




महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में मंगलवार की रात एक गंभीर निर्माण हादसे ने सभी को चौंका दिया। फुलेवाड़ी क्षेत्र में नगर निगम द्वारा बनवाए जा रहे एक निर्माणाधीन फायर स्टेशन की छत (स्लैब) अचानक ढह गई, जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई और कम से कम पाँच लोग घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब यह घटना घटी, तब निर्माण स्थल पर काम चल रहा था। मजदूर स्लैब के नीचे कार्य कर रहे थे कि तभी स्लैब अचानक भरभरा कर गिर गई और कई लोग मलबे में दब गए।
यह घटना मंगलवार शाम लगभग 8 बजे की बताई जा रही है। फुलेवाड़ी, कोल्हापुर का एक प्रमुख आवासीय व वाणिज्यिक इलाका है, जहाँ नगर निगम द्वारा एक नया फायर स्टेशन बनाया जा रहा था।
घटना स्थल पर तुरंत फायर ब्रिगेड, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम (NDRF) और स्थानीय नागरिक बचाव के लिए पहुंचे। दो JCB मशीनें मलबा हटाने में लगाई गईं।
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मृतक की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।
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पाँच घायल मजदूरों को तुरंत CPR अस्पताल, कोल्हापुर में भर्ती कराया गया है। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
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अनुमान है कि अभी भी कुछ लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं।
प्रशासन की ओर से यह संकेत मिला है कि निर्माण की गुणवत्ता में लापरवाही या तकनीकी खामी इस हादसे का कारण हो सकती है।
प्राथमिक स्तर पर आशंका जताई जा रही है कि स्लैब ढलाई के दौरान समुचित सपोर्ट स्ट्रक्चर नहीं लगाया गया था, जिससे यह भारी दुर्घटना हुई।
कोल्हापुर नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया:
“फायर स्टेशन का यह निर्माण कार्य अंतिम चरण में था। हादसे की पूर्ण जांच के लिए तकनीकी समिति गठित की गई है। दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन बचाव कार्य शुरू किया।
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मलबा हटाने के लिए JCB और मैनुअल श्रमिक लगाए गए।
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मेडिकल टीम द्वारा घायलों को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भेजा गया।
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एनडीआरएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है।
कोल्हापुर के जिलाधिकारी ने कहा:
“हमारा प्राथमिक उद्देश्य मलबे में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है। इसके बाद विस्तृत जांच की जाएगी।”
हादसे के बाद स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों में भारी रोष देखने को मिला।
लोगों का कहना है कि नगर निगम की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्यों में अक्सर गुणवत्ता से समझौता किया जाता है और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा:
“यह हादसा अगर दिन में हुआ होता तो और भी बड़े नुकसान की आशंका थी। प्रशासन को इससे सबक लेना चाहिए।”
कोल्हापुर पुलिस ने इस घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर ली है और ठेकेदार, साइट सुपरवाइजर व अन्य जिम्मेदार लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है।
नगर निगम आयुक्त ने हादसे की स्वतंत्र तकनीकी जांच समिति से रिपोर्ट माँगी है, जो 7 दिनों में सौंपनी है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र में निर्माणाधीन इमारत की स्लैब गिरने से जान-माल का नुकसान हुआ हो।
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सितंबर 2025 में नवी मुंबई में एक स्कूल गेट की स्लैब गिरने से 1 की मौत हुई थी।
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जुलाई 2024 में पुणे में एक निर्माण स्थल पर इसी तरह का हादसा हुआ था।
यह घटनाएँ दर्शाती हैं कि भारत में निर्माण स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की सख्त जरूरत है।
कोल्हापुर की यह दर्दनाक घटना प्रशासन, ठेकेदारों और नीति-निर्माताओं के लिए एक चेतावनी है।
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क्या निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है?
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क्या साइट पर योग्य इंजीनियर और सुपरविजन टीम मौजूद रहती है?
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क्या निर्माण सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है?
ये प्रश्न सिर्फ कोल्हापुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के हर निर्माण स्थल के लिए जरूरी हैं।