




भारतीय स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम के बीच टोक्यो 2025 चैंपियनशिप में हुए कथित हैंडशेक विवाद ने खेल जगत में नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर दोनों खिलाड़ियों ने इसे “मीडिया का ओवरहाइप” बताया, वहीं सोशल मीडिया पर इसे भारत-पाकिस्तान संबंधों से जोड़कर देखा जा रहा है।
विवाद की शुरुआत
टोक्यो 2025 में हुए फाइनल मुकाबले के बाद नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम के बीच औपचारिक हैंडशेक नहीं हुआ। कैमरों ने इस पल को कैद किया और तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। कई यूज़र्स ने इसे जानबूझकर किया गया “बॉयकॉट” बताया, जबकि कुछ ने इसे “सामान्य प्रतिस्पर्धा की स्थिति” करार दिया।
नीरज चोपड़ा की सफाई
नीरज चोपड़ा ने मीडिया से कहा:
“मैं खेल को खेल की तरह देखता हूं। अरशद नदीम मेरे प्रतिस्पर्धी हैं, दुश्मन नहीं। अगर उस पल हैंडशेक नहीं हुआ तो यह किसी नकारात्मक भावना की वजह से नहीं था।”
उन्होंने यह भी कहा कि खेलों को राजनीति से जोड़ना एथलीट्स के लिए अनुचित है।
अरशद नदीम का बयान
पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके और नीरज के बीच आपसी सम्मान है।
उन्होंने कहा: “मैं नीरज का सम्मान करता हूं। वह एक शानदार खिलाड़ी हैं। मीडिया को इस घटना को बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर बहस
सोशल मीडिया पर यह मामला आग की तरह फैल गया। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में #NeerajChopra और #ArshadNadeem ट्रेंड करने लगे।
कुछ यूज़र्स ने इसे “देशभक्ति का प्रतीक” बताया, जबकि कुछ ने इसे खिलाड़ियों पर अनावश्यक दबाव बनाने वाली सोच करार दिया।
खेल कूटनीति और भारत-पाक संबंध
यह घटना खेल कूटनीति (Sports Diplomacy) के नजरिए से भी देखी जा रही है। खेल जगत अक्सर दोनों देशों के बीच “सॉफ्ट डिप्लोमेसी” का काम करता है। 2021 टोक्यो ओलंपिक में नीरज और अरशद की दोस्ताना बॉन्डिंग ने दोनों देशों के बीच सकारात्मक संदेश दिया था। लेकिन टोक्यो 2025 का यह विवाद उस छवि के बिल्कुल उलट दिखाई दिया।
विशेषज्ञों की राय
खेल विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला खेल भावना से ज्यादा मीडिया नैरेटिव का हिस्सा है।
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पूर्व खिलाड़ी कहते हैं कि खिलाड़ियों को दबाव में डालने की बजाय उनके प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत-पाक के बीच हर घटना को राजनीति के चश्मे से देखा जाता है, यही वजह है कि यह मामूली घटना भी बड़ा मुद्दा बन गई।
जनता की प्रतिक्रिया
भारत में लोग नीरज चोपड़ा के पक्ष में खड़े दिखे और कहा कि खिलाड़ियों को व्यक्तिगत फैसले लेने का अधिकार है। वहीं पाकिस्तान में कुछ वर्ग ने अरशद नदीम को “नजरअंदाज” किए जाने की बात कही।
हालांकि दोनों देशों में बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि खेल को खेल की तरह देखा जाना चाहिए।
नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम का यह कथित हैंडशेक विवाद खेल की दुनिया में यह दिखाता है कि कैसे एक छोटी सी घटना को मीडिया और सोशल मीडिया मिलकर बड़ा बना सकते हैं। दोनों खिलाड़ियों ने साफ कर दिया है कि उनके बीच कोई दुश्मनी नहीं है, बल्कि आपसी सम्मान है।
यह मामला इस बात का भी संकेत है कि भारत और पाकिस्तान के बीच खेल संबंध हमेशा राजनीति और भावनाओं के बीच संतुलन साधते रहते हैं। आने वाले टूर्नामेंट्स में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों खिलाड़ी फिर से अपनी दोस्ती और खेल भावना से आलोचकों को कैसे जवाब देते हैं।