




उत्तराखंड में मानसून इस समय पूरी तरह सक्रिय है और पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे हालात में लोगों को अभी राहत मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। राज्य के कई जिलों में सड़कें टूट गई हैं, नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन से यातायात बाधित हो रहा है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर और देहरादून जिलों में भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है।
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इस दौरान बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं भी हो सकती हैं।
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स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
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चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रुकें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
बारिश का सबसे ज्यादा असर चारधाम यात्रा पर देखने को मिला है।
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बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की ओर जाने वाले रास्तों पर कई जगह भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं।
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हजारों यात्री विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए हैं।
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प्रशासन लगातार मलबा हटाने का काम कर रहा है, लेकिन लगातार बारिश के कारण काम में दिक्कत आ रही है।
देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे मैदानी इलाकों में भी तेज बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
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कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है।
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ग्रामीण इलाकों में नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
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बिजली आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क भी कई जगहों पर बाधित हो रहा है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDRF) ने सभी जिलों में टीमों को तैनात किया है।
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हेल्पलाइन नंबर सक्रिय किए गए हैं ताकि जरूरतमंद लोगों तक तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
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पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात जवानों को विशेष रूप से भूस्खलन प्रभावित मार्गों पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल मानसून के दौरान यही हाल होता है।
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सड़कें टूट जाती हैं, बिजली कट जाती है और बाजार तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
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किसानों की फसलें भी पानी में डूब गई हैं।
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कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है।
उत्तराखंड की ताजा तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
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लोग प्रशासन से बेहतर व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
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कई यूजर्स ने यह भी लिखा कि पहाड़ों में हर साल होने वाली इस त्रासदी से बचने के लिए स्थायी समाधान तलाशना होगा।
उत्तराखंड में फिलहाल हालात सामान्य नहीं हैं। मौसम विभाग की चेतावनी साफ कर रही है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में लोगों से अपील है कि वे अफवाहों से बचें, सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करें।