




तिरुपति में शुक्रवार सुबह शहर में एक बम धमाके की चेतावनी ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ आतंकवादी समूहों ने तिरुपति को निशाना बनाने की धमकी दी थी। विशेषकर आईएसआई और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तामिल ईलम (लिट्टे) के तत्वाधिकारियों से जुड़े आतंकियों की इस साजिश का पता चला है।
पुलिस को यह जानकारी तब मिली जब तिरुपति के प्रशासनिक अधिकारियों को एक ईमेल प्राप्त हुआ। ईमेल में साफ तौर पर तिरुपति के धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को निशाना बनाने की बात लिखी गई थी। इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने तत्काल प्रभाव से सुरक्षा उपायों को लागू किया।
शुक्रवार सुबह, पुलिस ने शहर के विभिन्न हिस्सों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इसमें रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, प्रमुख मंदिर और भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल शामिल थे। सुरक्षा बलों ने बम स्क्वाड और विशेषज्ञ टीमों को मौके पर तैनात किया। तलाशी अभियान लगभग दो घंटे तक जारी रहा और किसी भी संदिग्ध वस्तु को तुरंत निष्क्रिय किया गया।
तिरुपति पुलिस ने आम नागरिकों से शांति बनाए रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने की अपील की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सभी संभावित खतरों का आकलन किया जा रहा है।
सुरक्षा बलों ने शहर में अतिरिक्त जवान तैनात किए और मंदिरों के आसपास सुरक्षा चौकसी बढ़ाई। विशेष रूप से तिरुपति मंदिर और इसके आसपास के बाजार क्षेत्रों में पैदल और वाहन दोनों प्रकार की गश्त तेज़ कर दी गई।
आईएसआई और लिट्टे से जुड़े आतंकियों की इस साजिश के पीछे धार्मिक और राजनीतिक उद्देश्यों की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों समूह पहले भी देश में विभिन्न संवेदनशील स्थलों पर हमले की योजना बना चुके हैं। इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय एजेंसियों को भी सूचना दी गई है।
तिरुपति प्रशासन ने कहा कि इस प्रकार की धमकियां आम तौर पर आतंकियों द्वारा भय पैदा करने और सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को भुनाने के लिए दी जाती हैं। हालांकि, इस बार पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत और प्रभावी कदम उठाए, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद मिली।
पुलिस अधिकारियों ने आगे कहा कि इस मामले में सभी साजिशकर्ताओं की पहचान के लिए तकनीकी और गुप्त स्रोतों का उपयोग किया जा रहा है। ईमेल और डिजिटल ट्रेल की जांच की जा रही है ताकि धमकी देने वाले आतंकवादियों तक पहुंचा जा सके।
तिरुपति जैसे धार्मिक स्थल पर इस प्रकार की धमकी ने आम लोगों में चिंता और भय उत्पन्न कर दिया। प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा बढ़ाई और श्रद्धालुओं को मंदिर में आने-जाने में कोई बाधा न आने देने की योजना बनाई।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि तिरुपति को निशाना बनाने की योजना इस बात का संकेत है कि आतंकवादी समूह देश के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर हमले की तैयारी कर रहे हैं। यह न केवल देश की सुरक्षा के लिए चुनौती है बल्कि धार्मिक सद्भाव को भी प्रभावित कर सकता है।
अधिकारी यह भी बता रहे हैं कि बम धमकी की जांच में साइबर सुरक्षा टीम, एंटी टेररिस्ट स्क्वाड और स्थानीय पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाया गया है। सभी संभावित खतरों को कम करने के लिए ड्रोन सर्विलांस और डिजिटल मॉनिटरिंग का सहारा लिया जा रहा है।
तिरुपति पुलिस ने कहा कि शहर में सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ आम जनता को भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करना अनिवार्य किया गया है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि आतंकवादी समूह किसी भी समय और किसी भी जगह धमकी देने में सक्षम हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और सक्रियता ही सुरक्षा की कुंजी है।
तिरुपति बम धमकी मामले में सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और व्यापक तलाशी अभियान ने किसी भी अप्रिय घटना को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं और दोषियों को गिरफ्तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
इस मामले ने एक बार फिर देश में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और आतंकवाद के खतरों पर ध्यान केंद्रित किया है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार सतर्क हैं और तिरुपति जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर सुरक्षा की दृष्टि से कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।