




भारत में डिजिटल पेमेंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच UPI ऐप मोबिक्विक पर एक बड़ा फ्रॉड सामने आया है। कंपनी के यूजर्स के लगभग 40 करोड़ रुपये ठगों के हाथ लग गए। इस मामले ने देश में UPI और डिजिटल पेमेंट सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बड़े फ्रॉड का कारण हाल ही में हुए सॉफ्टवेयर अपडेट में हुई चूक है। अपडेट के दौरान सिक्योरिटी चेक डिसेबल हो गया, जिससे ठगों को यूजर्स के पैसे चुराने का मौका मिला।
फ्रॉड कैसे हुआ?
मॉबिक्विक ऐप के यूजर्स ने शिकायत की कि अचानक उनके अकाउंट से अज्ञात ट्रांजैक्शन होने लगे।
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फ्रॉड में कुल 40 करोड़ रुपये के लेनदेन शामिल थे।
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अपडेट से पहले ऐप में मल्टी-लेयर सिक्योरिटी चेक मौजूद था, जो किसी भी संदिग्ध ट्रांजैक्शन को रोकता था।
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अपडेट के बाद यह चेक डिसेबल हो गया और ठगों ने इसे भुनाया।
मोबिक्विक के एक प्रवक्ता ने कहा:
“हमें यूजर्स की शिकायतों का पता चला है। हमारी टीम मामले की जांच कर रही है और प्रभावित यूजर्स के पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”
डिजिटल पेमेंट में बढ़ते खतरे
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल पेमेंट और UPI ऐप्स के माध्यम से फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
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सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान सिक्योरिटी चेक को ठीक से टेस्ट नहीं किया गया।
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यूजर्स के अकाउंट में OTP और ऑथेंटिकेशन मेथड्स के बावजूद ठगी हुई।
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साइबर क्राइम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यूजर्स को डिजिटल पेमेंट ऐप्स में सतर्क रहना चाहिए।
मोबिक्विक की प्रतिक्रिया
मोबिक्विक ने कहा कि वे तकनीकी सुधार और सिक्योरिटी अपडेट के साथ फ्रॉड रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं।
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ऐप में सिक्योरिटी लेयर को फिर से एक्टिव किया गया।
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प्रभावित यूजर्स के पैसे जल्द से जल्द लौटाने का आश्वासन दिया गया।
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कंपनी ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रियल-टाइम ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग बढ़ाई जाएगी।
यूजर्स को क्या करना चाहिए
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का सुझाव है कि डिजिटल पेमेंट ऐप्स इस्तेमाल करते समय यूजर्स को सतर्क रहना चाहिए।
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सॉफ्टवेयर अपडेट्स तुरंत इंस्टॉल करें, लेकिन अपडेट नोट्स जरूर पढ़ें।
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किसी भी संदिग्ध ट्रांजैक्शन पर तुरंत बैंक या ऐप को सूचित करें।
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OTP, PIN और पासवर्ड कभी भी किसी के साथ शेयर न करें।
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नियमित रूप से अकाउंट की स्टेटमेंट और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जांचते रहें।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में सुरक्षा की निगरानी अत्यंत आवश्यक है।
मोबिक्विक UPI ऐप पर हुए 40 करोड़ रुपये के फ्रॉड ने डिजिटल पेमेंट सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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यह मामला सॉफ्टवेयर अपडेट और सिक्योरिटी चेक की अनदेखी के कारण हुआ।
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यूजर्स के पैसे और भरोसा दोनों प्रभावित हुए हैं।
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ऐप कंपनियों को भविष्य में सुरक्षा, टेस्टिंग और रियल-टाइम मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान देना होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल इंडिया के सफर में यह घटना एक चेतावनी है कि सुरक्षा पर कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए।