




बॉम्बे हाईकोर्ट को एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार बम धमकी का ईमेल मिला है। हालांकि, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जांच में यह धमकी झूठी साबित हुई है। इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई और कर्मचारियों व वकीलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए।
जानकारी के अनुसार, धमकी वाला ईमेल सोमवार सुबह कोर्ट प्रशासन को प्राप्त हुआ। ईमेल में कथित रूप से बम विस्फोट की चेतावनी दी गई थी। इसके तुरंत बाद कोर्ट प्रशासन ने मुंबई पुलिस के Anti-Terrorist Squad (ATS) को सूचित किया।
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यह ईमेल पहली धमकी मिलने के लगभग सात दिन बाद आया।
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पहली धमकी में भी ऐसा ही संदेश था, जिसे जांच में झूठा पाया गया था।
कोर्ट प्रशासन और पुलिस ने धमकी मिलने के बाद सुरक्षा को कड़ा कर दिया।
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सभी प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जांच बढ़ाई गई।
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वकीलों, न्यायाधीशों और कर्मचारियों को सतर्क रहने का निर्देश।
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बैग और पैकेज स्कैनिंग के लिए विशेष उपकरण लगाए गए।
पुलिस ने बताया कि कोर्ट परिसर के आसपास संदिग्ध वस्तुओं के लिए जांच अभियान भी चलाया गया। किसी भी विस्फोटक सामग्री का पता नहीं चला।
Mumbai Police ने कहा कि यह धमकी ईमेल किसी वास्तविक हमले का संकेत नहीं देता।
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Cyber Cell और ATS ने ईमेल का तकनीकी विश्लेषण किया।
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जांच में यह स्पष्ट हुआ कि धमकी देने वाला व्यक्ति वास्तविक नहीं था और यह साइबर शरारत या झूठा बयान था।
पुलिस ने कहा कि पहले धमकी के मामले में भी संदिग्ध का पता नहीं चला था। इस बार भी ऐसे किसी व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील और कर्मचारियों ने कहा कि यह घटनाएं चिंता का कारण हैं, लेकिन सुरक्षा उपायों से उन्हें आत्मविश्वास मिला है।
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एक वरिष्ठ वकील ने कहा, “हालांकि यह झूठा धमकी निकला, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से सतर्क रहना जरूरी है।”
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कुछ कर्मचारियों ने भी सुरक्षा बढ़ाने की प्रशंसा की और कहा कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत होना चाहिए।
बॉम्बे हाईकोर्ट प्रशासन ने मीडिया को बताया कि सभी मामलों में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि झूठी धमकियों के बावजूद कोर्ट की कार्यवाही सामान्य रूप से जारी रहेगी।
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कोर्ट परिसर में आने वाले वकीलों और आम जनता से अनुरोध किया गया कि वे संदिग्ध वस्तु या ईमेल के मामले में तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
बॉम्बे हाईकोर्ट में लगातार झूठी धमकियों की घटनाओं से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। हालांकि, दोनों ही धमकियां झूठी और हानिरहित पाई गई हैं, लेकिन यह घटना कोर्ट परिसर में सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने का अवसर बन गई है।
पुलिस ने कहा कि भविष्य में ऐसे झूठे ईमेल और धमकियों को रोकने के लिए साइबर निगरानी और कोर्ट सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मजबूत किया जाएगा।