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    हार का ग़म, झुके कंधे और उदासी… मोहम्मद सिराज ने बताया कैसे पीएम मोदी ने बढ़ाया टीम इंडिया का हौसला

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    क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में मिली हार ने टीम इंडिया को गहरा आघात पहुंचाया था। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में करोड़ों फैन्स की उम्मीदों के बीच जब भारत खिताब से चूक गया, तो खिलाड़ियों के चेहरे पर निराशा और कंधों पर हार का बोझ साफ झलक रहा था। इसी दौर की याद साझा करते हुए तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने खुलासा किया है कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया और हार की पीड़ा को थोड़ा हल्का किया।

    मोहम्मद सिराज ने एक इंटरव्यू में बताया कि फाइनल हारने के बाद ड्रेसिंग रूम का माहौल बेहद भारी था। खिलाड़ी आपस में कम ही बात कर रहे थे। हर किसी की आंखों में निराशा और चेहरे पर ग़म साफ झलक रहा था। सिराज ने कहा – “हम सबके कंधे झुके हुए थे। माहौल बहुत चुप्पी भरा था। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहें।”

    इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक ड्रेसिंग रूम पहुंचे। खिलाड़ियों ने उम्मीद नहीं की थी कि पीएम खुद हार के तुरंत बाद मिलने आएंगे। सिराज ने कहा – “जैसे ही पीएम मोदी अंदर आए, माहौल बदल गया। उन्होंने हमसे एक-एक करके बात की और कहा कि हार-जीत खेल का हिस्सा है। आपने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया और देश को गर्व महसूस कराया।”

    सिराज ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने हर खिलाड़ी का हाथ पकड़कर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने खासतौर पर कहा – “झुके कंधों को सीधा करो। तुम लोगों ने करोड़ों भारतीयों का दिल जीता है। आज हार मिली है लेकिन आने वाला कल जीत का होगा।”

    इन शब्दों ने खिलाड़ियों की आंखों में चमक और चेहरे पर मुस्कान लौटा दी। सिराज ने माना कि पीएम की यह पहल उनके लिए बहुत बड़ी प्रेरणा साबित हुई।

    भारत ने इस विश्व कप में लगातार 10 मुकाबले जीते थे और फाइनल तक का सफर शानदार रहा। विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने टीम को अजेय बना दिया था। लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को मात देकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।

    सिराज ने कहा कि हार का दर्द गहरा था, लेकिन जब उन्होंने सोशल मीडिया और स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की प्रतिक्रिया देखी, तो अहसास हुआ कि देशवासी हार में भी टीम इंडिया के साथ खड़े हैं। पीएम मोदी की मुलाकात ने इस विश्वास को और मजबूत कर दिया।

    विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय पर राजनीतिक नेतृत्व का समर्थन टीम को मानसिक मजबूती देता है। भारत ने टूर्नामेंट में जो खेल दिखाया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।

    मोहम्मद सिराज का यह खुलासा बताता है कि हार-जीत से बड़ा खिलाड़ियों का मनोबल और आत्मविश्वास होता है। प्रधानमंत्री मोदी का खिलाड़ियों से मिलना और उनका हौसला बढ़ाना यह संदेश देता है कि देश केवल ट्रॉफी से नहीं बल्कि खिलाड़ियों की मेहनत और जज्बे से भी गर्व महसूस करता है।

    टीम इंडिया भले ही फाइनल हार गई हो, लेकिन इस टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जो प्रदर्शन किया और जिस तरह खिलाड़ियों ने पीएम मोदी से प्रेरणा पाई, वह आने वाले समय में नई जीत की नींव रखेगा।

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