




कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु एक बार फिर तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे का गवाह बनी। शिवनपुरा इलाके में एक तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक ने मंदिर से लौट रहीं दो सगी बहनों को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
यह हादसा 3 अक्टूबर की शाम को हुआ। पीड़ित बहनें अपने स्कूटर पर सवार होकर शिवनपुरा स्थित एक मंदिर से घर लौट रही थीं। ट्रक चालक की लापरवाही ने एक पूरे परिवार को गहरे शोक में डाल दिया।
पुलिस के अनुसार, प्रिया (23 वर्ष) और नंदिता (19 वर्ष), जो बहनें थीं, मंदिर से पूजा करके स्कूटर से घर लौट रही थीं। वे जैसे ही शिवनपुरा-जिगानी मार्ग पर पहुंचीं, पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे कंटेनर ट्रक ने उनके स्कूटर को टक्कर मार दी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कूटर लगभग 30 मीटर तक घसीटता चला गया। दोनों बहनों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
केम्पेगौड़ा नगर थाना पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि की कि हादसा रेकलैस ड्राइविंग यानी लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुआ। ट्रक चालक ने न तो ब्रेक मारा और न ही ओवरटेक करते समय हॉर्न बजाया।
पुलिस ने बताया कि:
“प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि ट्रक की रफ्तार नियंत्रण से बाहर थी और ड्राइवर ने ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया।”
हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने वाहन जब्त कर लिया है और चालक की तलाश में विशेष टीम गठित की गई है।
प्रिया और नंदिता अपने माता-पिता की इकलौती संतानें थीं।
पिता एक निजी कंपनी में काम करते हैं और मां गृहिणी हैं।
परिजनों के अनुसार, दोनों बेटियां पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक सेवा से भी जुड़ी हुई थीं।
हादसे की सूचना मिलते ही परिजन बेंगलुरु ग्रामीण जिला अस्पताल पहुंचे, जहां शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
हादसे के बाद क्षेत्रीय निवासियों ने शिवनपुरा मार्ग पर जाम लगा दिया और ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना था:
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इस क्षेत्र में भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही हो रही है।
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ट्रैफिक पुलिस की गश्त नहीं होती।
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स्पीड ब्रेकर और चेतावनी संकेत नहीं लगाए गए हैं।
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पहले भी इसी मार्ग पर हादसे हो चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
लोगों की मांग थी कि सड़क पर स्पीड लिमिट निगरानी कैमरे लगाए जाएं और भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाए।
बेंगलुरु में हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में घायल या मारे जाते हैं।
2024 की रिपोर्ट के अनुसार:
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6,500 से अधिक सड़क हादसे दर्ज हुए।
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इनमें 800 से अधिक लोगों की जान गई।
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70% हादसे दोपहिया वाहन चालकों के साथ हुए।
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मुख्य कारण – ओवरस्पीडिंग, लापरवाही, खराब रोड डिजाइन, और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन।
जैसे ही हादसे की खबर फैली, सोशल मीडिया पर लोगों ने गहरा दुख और गुस्सा जताया।
#JusticeForSisters और #BangaloreRoadSafety ट्रेंड करने लगे।
एक यूज़र ने लिखा:
“सिर्फ हेलमेट पहनने की अपील काफी नहीं, ट्रक चालकों को भी जिम्मेदार बनाना होगा।”
केम्पेगौड़ा नगर पुलिस ने धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और धारा 304A (गैर-इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। ट्रक चालक की तलाश में सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है।
पुलिस ने यह भी कहा है कि जल्द ही:
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सड़क पर चेतावनी संकेत लगाए जाएंगे
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गति सीमा निगरानी शुरू की जाएगी
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ट्रैफिक पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी
बेंगलुरु जैसे महानगर में हर दिन बढ़ते सड़क हादसे सरकार, प्रशासन और नागरिकों – तीनों के लिए चिंता का विषय हैं।
प्रिया और नंदिता की असमय मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था की असफलता का परिणाम है।