




भारतीय रेलवे ने यात्रियों को एक बड़ी राहत देते हुए रेल नीर (Rail Neer) पैक्ड पानी की बोतल की कीमत घटा दी है। यह फैसला हाल ही में जीएसटी (GST) दर में कटौती के बाद लिया गया है। रेलवे के इस कदम से लाखों यात्रियों को सीधे तौर पर फायदा होगा, क्योंकि अब उन्हें यात्रा के दौरान स्वच्छ और मानक पैक्ड पानी पहले से कम दाम पर मिलेगा।
भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के मुताबिक, जीएसटी दर में कटौती के बाद रेल नीर की बोतलें यात्रियों को कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाएंगी। पहले जहां 1 लीटर की बोतल 20 रुपये में मिलती थी, वहीं अब इसे घटाकर लगभग 15 रुपये कर दिया गया है।
यानी यात्रियों को हर बोतल पर सीधा 5 रुपये की बचत होगी।
रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों को अकसर मंहगे ब्रांडेड पानी खरीदने की मजबूरी होती थी। निजी विक्रेता रेल नीर की बजाय अन्य बोतलबंद पानी ऊँचे दामों पर बेचते रहे हैं। ऐसे में रेलवे ने कीमत घटाकर यात्रियों को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें सस्ता और साफ पानी अब आसानी से मिलेगा।
यात्रियों का कहना है कि रेल नीर की बोतलें न केवल किफ़ायती हैं बल्कि गुणवत्ता में भी भरोसेमंद हैं क्योंकि इन्हें भारतीय रेलवे द्वारा ही निर्मित और वितरित किया जाता है।
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रेल नीर का उत्पादन रेलवे के अधीन संयंत्रों में किया जाता है।
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यह पैक्ड पानी आईएसआई मानक पर आधारित है।
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इसमें अशुद्धियों की जांच के लिए कई स्तरों की फिल्टरिंग होती है।
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निजी कंपनियों की तुलना में इसकी कीमत हमेशा कम रखी जाती है।
रेलवे का दावा है कि रेल नीर पानी की शुद्धता और गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाता।
पेयजल और पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर पर जीएसटी दर को हाल ही में 18% से घटाकर 12% कर दिया गया है। रेलवे ने तुरंत इसका असर यात्रियों तक पहुंचाने का फैसला लिया।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि:
“सरकार चाहती है कि यात्रियों को यात्रा के दौरान बुनियादी सुविधाएं सस्ती और सुलभ मिलें। रेल नीर की कीमत घटाना इसी दिशा में उठाया गया कदम है।”
दिल्ली से पटना जाने वाली ट्रेन के एक यात्री ने कहा—
“अक्सर रेलवे स्टेशन पर 25–30 रुपये की बोतल खरीदनी पड़ती थी। रेल नीर अब 15 रुपये में मिल रहा है, यह सही मायनों में बड़ी राहत है।”
वहीं एक अन्य यात्री ने कहा कि रेलवे को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर स्टेशन और ट्रेन में रेल नीर उपलब्ध हो, ताकि लोग निजी विक्रेताओं के महंगे पानी पर निर्भर न रहें।
रेल नीर की कीमत घटने के बाद मांग और भी बढ़ जाएगी। ऐसे में रेलवे के लिए चुनौती होगी कि वह हर जगह पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराए।
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फिलहाल देश भर में IRCTC के 17 से ज्यादा रेल नीर प्लांट काम कर रहे हैं।
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आने वाले समय में और संयंत्र स्थापित करने की योजना है ताकि बढ़ती मांग पूरी की जा सके।
रेलवे का लक्ष्य है कि देश के हर स्टेशन और हर ट्रेन में यात्रियों को रेल नीर आसानी से मिले।
रेल नीर की कीमत घटाने से रेलवे का मकसद यह भी है कि निजी विक्रेताओं द्वारा यात्रियों से वसूले जाने वाले मंहगे पानी पर रोक लगे।
अक्सर देखा गया है कि प्लेटफॉर्म पर रेल नीर की उपलब्धता सीमित रहती है और निजी ब्रांड महंगे दाम पर यात्रियों को बेचे जाते हैं।
अब कीमत घटने और सप्लाई बढ़ने से यात्रियों को वैकल्पिक और सस्ता विकल्प मिलेगा, जिससे निजी कंपनियों पर भी दबाव बढ़ेगा।
भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों को बेहतर सुविधा देने की दिशा में कदम उठा रहा है। हाल ही में:
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ट्रेन में भोजन की गुणवत्ता की निगरानी के लिए AI और QR कोड आधारित सिस्टम लागू किया गया।
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कई स्टेशनों पर RO वाटर डिस्पेंसर मशीनें लगाई गई हैं।
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डिजिटल पेमेंट से पानी और खाने की खरीद आसान बनाई गई है।
रेल नीर की कीमत कम करना भी इसी क्रम का हिस्सा है।
रेलवे हर दिन करोड़ों यात्रियों को सेवाएँ देता है। पैक्ड पानी जैसी बुनियादी चीज़ की कीमत घटने से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी बल्कि:
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रेलवे की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
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यात्रियों का भरोसा मजबूत होगा।
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बड़ी संख्या में लोग रेल नीर खरीदने लगेंगे जिससे इसकी बिक्री और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी होगी।
भारतीय रेलवे का यह कदम यात्रियों के लिए एक सच्चे तोहफ़े जैसा है। जीएसटी दर घटने का सीधा फायदा रेल नीर की कीमत में कमी के रूप में आम जनता तक पहुंचा है। अब यात्रियों को 15 रुपये में मानक पैक्ड पानी मिलेगा, जो न केवल उनकी जेब पर हल्का होगा बल्कि उन्हें गुणवत्ता की भी गारंटी देगा।
आने वाले समय में यह देखना होगा कि रेलवे किस तरह बढ़ती मांग को पूरा करता है और क्या वह हर ट्रेन और हर स्टेशन पर रेल नीर की 100% उपलब्धता सुनिश्चित कर पाएगा। लेकिन इतना तय है कि यह फैसला यात्रियों को राहत देने और रेलवे की छवि को मजबूत करने में बड़ा कदम साबित होगा।