




हाल ही में कनाडा में खालिस्तानी कट्टरपंथियों की गतिविधियों ने भारत की विदेश नीति और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। एक सप्ताह के भीतर खालिस्तानी समर्थकों ने दो अलग-अलग सिनेमाघरों में आग लगाने की कोशिश की, जिससे वहां मौजूद लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया। यह घटनाक्रम भारत और कनाडा के बीच संबंधों के सुधार के समय में सामने आया है, जिससे इस मामले ने और भी गंभीर रूप ले लिया है।
जानकारी के अनुसार, खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने कनाडा में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन का विरोध करना शुरू किया। इस विरोध का मकसद केवल सांस्कृतिक स्तर पर ही नहीं था, बल्कि इसे भड़काऊ और हिंसक तरीकों से दिखाने की कोशिश भी की गई। दो सिनेमाघरों में आग लगाने का प्रयास इसके गंभीर प्रमाण हैं। हालांकि, स्थानीय सुरक्षा बल समय पर घटनास्थल पर पहुंचे और किसी बड़े हादसे को टाला जा सका।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि खालिस्तानी समर्थक कनाडा में लंबे समय से सक्रिय हैं। वे समय-समय पर भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त होते रहे हैं, लेकिन अब उनके प्रयास और अधिक गंभीर हो गए हैं। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को निशाना बनाना इसका एक नया रूप माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह घटना सिर्फ सांस्कृतिक विरोध नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ एक राजनीतिक और मानसिक संदेश देने की कोशिश है।
भारत सरकार ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा में अपने दूतावास को अलर्ट पर रखा है और वहां की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई करने की बात कही है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया है कि भारतीय फिल्में और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सुरक्षा बढ़ाई जाए और संभावित खतरों को रोकने के लिए विशेष उपाय किए जाएं।
इस मामले में यह भी ध्यान देने वाली बात है कि दोनों घटनाएं एक सप्ताह के भीतर हुईं। पहली घटना में, एक थिएटर में भारतीय फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लगाने की कोशिश की गई, जिसे समय पर रोका गया। दूसरी घटना में भी लगभग समान परिस्थितियां थीं, लेकिन स्थानीय सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि खालिस्तानी कट्टरपंथियों की यह नई गतिविधि भारत के विदेश नीति और कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। भारत ने कनाडा से अपेक्षा जताई है कि वे अपने यहां खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखें और भारत विरोधी हिंसक प्रवृत्तियों को रोकने के लिए कदम उठाएं।
सिनेमाघरों में आग लगाने की कोशिश के पीछे का मकसद न केवल धमकाना है, बल्कि भारतीय संस्कृति और फिल्म उद्योग के खिलाफ वैश्विक स्तर पर विरोध प्रदर्शित करना भी है। खालिस्तानी समर्थक इस तरह की हिंसा और दहशत फैलाकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि भारतीय फिल्म उद्योग को इस समय विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। फिल्म स्क्रीनिंग, प्रीमियर और अन्य सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा कड़ी करने की सलाह दी गई है। साथ ही, भारतीय नागरिकों और कलाकारों को भी विदेश यात्रा के दौरान सतर्क रहने की चेतावनी जारी की गई है।
विदेश नीति विशेषज्ञों का कहना है कि कनाडा में खालिस्तानी कट्टरपंथियों की यह गतिविधि भारत-कनाडा संबंधों में अस्थिरता पैदा कर सकती है। हालांकि, दोनों देशों की सरकारें इस मसले को लेकर सक्रिय हैं और घटनाओं की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई कर रही हैं।
इससे यह स्पष्ट हो गया है कि खालिस्तानी समर्थक अब सिर्फ सामाजिक या राजनीतिक विरोध तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हिंसक गतिविधियों की तरफ भी बढ़ रहे हैं। यह न केवल भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि और विदेश नीति के लिए भी परीक्षण की स्थिति है।
कुल मिलाकर, कनाडा में भारतीय फिल्मों के खिलाफ खालिस्तानी कट्टरपंथियों की यह नई गतिविधि सुरक्षा एजेंसियों, विदेश मंत्रालय और फिल्म उद्योग के लिए गंभीर चेतावनी है। भारत ने कनाडा से अपेक्षा जताई है कि वे ऐसे तत्वों को सक्रियता से नियंत्रित करें और किसी भी प्रकार की हिंसा और खतरे से भारतीय नागरिकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को सुरक्षित रखें।