




बेंगलुरु, जिसे अक्सर “सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया” कहा जाता है, अपनी टेक कंपनियों, स्टार्टअप्स और कॉर्पोरेट हब के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन हाल ही में यह शहर ट्रैफिक, प्रदूषण और अब सड़कों पर गड्ढों की वजह से सुर्खियों में आ गया है।
Blackbuck के CEO राजेश याबाजी ने अपनी नाराज़गी जताते हुए ऐलान किया है कि कंपनी बेंगलुरु में अपने ऑफिस को बंद कर रही है। याबाजी के अनुसार, शहर की खराब सड़कें, बढ़ते गड्ढे और ट्रैफिक जाम कर्मचारियों के लिए रोज़मर्रा की परेशानी बन गए हैं।
शहर की सड़कें कंपनियों के लिए चुनौती
बेंगलुरु की सड़कें तकनीकी और आर्थिक विकास के बावजूद कई वर्षों से सुधार और रखरखाव के मामले में पिछड़ी हुई हैं। सड़क पर गड्ढे वाहन चालक और पैदल यात्रियों के लिए खतरा बने हुए हैं। ये गड्ढे ना सिर्फ समय की बर्बादी करते हैं, बल्कि वाहनों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
राजेश याबाजी ने अपने बयान में कहा, “हमारी कंपनी के कर्मचारियों को रोज़ाना कार्यालय आने-जाने में बहुत दिक्कतें हो रही हैं। गड्ढों के कारण वाहन खराब होते हैं और समय पर काम पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है। यह स्थिति व्यवसाय संचालन के लिए अस्वीकार्य है।”
कर्नाटक सरकार पर CEO की नाराज़गी
CEO ने कर्नाटक सरकार की सड़कों के रखरखाव और नागरिक सुविधाओं पर ध्यान न देने की आलोचना की। याबाजी का कहना है कि शहर में आर्थिक और तकनीकी विकास तो हुआ है, लेकिन नागरिकों और कंपनियों की मूलभूत जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया गया।
कर्नाटक सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सड़क निर्माण और मरम्मत के कई अभियान चलाए हैं, लेकिन याबाजी के अनुसार, यह प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। “हम तकनीकी और व्यापार के मामले में बेंगलुरु को पसंद करते हैं, लेकिन सड़कें और ट्रैफिक समस्याएं व्यवसाय को प्रभावित कर रही हैं। यदि सुधार नहीं हुआ, तो और कंपनियां भी इसी रास्ते पर चल सकती हैं।”
ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या
बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या पहले से ही आम है। विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती आबादी, वाहन संख्या और अव्यवस्थित सड़क निर्माण ने शहर की स्थिति को गंभीर बना दिया है।
सड़क पर गड्ढों के कारण वाहन संचालन धीमा हो गया है और इसका असर कार्मिक उत्पादकता और लॉजिस्टिक ऑपरेशन पर पड़ रहा है। Blackbuck जैसी लॉजिस्टिक और तकनीकी कंपनियों के लिए समय पर डिलीवरी और कर्मचारी आवागमन बेहद महत्वपूर्ण है।
कर्मचारियों और आम जनता पर असर
CEO के बयान के अनुसार, सड़क की यह स्थिति कर्मचारियों की कार्यक्षमता और मानसिक स्थिति पर असर डाल रही है। साथ ही, आम जनता भी गड्ढों और ट्रैफिक जाम से परेशान है। वाहन और दोपहिया चालक सड़क पर गड्ढों के कारण चोटिल होने की संभावना से जूझ रहे हैं।
भविष्य की रणनीति
Blackbuck की योजना है कि बेंगलुरु ऑफिस को बंद करने के बाद, कंपनी के ऑपरेशन को अन्य शहरों या स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए, जहां बुनियादी संरचना बेहतर हो और कर्मचारियों को सुरक्षित और समय पर काम करने का अवसर मिले।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बेंगलुरु शहर ने जल्द ही सड़क सुधार और ट्रैफिक प्रबंधन पर ध्यान नहीं दिया, तो यह और कंपनियों के लिए भी एक चिंता का विषय बन सकता है।
बेंगलुरु शहर की तकनीकी और व्यापारिक पहचान को बनाए रखने के लिए सड़कों, ट्रैफिक प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं में सुधार जरूरी है। CEO राजेश याबाजी का यह कदम शहर के प्रशासन और सरकार के लिए चेतावनी है कि यदि बुनियादी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया, तो व्यवसायिक और आर्थिक नुकसान बढ़ सकता है।