




संवाददाता | राजेश चौधरी | जयपुर
राजस्थान के जयपुर में आज भूमि विकास बैंक की साधारण सभा की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें हनुमानगढ़ के चेयरमैन राजेंद्र सिहाग ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस बैठक में उन्होंने किसानों की समस्याओं को केंद्र में रखते हुए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे और कहा कि बैंक की नीतियां तभी सार्थक होंगी जब वे सीधे किसान के हित में उतरें।
बैठक में चेयरमैन राजेंद्र सिहाग ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने इस योजना को किसानों के लिए राहत की सांस बताते हुए कहा कि कई किसान भुगतान की समयसीमा में थोड़ी देरी से वंचित रह जाते हैं, इसलिए इस योजना की समयावधि बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है।
इसके साथ ही उन्होंने मृतक किसानों के परिवारों के लिए विशेष राहत नीति बनाने का सुझाव दिया। सिहाग ने कहा कि ऐसे परिवारों को न केवल लोन माफी की सुविधा मिले, बल्कि बैंक को उन्हें पुनर्वास और सम्मानजनक सहायता भी देनी चाहिए।
राजेंद्र सिहाग ने बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा कि बैंक को किसानों को ट्रैक्टर लोन बिना जमीन गिरवी रखे देने पर विचार करना चाहिए। उनका कहना था कि कई छोटे किसान खेती में तकनीकी सुधार चाहते हैं लेकिन भूमि दस्तावेज़ों की जटिल प्रक्रिया के कारण ट्रैक्टर नहीं खरीद पाते। यदि बैंक भरोसेमंद और समय पर भुगतान करने वाले किसानों को बिना जमीन गिरवी रखे लोन की सुविधा दे, तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा।
बैठक में चेयरमैन सिहाग ने एक और सराहनीय सुझाव दिया—जो किसान समय पर बैंक का लोन चुकाते हैं, उन्हें प्रोत्साहन के रूप में अंतिम दो किश्तों का ब्याज माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल ईमानदार किसानों को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि बैंक के प्रति विश्वास और अनुशासन को भी मजबूत करेगा।
इस अवसर पर यह भी उल्लेखनीय रहा कि राजेंद्र सिहाग पहली बार भूमि विकास बैंक हनुमानगढ़ के चेयरमैन बनने के बाद साधारण सभा की बैठक में पहुंचे। बैठक में उपस्थित सभी बैंकों के चेयरमैनों, अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने उनका साफा पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत-अभिनंदन किया।
राजेंद्र सिहाग ने इस गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए सभी का आभार जताते हुए कहा कि यह सम्मान केवल उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी किसानों के लिए है जो दिन-रात मेहनत करके देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे किसानों की भलाई और बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे।
राजेंद्र सिहाग ने कहा कि भूमि विकास बैंक केवल ऋण देने की संस्था नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भर कृषि का स्तंभ है। उन्होंने कहा कि बैंक को चाहिए कि वह आधुनिक तकनीक, डिजिटल लेनदेन और पारदर्शी प्रणाली को अपनाकर किसानों तक अपनी पहुँच बढ़ाए।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बैंक स्तर पर किसानों को वित्तीय साक्षरता और कृषि आधारित प्रशिक्षण देने की योजना बनाई जाए ताकि वे उन्नत कृषि उपकरणों का सही उपयोग कर सकें और अपनी पैदावार में वृद्धि कर सकें।
राजेंद्र सिहाग ने अंत में कहा कि किसानों और बैंक के बीच संबंध केवल उधार और ब्याज का नहीं, बल्कि भरोसे और सहयोग का होना चाहिए। यदि बैंक किसानों को सहयोगी के रूप में देखेगा, तो किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और बैंक की साख भी बढ़ेगी।जयपुर में आयोजित इस बैठक में चेयरमैन राजेंद्र सिहाग ने अपने विचारों से न केवल किसानों की भावनाओं को आवाज़ दी, बल्कि बैंकिंग प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता के लिए ठोस दिशा भी सुझाई। उनके प्रस्तावों से यह स्पष्ट संदेश गया कि सही नेतृत्व और नीतिगत सोच से भूमि विकास बैंक किसानों के विकास का वास्तविक साथी बन सकता है।