




विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रमिक वर्ग को बड़ी सौगात दी है। राजधानी रायपुर में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन के दौरान लगभग 1,84,220 श्रमिकों को करीब ₹65 करोड़ की वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए दी गई।
यह आयोजन न केवल वित्तीय मदद तक सीमित रहा, बल्कि इसमें श्रमिकों के लिए मकान निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ी कई नई घोषणाएँ भी की गईं।
DBT से पारदर्शिता और भरोसा
सरकार द्वारा दी गई वित्तीय सहायता को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा गया। DBT प्रणाली से भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है। इससे श्रमिकों का सरकार पर भरोसा और मजबूत हुआ है।
मकान निर्माण में मदद
महासम्मेलन में यह भी घोषणा की गई कि श्रमिक परिवारों के लिए मकान निर्माण योजनाओं को और व्यापक बनाया जाएगा। “सभी के लिए घर” के लक्ष्य को पूरा करने के लिए श्रमिकों को सस्ती दरों पर आवास और निर्माण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके साथ ही उन श्रमिक परिवारों के लिए विशेष योजनाएँ चलाई जाएंगी जिनके पास स्थायी आवास नहीं है।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
श्रमिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत करने पर जोर दिया गया।
सरकार ने घोषणा की कि श्रमिकों को अधिक अस्पतालों से जोड़ा जाएगा और उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा, श्रमिकों के बच्चों और परिवारजनों के लिए भी स्वास्थ्य जांच शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ
महासम्मेलन में यह भी स्पष्ट किया गया कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे बीमा, पेंशन और शिक्षा सहायता का लाभ और तेज़ी से पहुँचाया जाएगा।
खासतौर पर अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को भी इन योजनाओं से जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें भी समान सुविधाएं मिल सकें।
श्रमिक कल्याण में छत्तीसगढ़ का प्रयास
छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में कई कदम उठाए हैं।
मजदूरों को रोजगार गारंटी, बीमा कवरेज, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा सहायता जैसी योजनाएँ चलाई गई हैं।
इस बार विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित श्रमिक महासम्मेलन ने एक बार फिर साबित किया कि राज्य सरकार श्रमिक वर्ग को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए गंभीर है।
श्रमिकों की भूमिका पर जोर
महासम्मेलन में वक्ताओं ने यह भी कहा कि श्रमिक देश की रीढ़ हैं। चाहे निर्माण कार्य हो, औद्योगिक उत्पादन हो या कृषि का सहयोग, हर क्षेत्र में श्रमिकों की मेहनत और समर्पण अहम भूमिका निभाता है।
श्रमिकों की मेहनत से ही देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। इसलिए उनका सम्मान और कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
लाभार्थियों की खुशी
कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों ने अपनी खुशी जाहिर की। कई श्रमिकों ने कहा कि इस तरह की सहायता उन्हें न केवल आर्थिक सुरक्षा देती है बल्कि यह भी अहसास कराती है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
मकान निर्माण और स्वास्थ्य योजनाओं की घोषणाओं को श्रमिक परिवारों ने “बड़ी राहत” बताया।
विश्वकर्मा जयंती पर रायपुर में आयोजित यह श्रमिक महासम्मेलन एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है।
जहाँ एक ओर लगभग 1.84 लाख श्रमिकों को ₹65 करोड़ की वित्तीय सहायता DBT के माध्यम से दी गई, वहीं दूसरी ओर मकान निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी योजनाओं की घोषणाओं ने श्रमिक वर्ग की उम्मीदों को और मजबूत किया है।
यह पहल न केवल श्रमिकों को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि श्रमिक वर्ग ही वास्तव में समाज और अर्थव्यवस्था की नींव है।