




कर्नाटक सरकार ने जल संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए प्रसिद्ध कन्नड़ अभिनेता वशिष्ठ सिम्हा को राज्य के जल संरक्षण अभियान का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति लघु सिंचाई और भूजल विकास विभाग द्वारा की गई है और खास बात यह है कि अभिनेता यह भूमिका बिना किसी पारिश्रमिक के निभा रहे हैं।
राज्य में पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने और भूजल स्तर को सुधारने की दिशा में सरकार ने जो विशेष रणनीति बनाई है, उसमें अब एक लोकप्रिय और जनप्रिय चेहरा भी शामिल हो गया है।
वशिष्ठ सिम्हा को कन्नड़ सिनेमा में उनके दमदार अभिनय और सामाजिक विषयों पर स्पष्ट विचारों के लिए जाना जाता है। सरकार ने उन्हें जल संरक्षण से जुड़ी इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए इसलिए चुना है ताकि उनके माध्यम से यह संदेश राज्य के कोने-कोने तक पहुंचे।
लघु सिंचाई मंत्री ने कहा:
“वशिष्ठ सिम्हा ने बिना किसी पारिश्रमिक के इस अभियान का हिस्सा बनने की सहमति दी है, यह सराहनीय और प्रेरणादायक है।”
स्वयं वशिष्ठ सिम्हा ने कहा:
“जल केवल प्रकृति का उपहार नहीं, बल्कि भविष्य की पूंजी है। हमें आज ही इसे बचाने की पहल करनी होगी।”
कर्नाटक के कई हिस्से, विशेष रूप से उत्तरी कर्नाटक, बीदर, रायचूर, कोप्पल और बेलगावी जैसे जिले काफी समय से जल संकट से जूझ रहे हैं। भूजल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है और पारंपरिक जल स्रोत उपेक्षित अवस्था में हैं।
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पिछले दो वर्षों में वर्षा की असमानता से किसानों को फसल के लिए सिंचाई संकट का सामना करना पड़ा है।
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शहरी इलाकों में जल आपूर्ति बाधित हो रही है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है।
सरकार का मानना है कि केवल तकनीकी उपाय पर्याप्त नहीं, जब तक आमजन तक यह संदेश न पहुंचे।
वशिष्ठ सिम्हा इस अभियान के तहत निम्नलिखित प्रमुख कार्यों में शामिल रहेंगे:
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सोशल मीडिया कैंपेन:
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वे जल संरक्षण से संबंधित वीडियो, संदेश और सुझाव लोगों से साझा करेंगे।
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युवा वर्ग को जोड़ने के लिए प्रेरक पोस्ट और शॉर्ट क्लिप्स का प्रयोग किया जाएगा।
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स्कूल और कॉलेज कार्यक्रम:
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छात्रों को जल संरक्षण के वैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं से अवगत कराएंगे।
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युवाओं को ‘जल योद्धा’ बनने के लिए प्रेरित करेंगे।
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ग्रामीण जागरूकता अभियान:
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गाँवों में जाकर लोगों को पारंपरिक जल स्रोतों के महत्व और पुनरुद्धार पर जानकारी देंगे।
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स्थानीय स्वसहायता समूहों, पंचायतों और किसानों के साथ संवाद करेंगे।
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मीडिया सामग्री:
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जल संरक्षण पर सरकारी डॉक्युमेंट्री, रेडियो कार्यक्रम और विज्ञापनों में भाग लेंगे।
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जल संसाधन विभाग और लघु सिंचाई विभाग के सहयोग से यह अभियान राज्य स्तर पर चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत:
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वर्षा जल संचयन अनिवार्य बनाया जाएगा
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स्कूलों में जल संरक्षण पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे
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शहरी क्षेत्रों में पानी की रिसाव और अपव्यय को रोकने के लिए स्मार्ट मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे
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तालाब, झीलें और कुएं पुनर्जीवित किए जाएंगे
“जनता का विश्वास और सहभागिता जब तक नहीं होगी, तब तक कोई भी योजना टिकाऊ नहीं बन सकती,” – विभाग के सचिव
सोशल मीडिया पर इस घोषणा के बाद से लोगों ने वशिष्ठ सिम्हा के इस कदम की खुलकर सराहना की है।
लोगों ने उन्हें “जन नायक”, “प्रेरणास्रोत” और “सच्चे कलाकार” जैसे उपाधियों से नवाज़ा है।
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा:
“वशिष्ठ सिम्हा जैसे कलाकार जब समाज के लिए खड़े होते हैं, तो बदलाव की शुरुआत होती है।”
जल संरक्षण आज केवल पर्यावरण का मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक अस्तित्व से जुड़ा विषय बन चुका है।
वशिष्ठ सिम्हा जैसे कलाकार का इससे जुड़ना सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि एक सशक्त सामाजिक संदेश है।