




क्रिप्टो बाजार में एक बार फिर जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने बीते 24 घंटों में निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। महज एक दिन के भीतर बाजार से करीब 1.78 लाख करोड़ रुपये (1780000000000 रुपये) का मार्केट कैप गायब हो गया। बिटकॉइन की कीमत अपने रेकॉर्ड हाई से 2 फीसदी से ज्यादा नीचे आ गई है, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई है।
यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब क्रिप्टो बाजार स्थिरता की ओर बढ़ता दिख रहा था। लेकिन वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, नियामक सख्ती और निवेशकों की मुनाफा वसूली की वजह से अचानक यह झटका देखने को मिला।
रिकॉर्ड हाई से नीचे फिसला बिटकॉइन
कुछ ही दिन पहले बिटकॉइन ने वर्ष 2025 में अपना नया उच्चतम स्तर बनाया था। इसकी कीमत $68,000 (लगभग ₹56.6 लाख) के करीब पहुंच गई थी। हालांकि, बीते 24 घंटे में इसमें गिरावट दर्ज की गई और कीमत $66,500 (लगभग ₹55.4 लाख) तक फिसल गई।
यह गिरावट सुनने में भले ही मामूली लगे, लेकिन बाजार की कुल पूंजी पर इसका बड़ा असर पड़ा है। केवल बिटकॉइन ही नहीं, बल्कि इसके साथ एथेरियम (Ethereum), सोलाना (Solana), कार्डानो (Cardano) और डॉजकॉइन (Dogecoin) जैसी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी भी नुकसान में रहीं।
निवेशकों को अरबों रुपये का झटका
CoinMarketCap के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप करीब 1.78 लाख करोड़ रुपये घट गया है। अकेले बिटकॉइन के मार्केट वैल्यू में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
भारतीय निवेशक भी इस झटके से अछूते नहीं रहे। भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटकॉइन की कीमत ₹56 लाख से नीचे आ गई, जिससे रिटेल और छोटे निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
गिरावट की प्रमुख वजहें
इस अचानक आई गिरावट के पीछे कई वैश्विक और तकनीकी कारण बताए जा रहे हैं:
1. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त नीतियां:
अमेरिकी फेड ने संकेत दिए हैं कि ब्याज दरों में निकट भविष्य में किसी बड़ी कटौती की संभावना नहीं है। इस खबर ने जोखिम वाले एसेट्स जैसे क्रिप्टोकरेंसी पर दबाव बढ़ा दिया है।
2. निवेशकों की मुनाफा वसूली:
पिछले कुछ हफ्तों से लगातार बढ़त के बाद निवेशकों ने मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया। यह बिकवाली दबाव अचानक बढ़ गया, जिससे कीमतों में गिरावट आ गई।
3. क्रिप्टो एक्सचेंजों पर दबाव:
कुछ अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो एक्सचेंजों पर लिक्विडिटी की समस्या और बड़ी वॉलेट ट्रांजेक्शन ने भी मार्केट में अस्थिरता बढ़ाई।
4. नियामक सख्ती:
अमेरिका और यूरोप के कई देशों में क्रिप्टो पर नए टैक्स और नियम लागू करने की तैयारियों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
Ethereum, Solana और Dogecoin पर भी असर
बिटकॉइन की गिरावट का सीधा असर अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पर भी पड़ा। एथेरियम की कीमत 3% तक लुढ़क गई और यह $3,050 (₹2.54 लाख) के स्तर पर आ गया।
सोलाना और कार्डानो में 2.5% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि डॉजकॉइन भी 1.8% नीचे आया।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिटकॉइन जब भी गिरता है, तो पूरा क्रिप्टो बाजार साथ खिंचता है, क्योंकि निवेशकों का विश्वास इससे जुड़ा होता है।
निवेशकों में डर और असमंजस का माहौल
क्रिप्टो मार्केट में एक बार फिर “फियर इंडेक्स” यानी भय स्तर बढ़ गया है। कई निवेशक अब सुरक्षित एसेट्स जैसे सोना और बॉन्ड्स की ओर झुक रहे हैं।
हालांकि, कुछ विश्लेषक इस गिरावट को “हेल्दी करेक्शन” यानी स्वस्थ सुधार मान रहे हैं। उनका कहना है कि बाजार में स्थायित्व तभी आता है जब कीमतें समय-समय पर संतुलन बनाती रहें।
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं
क्रिप्टो एनालिस्ट जॉन पीटरसन का कहना है,
“बिटकॉइन की मौजूदा गिरावट अस्थायी है। बाजार में अभी भी बुलिश ट्रेंड कायम है, लेकिन निवेशकों को अल्पकालिक जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए।”
वहीं भारतीय क्रिप्टो एक्सपर्ट अशुतोष सिंह का कहना है,
“भारतीय निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। बिटकॉइन एक अत्यधिक वोलाटाइल एसेट है। इसे दीर्घकालिक निवेश की दृष्टि से देखना चाहिए, न कि एक दिन की गिरावट से निष्कर्ष निकालना।”
आगे क्या हो सकता है?
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में बिटकॉइन की कीमतें $65,000 से $67,000 के दायरे में रह सकती हैं। यदि बाजार में स्थिरता लौटती है, तो नवंबर तक यह फिर से $70,000 के स्तर को छू सकता है।
हालांकि, अगर अमेरिकी आर्थिक नीतियों या क्रिप्टो रेगुलेशन से जुड़ी कोई नकारात्मक खबर आती है, तो कीमतें और नीचे जा सकती हैं।
भारतीय निवेशकों के लिए सलाह
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किसी भी गिरावट में घबराकर निवेश निकालने से बचें।
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केवल विश्वसनीय और विनियमित क्रिप्टो एक्सचेंजों पर ही ट्रेड करें।
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निवेश का विविधीकरण बनाए रखें — केवल बिटकॉइन पर निर्भर न रहें।
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लंबी अवधि की दृष्टि से निवेश करें, क्योंकि बाजार अस्थायी झटकों से बार-बार गुजरता है।
बिटकॉइन की हालिया गिरावट ने एक बार फिर यह साबित किया है कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार जितना आकर्षक है, उतना ही जोखिम भरा भी है।
24 घंटे में 1.78 लाख करोड़ रुपये का नुकसान भले ही डराने वाला हो, लेकिन क्रिप्टो विशेषज्ञ इसे बाजार की स्वाभाविक प्रक्रिया मानते हैं।
निवेशकों के लिए यही सही समय है कि वे भावनाओं से नहीं, बल्कि रणनीति से निर्णय लें — क्योंकि क्रिप्टो की दुनिया में उतार-चढ़ाव ही स्थिरता है।