नई संभावनाएं खुल रही हैं।
पूर्व में हो चुके Rising Northeast Investors Summit 2025 में अरुणाचल प्रदेश ने कृषि, स्वास्थ्य, पर्यटन, और IT जैसे क्षेत्रों में MoUs पर हस्ताक्षर किए—यह निवेश विकास के व्यापक आधार का परिचायक है।
5. युवाओं को रोजगार देने की नीति
युवा सशक्तिकरण को मुख्यमंत्री ने विशेष प्राथमिकता दी है। पर्यावरणीय संरक्षण के साथ आर्थिक वृद्धि को संतुलित करते हुए, खांडू ने स्पष्ट किया कि आज का युवा नौकरी खोजने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बने—इसी सोच पर राज्य की नीतियाँ निर्मित की जा रही हैं।
उद्योगों से संबंधित कौशल विकास, उद्यमिता प्रशिक्षण, और वित्तीय सहयोग उन्हें स्वावलंबी बनाने के बजाय नौकरी निर्माता बनने की प्रेरणा देता है।
6. समावेशी और सतत विकास की राह
न केवल आर्थिक गतिविधियाँ, बल्कि इन पहलों का सामाजिक प्रभाव भी गहरा है—बॉर्डर क्षेत्रों में कैफ़े, बसे हुए गांवों में बुनियादी ढांचा, और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएँ राज्य को व्यापक रूप से सशक्त बना रही हैं।
यह विकास मॉडल सिर्फ आर्थिक नहीं है बल्कि सामाजिक रूपांतरण, संस्कृतिक स्थिरता, और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी अग्रसर है।
निष्कर्ष
अरुणाचल प्रदेश की यह नई विकास कहानी एक सशक्त, नवाचार-आधारित, और युवाओं को अवसर देने वाला मॉडल है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अगुआई में APIIP का विस्तार, YES Arunachal जैसी पहलों, स्टार्ट-अप्स और महिला-नेतृत्व के समर्थन, और युवा केंद्रित नीतियाँ राज्य को आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर गतिशील बना रही हैं।
यह विकास न केवल भविष्य के लिए एक प्रतिबद्धता है, बल्कि वर्तमान में ज़मीनी बदलाव का प्रमाण भी है—जो अरुणाचल प्रदेश को एक अभिनव और समावेशी राज्य के रूप में स्थापित कर रहा है।
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