




भारत के महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट ने शनिवार को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल कर लिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुजरात में परियोजना की सबसे महत्वपूर्ण सुरंग (टनल) का ब्रेकथ्रू (Breakthrough) करते हुए घोषणा की कि बुलेट ट्रेन का पहला फेज़ 2027 तक शुरू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखी जा रही बुलेट ट्रेन योजना भारत में आधुनिक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक मानी जा रही है। यह परियोजना भारत और जापान की तकनीकी साझेदारी का परिणाम है। जापानी तकनीक शिंकानसेन (Shinkansen) पर आधारित यह ट्रेन 320 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी।
मुंबई और अहमदाबाद के बीच करीब 508 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसमें 12 प्रमुख स्टेशन होंगे और यह दूरी ट्रेन मात्र 2 घंटे 7 मिनट में तय करेगी।
अश्विनी वैष्णव ने टनल ब्रेकथ्रू के मौके पर कहा—
“भारत ने आज बुलेट ट्रेन परियोजना में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन हमारी इंजीनियरिंग टीम ने इसे सफलता से पूरा किया। यह दर्शाता है कि भारत अब हाई-स्पीड रेल तकनीक में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।”
यह टनल मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर का एक अहम हिस्सा है। इसे अत्याधुनिक मशीनों और सेफ्टी तकनीक से बनाया गया है, ताकि ट्रेन की गति और यात्रियों की सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हों।
रेल मंत्री ने साफ किया कि परियोजना का पहला चरण 2027 तक शुरू कर दिया जाएगा। शुरुआत में बुलेट ट्रेन अहमदाबाद और वडोदरा के बीच चलेगी। उसके बाद धीरे-धीरे इसे मुंबई तक विस्तार दिया जाएगा।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब तक परियोजना में 75% से अधिक भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है, और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
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समय की बचत: मुंबई-अहमदाबाद के बीच 7 घंटे की यात्रा अब सिर्फ 2 घंटे में पूरी होगी।
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आर्थिक विकास: इस प्रोजेक्ट से निर्माण, रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: भारत को जापान से हाई-स्पीड रेल तकनीक सीखने और लागू करने का अवसर मिलेगा।
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पर्यावरण अनुकूल: बुलेट ट्रेन को ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण हितैषी तकनीक पर तैयार किया जा रहा है।
गुजरात और महाराष्ट्र के लोग इस परियोजना को लेकर बेहद उत्साहित हैं। व्यापारियों का मानना है कि इस रेल मार्ग से दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक गतिविधियाँ तेज होंगी। वहीं आम यात्रियों का कहना है कि बुलेट ट्रेन उन्हें एयरलाइन जैसी स्पीड तो देगी ही, लेकिन किराया अपेक्षाकृत सस्ता होने से यह यात्रा सभी के लिए सुलभ होगी।
हालांकि विपक्षी दलों ने इस परियोजना पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट बेहद महंगा है और इसका खर्च आम जनता की जेब पर भारी पड़ेगा। कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों का आरोप है कि सरकार यह प्रोजेक्ट सिर्फ राजनीतिक शोपीस बनाने में लगी है।
लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि यह प्रोजेक्ट आने वाले दशकों तक भारत की अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षमता को नई दिशा देगा।
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भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा।
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टनल ब्रेकथ्रू के साथ कई अन्य निर्माण कार्य भी तेज।
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जापान से अत्याधुनिक ट्रेन सेट भारत में लाने की प्रक्रिया शुरू।
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अहमदाबाद और मुंबई के बीच पुलों, स्टेशन और सुरंगों पर तेजी से काम जारी।
रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का सपना है कि देश का रेल नेटवर्क दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणालियों में शामिल हो। उन्होंने भरोसा जताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट समय पर पूरा होगा और भारतीय रेलवे को नई पहचान देगा।
उन्होंने कहा—
“बुलेट ट्रेन सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह भारत के आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बड़ा कदम है।”
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना अब तेज़ी से अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रही है। टनल ब्रेकथ्रू इस बात का संकेत है कि भारत हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के नए युग में प्रवेश कर रहा है। यदि सब कुछ समय पर रहा तो 2027 तक देश के लोग बुलेट ट्रेन की 320 किमी/घंटा की रफ्तार का अनुभव कर सकेंगे।