




विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान दिल्ली के Jawaharlal Nehru (JLN) स्टेडियम में एक चिंताजनक और शर्मनाक घटना सामने आई है। इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय आयोजन के दौरान, दो अलग-अलग घटनाओं में आवारा कुत्तों ने केन्याई और जापानी कोच को काट लिया। ये घटनाएं न केवल खिलाड़ियों और कोचों के लिए खतरा साबित हुईं, बल्कि आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिया।
पहली घटना में, केन्याई कोच डेनिस मारागिया अपने एथलीट के साथ बातचीत कर रहे थे, जब अचानक एक आवारा कुत्ता उनके पास आया और उन्हें काट लिया। इस घटना के बाद स्टेडियम में हड़कंप मच गया। घायल कोच को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल टेंट ले जाया गया और उनकी हालत को स्थिर रखने के बाद उन्हें अस्पताल भेज दिया गया।
दूसरी घटना में, जापानी कोच मेइको ओकुमात्सु को भी स्टेडियम के वॉर्म-अप क्षेत्र में एक आवारा कुत्ते ने काट लिया। उनके काटे जाने के बाद आयोजकों ने त्वरित रूप से उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की। दोनों कोचों की स्थिति फिलहाल स्थिर है और उनका इलाज जारी है।
विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप आयोजक समिति ने इस घटना पर गहरा खेद जताया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। समिति ने बताया कि वे इस तरह की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली नगर निगम से कई बार अनुरोध कर चुके हैं, ताकि स्टेडियम के आसपास आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान किया जा सके।
घटना के बाद, नगर निगम की ओर से तुरंत दो डॉग-कैचर टीमों को स्टेडियम परिसर में तैनात किया गया, जो आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम कर रही हैं। इसके साथ ही, स्टेडियम परिसर की नियमित सैनिटाइजेशन और सफाई का कार्य भी तेज कर दिया गया है।
विश्व पैरा एथलेटिक्स जैसे बड़े आयोजन में इस प्रकार की सुरक्षा चूक निंदनीय मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आयोजन स्थल पर आवारा जानवरों के नियंत्रण के लिए बेहतर प्रबंधन और कड़ी सुरक्षा इंतजाम जरूरी हैं।
विशेष रूप से, JLN स्टेडियम में पिछले कुछ वर्षों में आवारा कुत्तों से जुड़ी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे सवाल उठते हैं कि आखिर कब तक इस समस्या को नजरअंदाज किया जाएगा। स्टेडियम परिसर के आसपास सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, CCTV कैमरों की निगरानी, और आवारा जानवरों के प्रति जागरूकता अभियान को और सशक्त करने की जरूरत है।
आयोजन समिति ने दिल्ली नगर निगम को पहले भी पत्र भेज कर इस समस्या पर ध्यान देने का आग्रह किया था। नगर निगम के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और डॉग कैचर टीमों के जरिए कुत्तों को पकड़ने और नसबंदी कराने की प्रक्रिया शुरू की है।
इसके अलावा, स्थानीय समुदाय को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे स्टेडियम क्षेत्र में आवारा कुत्तों को भोजन न दें, जिससे उनका आकर्षण कम हो और वे परिसर से दूर रहें।
आगामी दिनो में आयोजकों और नगर निगम के लिए यह चुनौती रहेगी कि वे आवारा कुत्तों की समस्या का स्थायी समाधान खोजें ताकि भविष्य में कोई भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता इस प्रकार की सुरक्षा समस्याओं का सामना न करे।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्थायी डॉग फ्री जोन बनाए जाने चाहिए, जहाँ न सिर्फ आवारा कुत्तों को नियंत्रित किया जा सके, बल्कि पैरा एथलेटिक्स जैसे संवेदनशील आयोजन सुरक्षित वातावरण में संपन्न हों।
विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान हुए इस अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण आवारा कुत्तों के हमले ने आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, कोचों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की गई और उनकी स्थिति स्थिर है, लेकिन यह घटना इस बात का आईना है कि आयोजकों और स्थानीय प्रशासन को मिलकर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे।