




गाजियाबाद में पिछले 21 महीनों के दौरान साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। एनसीआरपी (National Cybercrime Reporting Portal) पर दर्ज शिकायतों के अनुसार, इस अवधि में 577 लोग साइबर ठगी का शिकार हुए हैं। इन मामलों में लगभग 1.40 अरब रुपये की कमाई साइबर अपराधियों के हाथों चली गई।
एनसीआरपी पोर्टल पर कार्रवाई
एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद, ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों को फिल्टर कर चिह्नित किया जा रहा है। संबंधित खातों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है ताकि वास्तविक नुकसान की पुष्टि हो सके। बैंक खातों और डिजिटल ट्रांजेक्शनों की जांच से अपराधियों का पता लगाने और पीड़ितों की रकम की वसूली में मदद मिल रही है।
साक्ष्य और कार्रवाई
साइबर फ्रॉड के मामलों में पीड़ितों को अपने डिजिटल ट्रांजेक्शनों और बैंक स्टेटमेंट का साक्ष्य उपलब्ध कराना होता है। जिन लोगों ने साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए, उनके खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल और संबंधित बैंकें कार्रवाई कर रही हैं। यह कदम अपराधियों की पहचान और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को मजबूत बनाता है।
साइबर ठगी के सामान्य प्रकार
गाजियाबाद में सामने आए मामलों में अधिकांश ठगी ऑनलाइन लेन-देन, फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स, मोबाइल बैंकिंग धोखाधड़ी और सोशल मीडिया फ्रॉड से संबंधित थे। अपराधी डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करके पीड़ितों से पैसे निकाल लेते हैं और अपने ट्रैक को छुपा देते हैं।
सुरक्षा के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहना चाहिए। ऑनलाइन लेन-देन करते समय सुरक्षित वेबसाइट और बैंकिंग पोर्टल का उपयोग करें। कभी भी किसी अनजान व्यक्ति या लिंक के माध्यम से बैंक डिटेल्स साझा न करें। एनसीआरपी पोर्टल पर समय-समय पर सुरक्षा संबंधी गाइडलाइन्स प्रकाशित की जाती रहती हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।
गाजियाबाद में 577 लोगों की 1.40 अरब रुपये की ठगी ने साइबर सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर कर दिया है। एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से बैंक खातों की जांच और साक्ष्य जुटाने का प्रयास जारी है। यह कदम डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों को नियंत्रित करने और पीड़ितों की मदद करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।