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    मुंबई का ऐतिहासिक एल्फिंस्टन ब्रिज: ध्वस्तिकरण की शुरुआत, नागरिकों का विरोध जारी

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    मुंबई के ऐतिहासिक एल्फिंस्टन रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का ध्वस्तिकरण आज से शुरू हो गया है। यह पुल परेल और प्रभादेवी को जोड़ता है और लगभग 125 साल पुराना है। एमएमआरडीए (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा सेवरी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर परियोजना के तहत इस पुल का पुनर्निर्माण किया जा रहा है।

    एल्फिंस्टन ब्रिज मुंबई के मध्य भागों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है। यह पुल परेल और प्रभादेवी रेलवे स्टेशनों के ऊपर से गुजरता है, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करते हैं।

    पुल की संरचना और डिजाइन अब पुराने हो चुके हैं, जिससे यातायात की बढ़ती भीड़ और सुरक्षा संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो रही थीं। इन समस्याओं के समाधान के लिए, एमएमआरडीए ने इस पुल को ध्वस्त कर उसकी जगह एक नया, आधुनिक डबल डेकर फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया है।

    ध्वस्तिकरण की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। पुल के बंद होने से यातायात में भारी परिवर्तन आएगा। एमएमआरडीए और यातायात पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों की योजना बनाई है, ताकि नागरिकों को कम से कम असुविधा हो।

    दादर पूर्व से दादर पश्चिम और दादर मार्केट जाने वाले वाहन तिलक ब्रिज से जा सकते हैं। परेल पूर्व से प्रभादेवी और लोअर परेल जाने वाले वाहन कारी रोड ब्रिज का उपयोग कर सकते हैं। परेल और बायकुला पूर्व से प्रभादेवी, वर्ली, कोस्टल रोड और सी लिंक जाने वाले वाहन चिंचपोकली ब्रिज का उपयोग कर सकते हैं।

    पुल के ध्वस्तिकरण के निर्णय के बाद से स्थानीय नागरिकों में असंतोष और विरोध की भावना देखी जा रही है। कई निवासियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुनर्वास के लिए कोई ठोस योजना नहीं दी गई है। इसके परिणामस्वरूप, कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन और विरोधी गतिविधियाँ देखने को मिली हैं।

    निवासियों का कहना है कि बिना पुनर्वास योजना के पुल का ध्वस्तिकरण उनके लिए असुविधाजनक होगा और उनके जीवन को प्रभावित करेगा। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट और लिखित आश्वासन की मांग की है।

    एमएमआरडीए ने नागरिकों के विरोध को गंभीरता से लिया है और आश्वासन दिया है कि पुनर्वास की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। अधिकारियों ने कहा है कि पुल के ध्वस्त होने से पहले सभी प्रभावित परिवारों को उचित पुनर्वास प्रदान किया जाएगा।

    इसके अलावा, एमएमआरडीए ने यह भी घोषणा की है कि पुल के निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे।

    नए डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण से मुंबई के यातायात में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। यह फ्लाईओवर परेल और प्रभादेवी के बीच यातायात की भीड़ को कम करेगा और यात्रा समय को घटाएगा।

    अधिकारियों के अनुसार, नए फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अगले दो वर्षों में पूरा होने की संभावना है। इस दौरान, एमएमआरडीए और यातायात पुलिस नागरिकों को आवश्यक जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करती रहेगी।

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